यह चुनाव जस्टिस हेमा समिति की उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हुआ है, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के शोषण और उत्पीड़न पर प्रकाश डाला गया था। साथ ही, एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने और उनके इस्तीफे के एक साल बाद यह चुनाव संपन्न हुआ है।

साभार : ईटीवी भारत
मलयालम फिल्म कलाकारों के संगठन ‘मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन’ (एएमएमए) में संगठन के अध्यक्ष और महासचिव के पदों पर महिलाओं का चुनाव किया गया है। ऐसा तीन दशक के इतिहास में पहली बार शुक्रवार, 15 अगस्त को संपन्न हुआ।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नए पदाधिकारियों का चुनाव मोहनलाल की अध्यक्षता वाली 17 सदस्यीय कार्यकारी समिति ने किया।
गौरतलब है कि यह चुनाव जस्टिस हेमा समिति की उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हुआ है, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के शोषण और उत्पीड़न पर प्रकाश डाला गया था। साथ ही, एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने और उनके इस्तीफे के एक साल बाद यह चुनाव संपन्न हुआ है।
इस चुनाव में श्वेता मेनन को अध्यक्ष पद के लिए चुना गया, जबकि कुक्कू परमेश्वरन नई महासचिव बनीं। श्वेता ने इस मुकाबले में अनुभवी अभिनेता देवन को हराया, वहीं कुक्कू ने महासचिव पद के लिए रवींद्रन को पराजित किया।
संगठन की आम सभा ने लक्ष्मी प्रिया और जयन चेर्थला को उपाध्यक्ष पद के लिए चुना, जबकि अंसिबा को संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया। उन्नी शिवपाल को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। यह पूरी कार्यकारिणी तीन वर्षों के कार्यकाल के लिए चुनी गई है।
अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद श्वेता मेनन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नई समिति बदलाव की दिशा में काम करेगी। उन्होंने कहा, "हम उन सभी सदस्यों को फिर से शामिल करेंगे, जिन्होंने किसी कारणवश संस्था छोड़ दी थी। उनका हमारे संगठन में हार्दिक स्वागत है।" श्वेता ने यह भी स्पष्ट किया कि, "संस्था में न तो पुरुष हैं और न ही महिलाएं यहां सभी सिर्फ अभिनेता हैं।"
वहीं, नवनिर्वाचित महासचिव कुक्कू परमेश्वरन ने कहा, “किसी भी निर्णय को लेने से पहले एएमएमए के सभी 508 सदस्यों को विश्वास में लिया जाएगा। यह संस्था निश्चित रूप से बदलाव लेकर आएगी।”
गौरतलब है कि इस चुनाव से कुछ दिन पहले ही अभिनेत्री श्वेता मेनन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने नग्नता दर्शाने वाली फिल्मों और विज्ञापनों में अभिनय कर आर्थिक लाभ कमाया है। हालांकि, यह मामला कथित रूप से एएमएमए चुनाव में उनके भाग लेने से जुड़ा हुआ था। बाद में उच्च न्यायालय ने इस मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
उल्लेखनीय है कि एक साल पहले आई जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में भारी हलचल मचा दी थी। इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं के शोषण और उत्पीड़न की गंभीर तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद एएमएमए के तत्कालीन महासचिव सिद्दीकी पर कथित यौन उत्पीड़न के आरोप लगे, जिसके चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
संस्था के संयुक्त महासचिव बाबूराज पर भी इसी तरह के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। इन घटनाओं के बाद कई प्रमुख अभिनेता और अभिनेत्रियां एएमएमए के खिलाफ खुलकर सामने आए। इस तेज विरोध और लगातार बढ़ते दबाव के चलते संगठन की कार्यकारिणी और पदाधिकारियों को अंततः भंग कर दिया गया था।
श्वेता मेनन एक प्रसिद्ध अभिनेत्री, मॉडल और टेलीविजन एंकर हैं जो पिछले तीन दशकों से मनोरंजन उद्योग में सक्रिय हैं। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1991 में ममूटी की मुख्य भूमिका वाली मलयालम फिल्म अनास्वरम से की थी।
श्वेता मेनन ने मिस बैंगलोर का खिताब जीतने के बाद मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने तीसरा स्थान हासिल किया। उस वर्ष प्रतियोगिता का खिताब सुष्मिता सेन ने जीता था। श्वेता को उनके फिल्मी करियर में अभिनय के लिए सराहा गया और उन्हें दो बार केरल राज्य फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सम्मान भी मिल चुका है।
नवनिर्वाचित महासचिव कुक्कू परमेश्वरन ने अपने करिअर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी। वे न केवल अभिनय के क्षेत्र में सक्रिय रही हैं, बल्कि एक कुशल शास्त्रीय नृत्यांगना, फैशन डिज़ाइनर और रंगमंच की पेशेवर कलाकार भी हैं। कला के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी बहुआयामी प्रतिभा ने उन्हें मलयालम मनोरंजन जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।
1988 में कुक्कू परमेश्वरन को फिल्म ‘ओरे थूवल पाक्षिकल’ में अपनी प्रभावशाली भूमिका के लिए केरल राज्य का दूसरी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था। यह सम्मान उनके अभिनय कौशल की शुरुआती पहचान थी और उनके करिअर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जाता है।
