मणिपुर में मैतेई उग्रवादी समूह ने 18 वर्षीय मुस्लिम लड़के को ‘पोर्क खाने के लिए मजबूर किया’, मुस्लिम समूहों ने न्याय की मांग की

Written by sabrang india | Published on: January 11, 2025
भीड़ ने कथित तौर पर पीड़ित को परेशान किया, बांध दिया और पोर्क खाने के लिए मजबूर किया जो उसकी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है।



18 वर्षीय मुस्लिम लड़के तंपकमयम अख्तर को कथित तौर पर मैतेई उग्रवादी समूह अरम्बाई टेंगोल ने पोर्क खाने के लिए मजबूर किया जो उसके धर्म के खिलाफ है। यह घटना कथित तौर पर 4 जनवरी को क्वाक्टा वार्ड नंबर 2 में हुई जहां तंपकमयम कमल हसन के बेटे अख्तर पर समूह की हीनगांग इकाई ने एक सहकर्मी के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने कथित तौर पर पीड़ित को परेशान किया, बांध दिया और पोर्क खाने के लिए मजबूर किया जो उसकी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पीड़ित ने यह भी कहा कि समूह ने मुस्लिम समुदाय पर ड्रग्स बेचकर और उन्हें इसका इस्तेमाल करने के लिए मजबूर करके मैतेई समुदाय को खत्म करने का आरोप लगाया। उसने अरम्बाई टेंगोल के नेता कोरुंगनबा खुमान पर अपने हाथों में कीलें चुभाने का आरोप लगाया।

घटना के संभावित कारणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें समूह द्वारा उनकी सहकर्मी जेनिता के बारे में गलतफहमी के कारण बुलाया गया था जो कि मैतेई लड़की है और इंफाल के केशमपत में कैफई कैफे में काम करती है।

उन्होंने कहा किया कि जेनिता और एक अन्य दोस्त अक्सर एक ही कैफे में काम करते समय रैंडम बातचीत किया करते थे। हालांकि, एक अन्य मित्र के साथ फोन कॉल के दौरान, उन्होंने मजाक में कहा कि उन्हें जेनिता से प्रेम हो गया है। कथित तौर पर इस बयान को जेनिता ने गलत समझा, जिसके चलते उसने अपने भाइयों और एटी समूह को फोन किया, जिसके बाद उसे बुलाया गया। जब वह हेइंगैंग में इस समूह की यूनिट में पहुंचे तो उनसे मैतेई और मुसलमानों के बीच रिश्तों के रोक के साथ-साथ जेनिता के साथ रिश्तों की अफवाहों के बारे में पूछा गया। रिश्तों के आरोपों से इनकार करने के बावजूद उसके बातों को खारिज कर दिया गया और उसके साथ मारपीट की गई।

इसके उलट जेनिता ने कहा कि उसी दिन अख्तर ने उन्हें प्रपोज़ किया था जिसे उन्होंने मना कर दिया था। उसने आरोप लगाया कि उसके इनकार के बाद, उसने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया। उसने आगे कहा कि उसने लाम्फेल पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। अरम्बाई टेंगोल के नेता ने इन आरोपों का विरोध किया और अपने सोशल मीडिया पर साफ किया कि उसने ऐसा कोई कृत्य नहीं किया है जैसे किसी को जबरन पोर्क खिलाना, जैसा कि अख्तर ने उसे बताया है।

कोरोंगनबा ने स्थानीय मीडिया को बताया, "मैं कोई नासमझ आदमी नहीं हूं जो किसी को पोर्क खाने के लिए मजबूर करने का वीडियो पोस्ट करूं। कृपया अनावश्यक तनाव पैदा करना बंद करें। जिस व्यक्ति ने छेड़छाड़ का दावा किया था उसे उसकी अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस को सौंप दिया गया था।"

उन्होंने कहा कि राजा और मुस्लिम नागरिक संगठनों की एक बैठक उनके घर पर तय की गई है और उन्होंने सभी से आगे अराजकता पैदा करने से बचने का आग्रह किया।

अंजुमन इस्ला-ए-मुसरा, क्वाकता जमीयत उलमा बिष्णुपुर जिला, ऑल क्वाकता समन्वय समिति, ऑल मैतेई पंगल यूथ एसोसिएशन और ऑल क्वाकता यूथ वॉलंटरी ऑर्गनाइजेशन समेत कई मुस्लिम संगठनों ने 7 जनवरी, 2025 तक अरंबाई टेंगोल हेइंगंग यूनिट और उसके नेता कोरोंगनबा से स्पष्टीकरण मांगा है। नागरिक और धार्मिक समूहों ने हमले की निंदा करते हुए इसे सांप्रदायिक सद्भाव और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आगे भी कार्रवाई की जा सकती है।

ऑल मणिपुर मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे दो समुदायों के बीच शांति और सद्भाव को बिगाड़ने का जानबूझकर की गई कोशिश बताया है। संगठन ने घटना को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।

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