नई दिल्ली. तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट फैक्ट्री का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के प्रशिक्षित निशानेबाज ने जीप की छत पर खड़े होकर गोलियां चलाई थीं. पुलिस की इस अमानवीय कार्रवाई में 13 लोगों की मौत हो गई. इस मामले पर सोशल मीडिया पर लोग तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी पर निशाना साध रहे हैं. इस बीच के. पलनीस्वामी ने गुरुवार को कुछ राजनीतिक पार्टियों और असामाजिक तत्वों पर निर्दोष लोगों को 'जानबूझकर कर उत्तेजित करने और बहकाने' का आरोप लगाकर खुद को पाक साफ बताने की कोशिश की.
पलानीस्वामी ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियों और असामाजिक तत्वों ने मासूम लोगों को भड़काया जिस वजह से हिंसा हुई और लोगों की जान गई. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार ने कानून के प्रावधानों के अंतर्गत स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर प्लांट को बंद करने के लिए कदम उठाती रहेगी, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं और कहा कि प्लांट को दी जा रही बिजली गुरुवार को रोक दी गई है.
पलानीस्वामी ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना कहा, "कुछ राजनीतिक पार्टियों और असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर निर्दोष लोगों को भड़काया जो शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और उन्हें गलत रास्ते पर ले गए, जिस वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई."
उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, "यह स्वभाविक है कि जब कोई किसी पर हमला करेगा तो वह अपना बचाव करेगा और यह कार्रवाई पहले से नियोजित नहीं थी. पुलिस ने पहले आंसूगैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और जब डिस्ट्रिक्ट क्लेक्ट्रेट के पास उनलोगों ने वाहनों को जलाना, प्लांट में आवासीय क्वाटर्स व डिस्ट्रिक्ट क्लेक्ट्रेट में तोड़-फोड़ शुरू कर दी, तब उन पर गोली चलाई गई." जबकि
उन्होंने कहा कि पुलिस प्राय: सुरक्षात्मक (प्रिवेंटिव) गिरफ्तारी करती है, लेकिन इस बार शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बदले अचानक हिंसा शुरू हो गई. प्रदर्शनकारी पहले 16 बार जिला अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं और उनकी शिकायतें सुनी गई थीं.
मुख्यमंत्री ने कहा, "हम लोगों की मौत के लिए गहरी संवेदना और दुख प्रकट करते हैं." लोगों से शांति की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि तूतीकोरिन में जनजीवन सामान्य करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
आपने इस मुद्दे पर विपक्षी नेता एम.के. स्टालिन से मिलने से क्यों इनकार कर दिया? इस सवाल पर उन्होंने स्टालिन पर सचिवालय के बाहर उनकी उपस्थिति में धरने का 'ड्रामा' करने का आरोप लगाया.
तूतीकोरिन में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने नहीं जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि धारा 144 लगा दी गई है, लोगों को प्रदर्शन और जुलूस नहीं निकालकर कानून का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमारी पहली प्राथमिकता जनजीवन को पटरी पर लौटाने की है."
स्टरलाइट प्लांट के संचालन के मुद्दे पर पलनीस्वामी ने कहा कि अम्मा (दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता) ने वर्ष 2013 में स्टरलाइट प्लांट को बंद करने का निर्देश दिया था, लेकिन कंपनी ने उस निर्देश के खिलाफ राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में अपील की थी, जिसने कुछ शर्ता के साथ कंपनी को संचालन का आदेश दिया था. इस संबंध में मामला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है और तमिलनाडु के वकील मजबूती से अपना पक्ष रख रहे हैं.
इस मामले पर न्यूजक्लिक ने स्थानीय नागरिकों से बातचीत की. लोगों ने अपनी पहचान उजागर करने से मना करते हुए बताया कि इस फैक्ट्री की वजह से पानी जहरीला हो रहा है. हम कैंसर की समस्या से जूझ रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों के बाद वेदांत के अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली स्टरलाइट तमिलनाडु में प्रवेश कर चुकी है. वेदांता के मालिक ने तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दी और यहां अपनी इकाई खोली. फैक्ट्री ने अपनी क्षमता को अनुमति क्षमता से कई गुना बढ़ा दिया. इसमें से सल्फरिक और फॉस्फोरिक एसिड का कचरा निकलता है जो कि बेहद खतरनाक हैं.