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साभार : ईटीवी भारत
मलयालम फिल्म कलाकारों के संगठन ‘मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन’ (एएमएमए) में संगठन के अध्यक्ष और महासचिव के पदों पर महिलाओं का चुनाव किया गया है। ऐसा तीन दशक के इतिहास में पहली बार शुक्रवार, 15 अगस्त को संपन्न हुआ।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नए पदाधिकारियों का चुनाव मोहनलाल की अध्यक्षता वाली 17 सदस्यीय कार्यकारी समिति ने किया।
गौरतलब है कि यह चुनाव जस्टिस हेमा समिति की उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हुआ है, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के शोषण और उत्पीड़न पर प्रकाश डाला गया था। साथ ही, एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने और उनके इस्तीफे के एक साल बाद यह चुनाव संपन्न हुआ है।
इस चुनाव में श्वेता मेनन को अध्यक्ष पद के लिए चुना गया, जबकि कुक्कू परमेश्वरन नई महासचिव बनीं। श्वेता ने इस मुकाबले में अनुभवी अभिनेता देवन को हराया, वहीं कुक्कू ने महासचिव पद के लिए रवींद्रन को पराजित किया।
संगठन की आम सभा ने लक्ष्मी प्रिया और जयन चेर्थला को उपाध्यक्ष पद के लिए चुना, जबकि अंसिबा को संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया। उन्नी शिवपाल को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। यह पूरी कार्यकारिणी तीन वर्षों के कार्यकाल के लिए चुनी गई है।
अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद श्वेता मेनन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नई समिति बदलाव की दिशा में काम करेगी। उन्होंने कहा, "हम उन सभी सदस्यों को फिर से शामिल करेंगे, जिन्होंने किसी कारणवश संस्था छोड़ दी थी। उनका हमारे संगठन में हार्दिक स्वागत है।" श्वेता ने यह भी स्पष्ट किया कि, "संस्था में न तो पुरुष हैं और न ही महिलाएं यहां सभी सिर्फ अभिनेता हैं।"
वहीं, नवनिर्वाचित महासचिव कुक्कू परमेश्वरन ने कहा, “किसी भी निर्णय को लेने से पहले एएमएमए के सभी 508 सदस्यों को विश्वास में लिया जाएगा। यह संस्था निश्चित रूप से बदलाव लेकर आएगी।”
गौरतलब है कि इस चुनाव से कुछ दिन पहले ही अभिनेत्री श्वेता मेनन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने नग्नता दर्शाने वाली फिल्मों और विज्ञापनों में अभिनय कर आर्थिक लाभ कमाया है। हालांकि, यह मामला कथित रूप से एएमएमए चुनाव में उनके भाग लेने से जुड़ा हुआ था। बाद में उच्च न्यायालय ने इस मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
उल्लेखनीय है कि एक साल पहले आई जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में भारी हलचल मचा दी थी। इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं के शोषण और उत्पीड़न की गंभीर तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद एएमएमए के तत्कालीन महासचिव सिद्दीकी पर कथित यौन उत्पीड़न के आरोप लगे, जिसके चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
संस्था के संयुक्त महासचिव बाबूराज पर भी इसी तरह के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे। इन घटनाओं के बाद कई प्रमुख अभिनेता और अभिनेत्रियां एएमएमए के खिलाफ खुलकर सामने आए। इस तेज विरोध और लगातार बढ़ते दबाव के चलते संगठन की कार्यकारिणी और पदाधिकारियों को अंततः भंग कर दिया गया था।
श्वेता मेनन एक प्रसिद्ध अभिनेत्री, मॉडल और टेलीविजन एंकर हैं जो पिछले तीन दशकों से मनोरंजन उद्योग में सक्रिय हैं। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1991 में ममूटी की मुख्य भूमिका वाली मलयालम फिल्म अनास्वरम से की थी।
श्वेता मेनन ने मिस बैंगलोर का खिताब जीतने के बाद मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने तीसरा स्थान हासिल किया। उस वर्ष प्रतियोगिता का खिताब सुष्मिता सेन ने जीता था। श्वेता को उनके फिल्मी करियर में अभिनय के लिए सराहा गया और उन्हें दो बार केरल राज्य फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सम्मान भी मिल चुका है।
नवनिर्वाचित महासचिव कुक्कू परमेश्वरन ने अपने करिअर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी। वे न केवल अभिनय के क्षेत्र में सक्रिय रही हैं, बल्कि एक कुशल शास्त्रीय नृत्यांगना, फैशन डिज़ाइनर और रंगमंच की पेशेवर कलाकार भी हैं। कला के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी बहुआयामी प्रतिभा ने उन्हें मलयालम मनोरंजन जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।
1988 में कुक्कू परमेश्वरन को फिल्म ‘ओरे थूवल पाक्षिकल’ में अपनी प्रभावशाली भूमिका के लिए केरल राज्य का दूसरी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था। यह सम्मान उनके अभिनय कौशल की शुरुआती पहचान थी और उनके करिअर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जाता है।
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