मृतक की पहचान मोहम्मद जोहुरी के रूप में हुई है। घटना सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 35 में रात करीब 8.30 बजे हुई। सिलीगुड़ी के राजाहुली इलाके में करीब दस लोग जोहुरी के घर पहुंचे और उससे 500 रुपये मांगे।
प्रतीकात्मक तस्वीर
सिलीगुड़ी में गुरुवार रात 500 रुपये को लेकर हुए विवाद में अज्ञात बदमाशों ने 58 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी। जब उस व्यक्ति की बेटी ने उसे बचाने की कोशिश की तो बदमाशों ने उसे भी जख्मी कर दिया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। मृतक की पहचान मोहम्मद जोहुरी के रूप में हुई है। घटना सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 35 में रात करीब 8.30 बजे हुई। सिलीगुड़ी के राजाहुली इलाके में करीब दस लोग जोहुरी के घर पहुंचे और उससे 500 रुपये मांगे।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जब जोहुरी ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो भीड़ ने उसे बुरी तरह पीटा और शख्स जमीन पर गिर गया। जोहुरी और उसकी बेटी को पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पिता को मृत घोषित कर दिया। न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई है और बदमाशों की तलाश जारी है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में इस पहले मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इस साल जुलाई में 7 तारीख को भीड़ ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला कर दिया और उसे बुरी तरह पीटा। घटना कोलकाता के भांगर इलाके की थी।
पीड़ित अजगार मोल्ला को उसके परिवार ने करीब एक घंटे बाद भांगर पुलिस स्टेशन से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर पाया था।
मोल्ला के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि उसे बचाने के लिए कोई भी आगे नहीं आया।
मकतूब मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जुलाई में पश्चिम बंगाल में दो सप्ताह में 15 से ज्यादा मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुईं, जिनमें दर्जनों लोगों पर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया और पांच लोगों की मौत हो गई।
कई मामलों में, पीड़ितों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि ये केवल अफवाहें और झूठे आरोप थे। सभी मृतक आर्थिक और सामाजिक रूप से हाशिए से संबंधित थे।
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने साल 2019 में इसी तरह की लिंचिंग की घटनाओं के बाद पश्चिम बंगाल (लिंचिंग की रोकथाम) विधेयक पारित किया था। विधेयक में भीड़ द्वारा हमला करने वालों के लिए मौत की सजा सहित कड़े प्रावधानों का प्रस्ताव किया गया है।
मालूम हो कि अगस्त महीने में गोमांस के शक में पश्चिम बंगाल के प्रवासी मुस्लिम मजदूर की हरियाणा में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के हवाले से एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, मलिक पर गोमांस खाने का संदेह होने पर आरोपियों ने 27 अगस्त को कथित तौर पर उसे खाली प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने एक दुकान पर बुलाया और फिर उसकी पिटाई की। जब कुछ लोगों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो वे कथित तौर पर उसे दूसरी जगह ले गए और फिर दोबारा से वहां उसकी पिटाई की।
इस सिलसिले में प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण में यह पता चला कि वह गोमांस नहीं था। पुलिस ने मीडिया को यह जानकारी दी थी।
प्रतीकात्मक तस्वीर
सिलीगुड़ी में गुरुवार रात 500 रुपये को लेकर हुए विवाद में अज्ञात बदमाशों ने 58 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी। जब उस व्यक्ति की बेटी ने उसे बचाने की कोशिश की तो बदमाशों ने उसे भी जख्मी कर दिया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। मृतक की पहचान मोहम्मद जोहुरी के रूप में हुई है। घटना सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 35 में रात करीब 8.30 बजे हुई। सिलीगुड़ी के राजाहुली इलाके में करीब दस लोग जोहुरी के घर पहुंचे और उससे 500 रुपये मांगे।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जब जोहुरी ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो भीड़ ने उसे बुरी तरह पीटा और शख्स जमीन पर गिर गया। जोहुरी और उसकी बेटी को पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पिता को मृत घोषित कर दिया। न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई है और बदमाशों की तलाश जारी है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में इस पहले मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इस साल जुलाई में 7 तारीख को भीड़ ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला कर दिया और उसे बुरी तरह पीटा। घटना कोलकाता के भांगर इलाके की थी।
पीड़ित अजगार मोल्ला को उसके परिवार ने करीब एक घंटे बाद भांगर पुलिस स्टेशन से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर पाया था।
मोल्ला के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि उसे बचाने के लिए कोई भी आगे नहीं आया।
मकतूब मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जुलाई में पश्चिम बंगाल में दो सप्ताह में 15 से ज्यादा मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुईं, जिनमें दर्जनों लोगों पर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया और पांच लोगों की मौत हो गई।
कई मामलों में, पीड़ितों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि ये केवल अफवाहें और झूठे आरोप थे। सभी मृतक आर्थिक और सामाजिक रूप से हाशिए से संबंधित थे।
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने साल 2019 में इसी तरह की लिंचिंग की घटनाओं के बाद पश्चिम बंगाल (लिंचिंग की रोकथाम) विधेयक पारित किया था। विधेयक में भीड़ द्वारा हमला करने वालों के लिए मौत की सजा सहित कड़े प्रावधानों का प्रस्ताव किया गया है।
मालूम हो कि अगस्त महीने में गोमांस के शक में पश्चिम बंगाल के प्रवासी मुस्लिम मजदूर की हरियाणा में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के हवाले से एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, मलिक पर गोमांस खाने का संदेह होने पर आरोपियों ने 27 अगस्त को कथित तौर पर उसे खाली प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने एक दुकान पर बुलाया और फिर उसकी पिटाई की। जब कुछ लोगों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो वे कथित तौर पर उसे दूसरी जगह ले गए और फिर दोबारा से वहां उसकी पिटाई की।
इस सिलसिले में प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण में यह पता चला कि वह गोमांस नहीं था। पुलिस ने मीडिया को यह जानकारी दी थी।