ओडिशा पुलिस ने 448 तथाकथित बांग्लादेशी और रोहिंग्या को दस्तावेज़ जांच के लिए हिरासत में लिया

Written by sabrang india | Published on: July 9, 2025
इन लोगों को झारसुगुड़ा के ब्लैक डायमंड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में स्थापित केंद्र में रखा गया है, जबकि ब्रजराजनगर के सुरभि कल्याण मंडप में 261 संदिग्धों को ठहराया गया है।


फोटो साभार : एनडीटीवी

ओडिशा में अवैध रूप से रह रहे तथाकथित बांग्लादेशी और रोहिंग्या समुदाय पर सख्ती करते हुए पुलिस ने मंगलवार को 448 लोगों को उनके दस्तावेज़ों की जांच के लिए हिरासत में लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जगतसिंहपुर जिले में पुलिस ने बंदरगाह नगर पारादीप में रहने वाले एक परिवार के चार सदस्यों को हिरासत में लिया, जबकि झारसुगुड़ा जिले के दो स्थानों पर 444 लोगों को पहचान के लिए लाया गया।

उत्तरी रेंज, संबलपुर के आईजीपी हिमांशु लाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, “झारसुगुड़ा जिले के ये 444 लोग पूरी तरह हिरासत में नहीं हैं, बल्कि उनके दस्तावेज़ों के सत्यापन तक उन्हें प्रतीक्षा में रखा गया है। हमें संदेह है कि इनमें से कई के पास देश में रहने के वैध दस्तावेज़ नहीं हैं।”

लाल ने बताया कि ये लोग, जिन्हें तथाकथित बांग्लादेशी बताया जा रहा है, झारसुगुड़ा जिले के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से रह रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन लोगों को झारसुगुड़ा और ब्रजराजनगर के दो अलग-अलग स्थानों पर रखा गया है। हम उनके दस्तावेज़ों की जांच कर अवैध प्रवासियों की पहचान कर रहे हैं।” साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग अवैध पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

झारसुगुड़ा के एसपी परमेश्वर पारमार ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, तथाकथित अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की पहचान और निर्वासन के लिए जिले में एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

जानकारी के अनुसार, इन लोगों को झारसुगुड़ा के ब्लैक डायमंड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में स्थापित केंद्र में रखा गया है, जबकि ब्रजराजनगर के सुरभि कल्याण मंडप में 261 संदिग्धों को ठहराया गया है।

इसी तरह, जगतसिंहपुर जिले की पारादीप पुलिस ने लॉक थाना क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार के चार सदस्यों को हिरासत में लिया। परिवार में पति, पत्नी, एक बेटा और एक बेटी शामिल हैं।

पारादीप लॉक थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रश्मिरंजन दास ने बताया कि ये चारों ज़रदारी पाड़ा इलाके से पकड़े गए और हिरासत में लिए गए। अधिकारी ने कहा, “उन्होंने स्वीकार किया कि वे बांग्लादेश से नदी पार कर भारत आए थे। कुछ समय कोलकाता में रहने के बाद वे पारादीप पहुंचे।”

परिवार करीब आठ दिन पहले अपने रिश्तेदारों की मदद से बस के ज़रिए पारादीप पहुंचा था और किराए के मकान में रह रहा था। पुलिस अब उस व्यक्ति से भी पूछताछ कर रही है, जिसने उन्हें पारादीप में बसाने में मदद की।

एक अधिकारी ने बताया कि कुजंग तहसीलदार और स्थानीय उप-कलेक्टर समेत अन्य अधिकारी पुलिस स्टेशन पहुंचे और मामले की विस्तृत जानकारी दर्ज की गई। राज्य सरकार को भी सूचित कर दिया गया है।

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