पलानीस्वामी ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियों और असामाजिक तत्वों ने मासूम लोगों को भड़काया जिस वजह से हिंसा हुई और लोगों की जान गई. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार ने कानून के प्रावधानों के अंतर्गत स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर प्लांट को बंद करने के लिए कदम उठाती रहेगी, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं और कहा कि प्लांट को दी जा रही बिजली गुरुवार को रोक दी गई है.
पलानीस्वामी ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना कहा, "कुछ राजनीतिक पार्टियों और असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर निर्दोष लोगों को भड़काया जो शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और उन्हें गलत रास्ते पर ले गए, जिस वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई."
उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, "यह स्वभाविक है कि जब कोई किसी पर हमला करेगा तो वह अपना बचाव करेगा और यह कार्रवाई पहले से नियोजित नहीं थी. पुलिस ने पहले आंसूगैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और जब डिस्ट्रिक्ट क्लेक्ट्रेट के पास उनलोगों ने वाहनों को जलाना, प्लांट में आवासीय क्वाटर्स व डिस्ट्रिक्ट क्लेक्ट्रेट में तोड़-फोड़ शुरू कर दी, तब उन पर गोली चलाई गई." जबकि
उन्होंने कहा कि पुलिस प्राय: सुरक्षात्मक (प्रिवेंटिव) गिरफ्तारी करती है, लेकिन इस बार शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बदले अचानक हिंसा शुरू हो गई. प्रदर्शनकारी पहले 16 बार जिला अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं और उनकी शिकायतें सुनी गई थीं.
मुख्यमंत्री ने कहा, "हम लोगों की मौत के लिए गहरी संवेदना और दुख प्रकट करते हैं." लोगों से शांति की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि तूतीकोरिन में जनजीवन सामान्य करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
आपने इस मुद्दे पर विपक्षी नेता एम.के. स्टालिन से मिलने से क्यों इनकार कर दिया? इस सवाल पर उन्होंने स्टालिन पर सचिवालय के बाहर उनकी उपस्थिति में धरने का 'ड्रामा' करने का आरोप लगाया.
तूतीकोरिन में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने नहीं जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि धारा 144 लगा दी गई है, लोगों को प्रदर्शन और जुलूस नहीं निकालकर कानून का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमारी पहली प्राथमिकता जनजीवन को पटरी पर लौटाने की है."
स्टरलाइट प्लांट के संचालन के मुद्दे पर पलनीस्वामी ने कहा कि अम्मा (दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता) ने वर्ष 2013 में स्टरलाइट प्लांट को बंद करने का निर्देश दिया था, लेकिन कंपनी ने उस निर्देश के खिलाफ राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में अपील की थी, जिसने कुछ शर्ता के साथ कंपनी को संचालन का आदेश दिया था. इस संबंध में मामला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है और तमिलनाडु के वकील मजबूती से अपना पक्ष रख रहे हैं.
इस मामले पर न्यूजक्लिक ने स्थानीय नागरिकों से बातचीत की. लोगों ने अपनी पहचान उजागर करने से मना करते हुए बताया कि इस फैक्ट्री की वजह से पानी जहरीला हो रहा है. हम कैंसर की समस्या से जूझ रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों के बाद वेदांत के अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली स्टरलाइट तमिलनाडु में प्रवेश कर चुकी है. वेदांता के मालिक ने तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दी और यहां अपनी इकाई खोली. फैक्ट्री ने अपनी क्षमता को अनुमति क्षमता से कई गुना बढ़ा दिया. इसमें से सल्फरिक और फॉस्फोरिक एसिड का कचरा निकलता है जो कि बेहद खतरनाक हैं.