ताजुद्दीन के परिवार ने आदित्यपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है। अब तक चार आरोपियों- मन्नू यादव, चेला यादव, संजय यादव और गौतम मंडल को गिरफ्तार किया जा चुका है।
झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सपरा गांव में 8 दिसंबर को भीड़ द्वारा लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटे जाने के बाद गौसनगर के कपाली में बगदादिया मस्जिद इलाके के निवासी शेख ताजुद्दीन (48) की मौत हो गई। ताजुद्दीन मवेशियों और सब्जियों का कारोबार करते थे। 13 दिसंबर को रिम्स रांची में इलाज के बाद उनकी मौत हो गई।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, उनके बेटे ने कहा, "मेरे पिता फज्र की नमाज के बाद रोज दिन की तरह काम के लिए अपने घर से निकले थे। सुबह करीब 10 बजे हमें आदित्यपुर पुलिस से एक फोन आया जिसमें बताया गया कि उनका एक्सीडेंट हो गया है और उनका इलाज टीएमएच में चल रहा है।" ताजुद्दीन को बाद में रिम्स रांची ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उन्हें 14 दिसंबर को ईशा की नमाज के बाद जमशेदपुर के जाकिर नगर कब्रिस्तान में दफनाया गया।
ताजुद्दीन के परिवार ने आदित्यपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है। अब तक चार आरोपियों- मन्नू यादव, चेला यादव, संजय यादव और गौतम मंडल को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस मामले के हर पहलू की जांच कर रही है और इसमें शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।
ताजुद्दीन के भतीजे ने गुस्सा और दुख जाहिर करते हुए कहा, "मेरे चाचा धार्मिक व्यक्ति थे। दिन में पांच वक्त की नमाज अदा करते थे। कभी-कभी, वह मस्जिद में अज़ान भी देते थे। ऐसा लगता है कि उन पर सिर्फ उनकी दाढ़ी और टोपी की वजह से हमला किया गया।"
भीड़ ने दावा किया कि ताजुद्दीन को चोरी के संदेह में पीटा गया था, इस घटना से उनका परिवार आहत है।
ज्ञात हो कि हाल में मुस्लिम के खिलाफ सांप्रदायिक तत्वों द्वारा हमले के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के रतलाम में तीन नाबालिग मुस्लिम बच्चों को अमृतसागर झील के पास कथित तौर पर “जय श्री राम” बोलने के लिए मजबूर किया गया और दो लोगों ने उनकी पिटाई की। करीब एक महीने पहले हुई यह घटना तब सामने आई जब मारपीट का एक वीडियो ऑनलाइन सामने आया।
हेट डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, 13 वर्षीय मोहम्मद अली रजा द्वारा दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत के अनुसार, बच्चे झील के किनारे झूले के पास बैठे थे तभी कैलाश और वीर नाम के दो लोग उनके पास आए। उनकी मुस्लिम पहचान जानने के बाद, कथित तौर पर उन लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और चप्पलों से उनको पीटा।
बच्चों की पैरवी करने वाले वकील इमरान ए. खोकर ने कहा था कि “वीडियो में, यह स्पष्ट है कि घटना में तीन नाबालिग बच्चे शामिल थे। अमृत सागर पुराने बगीचे के पास बच्चे खेल रहे थे। उनके नजरिए से यह सिर्फ एक खेल था।”
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मध्य प्रदेश : तीन नाबालिग बच्चों को "जय श्री राम" बोलने के लिए मजबूर किया गया, उनकी पिटाई की गई
झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सपरा गांव में 8 दिसंबर को भीड़ द्वारा लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटे जाने के बाद गौसनगर के कपाली में बगदादिया मस्जिद इलाके के निवासी शेख ताजुद्दीन (48) की मौत हो गई। ताजुद्दीन मवेशियों और सब्जियों का कारोबार करते थे। 13 दिसंबर को रिम्स रांची में इलाज के बाद उनकी मौत हो गई।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, उनके बेटे ने कहा, "मेरे पिता फज्र की नमाज के बाद रोज दिन की तरह काम के लिए अपने घर से निकले थे। सुबह करीब 10 बजे हमें आदित्यपुर पुलिस से एक फोन आया जिसमें बताया गया कि उनका एक्सीडेंट हो गया है और उनका इलाज टीएमएच में चल रहा है।" ताजुद्दीन को बाद में रिम्स रांची ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उन्हें 14 दिसंबर को ईशा की नमाज के बाद जमशेदपुर के जाकिर नगर कब्रिस्तान में दफनाया गया।
ताजुद्दीन के परिवार ने आदित्यपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है। अब तक चार आरोपियों- मन्नू यादव, चेला यादव, संजय यादव और गौतम मंडल को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस मामले के हर पहलू की जांच कर रही है और इसमें शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।
ताजुद्दीन के भतीजे ने गुस्सा और दुख जाहिर करते हुए कहा, "मेरे चाचा धार्मिक व्यक्ति थे। दिन में पांच वक्त की नमाज अदा करते थे। कभी-कभी, वह मस्जिद में अज़ान भी देते थे। ऐसा लगता है कि उन पर सिर्फ उनकी दाढ़ी और टोपी की वजह से हमला किया गया।"
भीड़ ने दावा किया कि ताजुद्दीन को चोरी के संदेह में पीटा गया था, इस घटना से उनका परिवार आहत है।
ज्ञात हो कि हाल में मुस्लिम के खिलाफ सांप्रदायिक तत्वों द्वारा हमले के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के रतलाम में तीन नाबालिग मुस्लिम बच्चों को अमृतसागर झील के पास कथित तौर पर “जय श्री राम” बोलने के लिए मजबूर किया गया और दो लोगों ने उनकी पिटाई की। करीब एक महीने पहले हुई यह घटना तब सामने आई जब मारपीट का एक वीडियो ऑनलाइन सामने आया।
हेट डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, 13 वर्षीय मोहम्मद अली रजा द्वारा दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत के अनुसार, बच्चे झील के किनारे झूले के पास बैठे थे तभी कैलाश और वीर नाम के दो लोग उनके पास आए। उनकी मुस्लिम पहचान जानने के बाद, कथित तौर पर उन लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और चप्पलों से उनको पीटा।
बच्चों की पैरवी करने वाले वकील इमरान ए. खोकर ने कहा था कि “वीडियो में, यह स्पष्ट है कि घटना में तीन नाबालिग बच्चे शामिल थे। अमृत सागर पुराने बगीचे के पास बच्चे खेल रहे थे। उनके नजरिए से यह सिर्फ एक खेल था।”
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