राज्य विधानसभा को जानकारी दी गई कि ओडिशा में 29.16 लाख राशन कार्ड धारकों ने अभी तक अपना ईकेवाईसी पूरा नहीं किया है। इस बीच, खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कई बार कहा है कि राज्य में ईकेवाईसी अभियान पूरा होने के बाद ही नए राशन कार्ड जारी किए जाएंगे।

फोटो साभार : ओडिशा पोस्ट
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 (एनएफएसए) के अनुसार राशन की दुकानों से सब्सिडी वाले खाद्यान्न लेने वाले लगभग 80 करोड़ भारतीयों के लिए यह जीवन रेखा है। इसमें ओडिशा से 3.26 करोड़ हैं। पीडीएस राशन लेने के लिए राशन कार्ड होना पहली शर्त है। ऐसे में ओडिशा में नए राशन कार्ड के लिए लंबित आवेदन चिंता का विषय है।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में ओडिशा विधानसभा में एक सवाल के जवाब में राज्य के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग के मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने खुलासा किया कि राज्य में लगभग 13.86 लाख आवेदन लंबित हैं।
25 जून, 2024 को उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक आदेश में सभी राज्यों को 100% eKYC अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया, ऐसा न करने पर राशन कार्ड धारक को उनका मासिक राशन मिलना बंद हो सकता है। eKYC प्रक्रिया का मतलब है कि राशन कार्ड के सभी सक्रिय सदस्यों को अपने राशन कार्ड को अपने आधार कार्ड से लिंक करना होगा और राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल मशीन पर बायोमेट्रिक फ़िंगरप्रिंट प्रमाणीकरण या IRIS का इस्तेमाल करके दोनों कार्डों में विवरण का मिलान करना होगा।
ईकेवाईसी अभियान अगस्त 2024 में ओडिशा में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य 50 लाख से अधिक फर्जी राशन कार्ड धारकों को हटाना और सिस्टम को सुव्यवस्थित करना था। ओडिशा सरकार द्वारा ईकेवाईसी की समय सीमा को कई बार बढ़ाया गया है, जिसकी नई तारीख 31 मार्च, 2025 निर्धारित की गई।
पात्रा ने हाल ही में राज्य विधानसभा को बताया कि राज्य में 29.16 लाख राशन कार्ड धारकों ने अभी तक अपना ईकेवाईसी पूरा नहीं किया है। इस बीच, उन्होंने कई बार कहा है कि राज्य में ईकेवाईसी अभियान पूरा होने के बाद ही नए राशन कार्ड जारी किए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि 13.86 लाख नए राशन कार्ड आवेदकों की किस्मत अनुचित रूप से लाखों अन्य लोगों की ईकेवाईसी औपचारिकताओं को पूरा करने जैसी बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर है।
साल 2018 में, ओडिशा ने 25 लाख पात्र लोगों को कवर करने के लिए राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (एसएफएसएस) शुरू की लेकिन सीमित कोटा के कारण एनएफएसए के तहत कवर नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि, तब से इस योजना का कवरेज घटकर लगभग 4.2 लाख अधिकार-धारकों तक रह गया है। जब भी रिक्तियां आईं, अधिकार-धारकों को एसएफएसएस से एनएफएसए सूची में शामिल करेन के बावजूद, उन्होंने लाखों लंबित आवेदनों को एसएफएसएस में शामिल नहीं किया।
एनएफएसए के अनुसार, 2011 की जनगणना के आधार पर 75% ग्रामीण और 50% शहरी आबादी को पीडीएस के तहत कवर किया जाना है। चूंकि 2011 से कोई जनगणना नहीं हुई है, इसलिए अनुमान है कि 13 करोड़ लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है।
ओडिशा सरकार के पास यह सुनिश्चित करने का अवसर और संसाधन है कि कोई भी पात्र परिवार पीडीएस से बाहर न रहे। ईकेवाईसी विफल होने के बाद 5.22 लाख लोगों (मृत और अपात्र) को पहले ही राशन कार्ड प्रणाली से हटा दिया गया है।
सबसे पहले सरकार को ईकेवाईसी प्रक्रिया समाप्त होने का इंतजार किए बिना लंबित आवेदकों को तुरंत राशन कार्ड जारी करना शुरू करना चाहिए।
दूसरा यह कि जनवरी 2024 से मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के केंद्र सरकार के फैसले से ओडिशा के लिए लगभग 600 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई है। यह अधिशेष एसएफएसएस कवरेज का विस्तार करने और 13.86 लाख आवेदकों को प्रतीक्षा में रखने के बजाय सभी पात्र परिवारों को शामिल करने का एक अनूठा अवसर पेश करता है।
तीसरा यह कि प्रवासी श्रमिकों के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक स्वतः संज्ञान रिट वाली याचिका है, जिसमें न्यायालय ने केंद्र सरकार को एनएफएसए के तहत निर्धारित कोटे के बावजूद राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया है।
खाद्य असुरक्षा को दूर करने की तत्काल आवश्यकता को समझते हुए कई राज्यों ने पहले ही अतिरिक्त आवंटन के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया है। ओडिशा को भी ऐसा ही करना चाहिए।
आखिर में, राज्य सरकार को राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना के समय पर संचालन के लिए दबाव बनाना चाहिए। अपडेटेड जनगणना डेटा यह सुनिश्चित करेगा कि पीडीएस कवरेज वास्तविक जनसंख्या को दर्शाता है, जिससे पात्र परिवारों को बाहर होने से रोका जा सके।
