कुशक बेहरा नाम के एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे व्यक्ति भोला नाथ महतो की महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मौत हो गई। यह घटना चाकुलिया पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले जोरसा गांव में हुई।
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साभार : इंडिया टूडे; प्रतीकात्मक तस्वीर
झारखंड के जमशेदपुर जिले में शनिवार की सुबह कथित तौर पर बकरियां चुराने की कोशिश करने पर ग्रामीणों की भीड़ ने दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
कुशक बेहरा नाम के एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे व्यक्ति भोला नाथ महतो की महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मौत हो गई। यह घटना चाकुलिया पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले जोरसा गांव में हुई।
एसपी (ग्रामीण) ऋषभ गर्ग ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "दो ग्रामीण कथित तौर पर बकरियां चुराने के इरादे से गांव में घुसे थे, इस दौरान उन्हें बकरी के मालिक ने पकड़ लिया और अन्य ग्रामीणों की मदद से उनकी बुरी तरह पिटाई की। इस घटना में दोनों युवकों की मौत हो गई, जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।"
उन्होंने कहा कि अब तक पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि अन्य की पहचान की जा रही है।
एसपी ने आगे कहा कि अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि चाकुलिया के जीरापारा गांव के रहने वाले दो संदिग्ध एक घर से बकरियां चुराने की कोशिश करते पकड़े गए।
जब संदिग्धों ने बकरी चुराने का प्रयास किया, तो बकरी के गले में बंधी घंटी बजने लगी, जिससे घर के मालिक हरगोविंद नायक की नींद खुल गई। नायक बकरियों को देखने के लिए घर से बाहर आए और देखा कि दो युवक बाइक पर तीन बकरियां ले जा रहे थे।
घर के मालिक ने उन्हें पकड़ लिया और अन्य ग्रामीणों को जानकारी दी, जो तुरंत वहां इकट्ठा हुए और संदिग्धों को बंदी बना लिया। उन्होंने कहा कि भीड़ ने उन्हें लात-घूंसों और बांस के डंडों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया, जिससे बेहरा की मौके पर ही मौत हो गई।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने ग्रामीण के हवाले से लिखा, "कुशक बेहरा के बेहोश होने के बाद ग्रामीणों ने उसे पीटना रोक दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।"
उन्होंने बताया कि बाद में पुलिस को भी इसकी सूचना दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और महतो को अस्पताल ले गई, जहां उसकी भी मौत हो गई। बकरी या किसी अन्य चोरी के आरोप में लिंचिंग की ऐसी कई घटनाएं राज्य से सामने आई हैं।
मृतक के परिजनों ने पहले भी ऐसे आरोपों को खारिज किया है। पुलिस जांच से ऐसे आरोपों के पीछे असली मकसद का पता चल सकता है।
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साभार : इंडिया टूडे; प्रतीकात्मक तस्वीर
झारखंड के जमशेदपुर जिले में शनिवार की सुबह कथित तौर पर बकरियां चुराने की कोशिश करने पर ग्रामीणों की भीड़ ने दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
कुशक बेहरा नाम के एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे व्यक्ति भोला नाथ महतो की महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मौत हो गई। यह घटना चाकुलिया पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले जोरसा गांव में हुई।
एसपी (ग्रामीण) ऋषभ गर्ग ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "दो ग्रामीण कथित तौर पर बकरियां चुराने के इरादे से गांव में घुसे थे, इस दौरान उन्हें बकरी के मालिक ने पकड़ लिया और अन्य ग्रामीणों की मदद से उनकी बुरी तरह पिटाई की। इस घटना में दोनों युवकों की मौत हो गई, जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।"
उन्होंने कहा कि अब तक पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि अन्य की पहचान की जा रही है।
एसपी ने आगे कहा कि अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि चाकुलिया के जीरापारा गांव के रहने वाले दो संदिग्ध एक घर से बकरियां चुराने की कोशिश करते पकड़े गए।
जब संदिग्धों ने बकरी चुराने का प्रयास किया, तो बकरी के गले में बंधी घंटी बजने लगी, जिससे घर के मालिक हरगोविंद नायक की नींद खुल गई। नायक बकरियों को देखने के लिए घर से बाहर आए और देखा कि दो युवक बाइक पर तीन बकरियां ले जा रहे थे।
घर के मालिक ने उन्हें पकड़ लिया और अन्य ग्रामीणों को जानकारी दी, जो तुरंत वहां इकट्ठा हुए और संदिग्धों को बंदी बना लिया। उन्होंने कहा कि भीड़ ने उन्हें लात-घूंसों और बांस के डंडों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया, जिससे बेहरा की मौके पर ही मौत हो गई।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने ग्रामीण के हवाले से लिखा, "कुशक बेहरा के बेहोश होने के बाद ग्रामीणों ने उसे पीटना रोक दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।"
उन्होंने बताया कि बाद में पुलिस को भी इसकी सूचना दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और महतो को अस्पताल ले गई, जहां उसकी भी मौत हो गई। बकरी या किसी अन्य चोरी के आरोप में लिंचिंग की ऐसी कई घटनाएं राज्य से सामने आई हैं।
मृतक के परिजनों ने पहले भी ऐसे आरोपों को खारिज किया है। पुलिस जांच से ऐसे आरोपों के पीछे असली मकसद का पता चल सकता है।