मणिपुर में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज, एनडीए सहयोगी के नेता ने कहा कि वे शीर्ष अदालत जाएंगे

Written by sabrang india | Published on: April 10, 2025
यह उस दिन हुआ जब राज्य के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय, मैतेई पंगल ने घाटी के कई जिलों में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।



फोटो साभार : इंडियन एक्सप्रेस

मणिपुर की एनडीए की सहयोगी सत्तारूढ़ नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को कहा कि वे वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। यह उस दिन हुआ जब राज्य के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय मैतेई पंगल ने घाटी के कई जिलों में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्रीगाओ के विधायक शेख नूरुल हसन जो एनपीपी विधायक दल के नेता हैं, उन्होंने “हितधारकों से परामर्श किए बिना” विधेयक पारित करने के लिए केंद्र सरकार की निंदा की। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “वक्फ संशोधन अधिनियम अन्यायपूर्ण है और मुस्लिम समुदाय की भावनाओं के प्रति बेहद असंवेदनशील है। विश्वास बहाल करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए इसे तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए।”

विधायक ने घोषणा की कि वह अधिनियम के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।

मंगलवार को मैतेई पंगल समूहों ने इंफाल ईस्ट, थौबल और बिष्णुपुर जिलों में विरोध प्रदर्शन किए। बिष्णुपुर जिले के क्वाकता शहर में 5,000 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों के मार्च करने की जानकारी मिली है।

प्रदर्शनकारियों में से एक शिक्षाविद् अब्दुल नासिर ने कहा कि यह कानून पीढ़ियों से चली आ रही समुदाय के स्वामित्व वाली वक्फ संपत्तियों को हड़पने का एक प्रयास है।

इंफाल ईस्ट में सैकड़ों लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई। कानून को रद्द करने की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यह इलाके में सांप्रदायिक सद्भाव को अस्थिर कर सकता है जो मई 2023 से जातीय संघर्ष से त्रस्त है।

रविवार को भी इस कानून के खिलाफ इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा मणिपुर के अध्यक्ष और मैतेई पंगल के नेता असकर अली के थौबल जिले में घर को कानून का समर्थन करने वाली टिप्पणी के लिए भीड़ ने आग लगा दी।

भाजपा नेता ने वक्फ विधेयक के पारित होने का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। आगजनी के बाद थौबल के लिलोंग विधानसभा क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई।

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि 5,000 से ज्यादा लोगों ने रैली में हिस्सा लिया, जिससे लिलोंग में राष्ट्रीय राजमार्ग-102 पर यातायात बाधित हुआ, जबकि इरोंग चेसाबा सहित कुछ क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई।

संसद के दोनों सदनों में बहस के बाद लोकसभा ने गुरुवार को और राज्यसभा ने शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया।

सरकार का कहना है कि इस अधिनियम का उद्देश्य विरासत स्थलों की सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के प्रावधानों के साथ वक्फ संपत्तियों (धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए मुसलमानों द्वारा स्थायी रूप से दान की गई संपत्ति) के प्रबंधन को व्यवस्थित करना है।

ज्ञात हो कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार (5 अप्रैल, 2025) को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी।

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