झारखंड के एक स्कूल ने 100 छात्राओं को सजा के तौर पर टीशर्ट उतारने पर मजबूर किया, सिर्फ ब्लेजर में घर भेजा

Written by sabrang india | Published on: January 14, 2025
इस घटना ने कथित तौर पर कई छात्राओं को सदमे में डाल दिया है। इनमें से कई छात्राओं ने स्कूल जाने इनकार किया है।


साभार : इंडिया टूडे

झारखंड से एक बेहद परेशान करने वाली घटना सामने आई है जहां धनबाद के कार्मेल स्कूल में कक्षा 10 की सौ से ज्यादा छात्राओं को गुरुवार को "पेन डे" मनाने की सजा के तौर पर अपनी टी शर्ट उतारने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें केवल ब्लेज़र में घर भेज दिया गया।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल के आखिरी दिन को एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामनाएं लिखकर मनाने वाली छात्राओं को प्रिंसिपल एम. देवश्री ने फटकार लगाई, जिन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि इस तरह के व्यवहार से स्कूल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा।

उन्होंने कथित तौर पर छात्राओं को "गंदे" कपड़ों के साथ परिसर से बाहर जाने से बचने के लिए अपनी शर्ट उतारने का आदेश दिया।

इस घटना से अभिभावकों में नाराजगी है। उनमें से कई अभिभावक शनिवार को डिप्टी कमिश्नर (डीसी) कार्यालय में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के लिए इकट्ठा हुए, क्योंकि शुक्रवार को स्कूल बंद था।

अभिभावकों के अनुसार, छात्राओं को स्कूल परिसर में ही अपनी शर्ट उतारने के लिए मजबूर किया गया। आरोप है कि कुछ छात्राओं को पुरुष शिक्षकों के सामने ऐसा करने के लिए कहा गया। नाम न बताने की शर्त पर एक अभिभावक ने आरोप लगाया "प्रिंसिपल के व्यवहार से डरी हुई छात्राओं ने परिसर में ही अपनी शर्ट उतार दी। जब कुछ छात्राओं ने हिचकिचाहट की, तो उन्हें मजबूर किया गया। करीब 20 छात्राओं के पास अतिरिक्त शर्ट थी, जबकि 100 से ज्यादा छात्राओं को केवल ब्लेज़र में घर भेज दिया गया।"

एक अन्य अभिभावक ने इस घटना को "मानसिक उत्पीड़न" बताया। अभिभावक ने कहा, "हमें यह जानकर झटका लगा कि हमारी बेटियों को इस अपमान का सामना करना पड़ा। प्रबंधन की हरकतें माफी के लायक नहीं हैं। यह एक तरह का मानसिक उत्पीड़न था।" साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि घटना को रिकॉर्ड न करने के लिए छात्राओं से मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए।

कथित तौर पर इस घटना ने कई छात्राओं को सदमे में डाल दिया है, जिनमें से कई ने स्कूल जाने से इनकार किया है।

मामले की जांच के लिए उपायुक्त माधवी मिश्रा ने पांच सदस्यीय समिति गठित की है। समिति में अनुमंडल दंडाधिकारी (एसडीएम), जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ), जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीएसडब्ल्यूओ), अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) और झरिया थाने के प्रभारी अधिकारी शामिल हैं।

मिश्रा ने कहा, "अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई है और हमने कुछ पीड़ित छात्राओं से बात की है। जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से जांच कर रहा है। समिति के रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।"

झरिया विधायक रागनी सिंह ने प्रिंसिपल के कार्यों की निंदा करते हुए इसे "शर्मनाक" और "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया। उन्होंने कहा, "उपायुक्त ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है और निष्कर्षों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

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