मणिपुर: मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का इस्तीफा, कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने की बना रही थी योजना

Written by sabrang india | Published on: February 10, 2025
राज्य में साल 2023 से जातीय हिंसा जारी है। इस बीच कांग्रेस बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रही थी।


फोटो साभार : सोशल मीडिया एक्स

मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने रविवार 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने कुछ विधायकों के साथ रविवार की शाम राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।

ज्ञात कि बीरेन सिंह ने रविवार को ही नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और दिल्ली से लौटने के बाद शाम को मुख्यमंत्री अपने कुछ विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान उनके साथ मणिपुर प्रदेश अध्यक्ष ए शारदा और पार्टी सांसद संबित पात्रा भी मौजूद थे।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि बीरेन सिंह के साथ राजभवन में भारतीय जनता पार्टी और एनपीएफ़ (नागा पीपल्स फ्रंट) के 14 अन्य विधायक भी मौजूद रहे।

रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस बीरेन सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रही थी, जिसमें सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों के समर्थन होने की खबरें भी सामने आ रही थी।

ज्ञात हो कि द वायर ने पिछले साल एक सीरीज़ में उस ऑडियो टेप के क्लिप पर रिपोर्ट की थी, जिसमें राज्य में जातीय हिंसा पर कथित तौर पर बीरेन द्वारा किए गए दावों पर प्रकाश डाला गया था, जिसमें सौ से ज्यादा लोग मारे गए, कई लोग घायल हुए और कुकी व मैतेई समुदायों के करीब 70,000 लोग विस्थापित हुए।

ऑडियो रिकॉर्डिंग संवाददाता को एक व्यक्ति द्वारा दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने इसे सिंह से जुड़े आधिकारिक परिसर में रिकॉर्ड किया था। उन्होंने कहा था कि इसकी एक प्रति सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अजय लांबा को सौंपी गई थी, जो 3 मई, 2024 से शुरू हुई हिंसा की जांच के लिए गृह मंत्रालय द्वारा गठित मणिपुर हिंसा पर न्यायिक आयोग के अध्यक्ष हैं।

इसके तुरंत बाद, कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (कोहूर) ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर ऑडियो टेप की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की।

इस याचिका पर 8 नवंबर को सुनवाई करते हुए तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने याचिकाकर्ता से ऑडियो टेप की प्रामाणिकता सत्यापित करने और अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा।

बता दें कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आवाज की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के लिए नियुक्त निजी लैब ने न्यायिक आयोग को सौंपी गई क्लिप में कथित तौर पर उनकी आवाज को सत्यापित किया है, जिसने राज्य में जातीय हिंसा में उनकी भूमिका की जांच की है। लैब ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में प्रमाणित किया है कि क्लिप और सिंह की आवाज के नमूनों में 93% समानता है और इस बात की "बहुत संभावना" है कि वे एक ही व्यक्ति के आवाज हैं।

द वायर ने लिखा कि यह स्वतंत्र तौर पर रिकॉर्डिंग में आ रही आवाज के वास्तव में बीरेन सिंह के होने की पुष्टि नहीं कर पाया था, लेकिन उस मीटिंग में शामिल कुछ लोगों से स्वतंत्र तौर पर इस मीटिंग की तारीख, इसके विषय और इसमें की गई बातों पुष्टि की है। उनमें से कोई भी अपनी सुरक्षा पर खतरे के डर से पहचान को उजागर नहीं करना चाहता था।

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