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फोटो साभार : ओडिशा पोस्ट
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 (एनएफएसए) के अनुसार राशन की दुकानों से सब्सिडी वाले खाद्यान्न लेने वाले लगभग 80 करोड़ भारतीयों के लिए यह जीवन रेखा है। इसमें ओडिशा से 3.26 करोड़ हैं। पीडीएस राशन लेने के लिए राशन कार्ड होना पहली शर्त है। ऐसे में ओडिशा में नए राशन कार्ड के लिए लंबित आवेदन चिंता का विषय है।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में ओडिशा विधानसभा में एक सवाल के जवाब में राज्य के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग के मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने खुलासा किया कि राज्य में लगभग 13.86 लाख आवेदन लंबित हैं।
25 जून, 2024 को उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक आदेश में सभी राज्यों को 100% eKYC अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया, ऐसा न करने पर राशन कार्ड धारक को उनका मासिक राशन मिलना बंद हो सकता है। eKYC प्रक्रिया का मतलब है कि राशन कार्ड के सभी सक्रिय सदस्यों को अपने राशन कार्ड को अपने आधार कार्ड से लिंक करना होगा और राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल मशीन पर बायोमेट्रिक फ़िंगरप्रिंट प्रमाणीकरण या IRIS का इस्तेमाल करके दोनों कार्डों में विवरण का मिलान करना होगा।
ईकेवाईसी अभियान अगस्त 2024 में ओडिशा में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य 50 लाख से अधिक फर्जी राशन कार्ड धारकों को हटाना और सिस्टम को सुव्यवस्थित करना था। ओडिशा सरकार द्वारा ईकेवाईसी की समय सीमा को कई बार बढ़ाया गया है, जिसकी नई तारीख 31 मार्च, 2025 निर्धारित की गई।
पात्रा ने हाल ही में राज्य विधानसभा को बताया कि राज्य में 29.16 लाख राशन कार्ड धारकों ने अभी तक अपना ईकेवाईसी पूरा नहीं किया है। इस बीच, उन्होंने कई बार कहा है कि राज्य में ईकेवाईसी अभियान पूरा होने के बाद ही नए राशन कार्ड जारी किए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि 13.86 लाख नए राशन कार्ड आवेदकों की किस्मत अनुचित रूप से लाखों अन्य लोगों की ईकेवाईसी औपचारिकताओं को पूरा करने जैसी बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर है।
साल 2018 में, ओडिशा ने 25 लाख पात्र लोगों को कवर करने के लिए राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (एसएफएसएस) शुरू की लेकिन सीमित कोटा के कारण एनएफएसए के तहत कवर नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि, तब से इस योजना का कवरेज घटकर लगभग 4.2 लाख अधिकार-धारकों तक रह गया है। जब भी रिक्तियां आईं, अधिकार-धारकों को एसएफएसएस से एनएफएसए सूची में शामिल करेन के बावजूद, उन्होंने लाखों लंबित आवेदनों को एसएफएसएस में शामिल नहीं किया।
एनएफएसए के अनुसार, 2011 की जनगणना के आधार पर 75% ग्रामीण और 50% शहरी आबादी को पीडीएस के तहत कवर किया जाना है। चूंकि 2011 से कोई जनगणना नहीं हुई है, इसलिए अनुमान है कि 13 करोड़ लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है।
ओडिशा सरकार के पास यह सुनिश्चित करने का अवसर और संसाधन है कि कोई भी पात्र परिवार पीडीएस से बाहर न रहे। ईकेवाईसी विफल होने के बाद 5.22 लाख लोगों (मृत और अपात्र) को पहले ही राशन कार्ड प्रणाली से हटा दिया गया है।
सबसे पहले सरकार को ईकेवाईसी प्रक्रिया समाप्त होने का इंतजार किए बिना लंबित आवेदकों को तुरंत राशन कार्ड जारी करना शुरू करना चाहिए।
दूसरा यह कि जनवरी 2024 से मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के केंद्र सरकार के फैसले से ओडिशा के लिए लगभग 600 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई है। यह अधिशेष एसएफएसएस कवरेज का विस्तार करने और 13.86 लाख आवेदकों को प्रतीक्षा में रखने के बजाय सभी पात्र परिवारों को शामिल करने का एक अनूठा अवसर पेश करता है।
तीसरा यह कि प्रवासी श्रमिकों के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक स्वतः संज्ञान रिट वाली याचिका है, जिसमें न्यायालय ने केंद्र सरकार को एनएफएसए के तहत निर्धारित कोटे के बावजूद राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया है।
खाद्य असुरक्षा को दूर करने की तत्काल आवश्यकता को समझते हुए कई राज्यों ने पहले ही अतिरिक्त आवंटन के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया है। ओडिशा को भी ऐसा ही करना चाहिए।
आखिर में, राज्य सरकार को राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना के समय पर संचालन के लिए दबाव बनाना चाहिए। अपडेटेड जनगणना डेटा यह सुनिश्चित करेगा कि पीडीएस कवरेज वास्तविक जनसंख्या को दर्शाता है, जिससे पात्र परिवारों को बाहर होने से रोका जा सके।
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