नाराज छात्रों ने अध्यापक के खिलाफ स्कूल में प्रदर्शन किया, आरोप लगाया कि उन पर जबरन उर्दू पढ़ने का दबाव बनाया जा रहा है, न पढ़ने पर पिटाई करते हैं, छात्र के पिता ने थाने में तहरीर देकर अध्यापक खिलाफ कार्रवाई की मांग की है
प्रतीकात्मक तस्वीर
उत्तर प्रदेश के जिला मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में उर्दू न पढ़ने पर प्रधानाध्यापक द्वारा एक छात्र को पीटने का मामला सामने आया है। छात्र ने इसकी शिकायत माता-पिता से की तो वे स्कूल पहुंचे और प्रधानाध्यापक से बात करने की कोशिश की। आरोप है कि प्रधानाध्यापक ने उनको अपमानित करके भगा दिया।
नाराज छात्रों ने अध्यापक के खिलाफ स्कूल में प्रदर्शन किया है। आरोप लगाया कि उन पर जबरन उर्दू पढ़ने का दबाव बनाया जा रहा है। न पढ़ने पर पिटाई करते हैं। छात्र के पिता ने थाने में तहरीर देकर अध्यापक खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं प्रधानाध्यापक ने आरोपों को निराधार बताया है।
etvbharat.com की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला मिर्जापुर जनपद के प्राथमिक विद्यालय महुगढ़ का है। स्कूल में मुस्लिम शिक्षक के द्वारा बच्चों को उर्दू जबरदस्ती पढ़ाए जाने का मामला सामने आने पर बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। छात्रों ने प्रधानाध्यापक पर जबरदस्ती उर्दू पढ़ाए जाने और मिड-डे मील सही से न देने का आरोप लगाया है।
कक्षा पांचवी के छात्र सत्यम ने अपने पिता दयाशंकर से बताया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक माबूद आलम ने उर्दू न पढ़ने पर उसकी पिटाई की है। छात्र के माता-पिता पहले स्कूल गए तो अध्यापक ने भगा दिया। अब पिता दयाशंकर सिंह ने थाना हलिया में तहरीर देकर प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पिता ने थाने में तहरीर देकर बताया है कि प्रधानाध्यापक से पूछताछ करना चाहा तो उन्होंने धमकी देते हुए भगा दिया है। बच्चों को जबरन उर्दू पढ़ने का दबाव बनाते हैं। प्रधानाध्यापक का यहां से स्थानांतरण किया जाए।
बताया जा रहा है 2 मार्च को स्कूल के बच्चे लंच के दौरान क्रिकेट खेल रहे थे। गेंद विद्यालय के कार्यालय में चला गया, जिसे हेड मास्टर माबूद अहमद (उर्दू अध्यापक) ने बच्चों से बैट बाल छीन लिया और कार्यालय में रखवा दिया। साथ ही बच्चों को पढ़ने के लिए कक्षा में भेज दिया गया।
कुछ देर बाद कक्षा -5 का छात्र सत्यम बैट बाल कार्यालय से निकाल लाया और विद्यालय परिसर में खेलने लगाया। इसी बात से नाराज अध्यापक माबूद अहमद बच्चे को दो थप्पड़ मार कर वापस क्लास में भेज दिया। बच्चा नाराज होकर घर चला गया और अपने माता-पिता से बताया।
विद्यालय में आए छात्र के माता पिता और शिक्षक में कहासुनी हुई। बच्चे के परिजन द्वारा आरोप लगाया गया कि विद्यालय में जबरदस्ती बच्चों को उर्दू पढ़ाया जाता है। हलिया थाना प्रभारी विष्णु प्रभा सिंह ने बताया कि छात्र के पिता ने 3 मार्च को शिकायत की है। प्रधानाध्यापक के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है। जांच कर प्रभारी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं ने स्कूल परिसर में प्रदर्शन करते हुए बताया कि यहां पर मिड-डे मील भी बच्चों को ठीक से नहीं दिया जाता है। लकड़ी पर खाना बनवाया जाता है। पेट भर खाना भी नहीं दिया जाता है। साथ ही छात्रों ने आरोप लगाया है कि जबरन उर्दू पढ़ाया जाता है।
छात्रों के वीडियो वायरल होने को लेकर स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक माबूद आलम ने बताया कि स्कूल के बच्चे खेल रहे थे। शिक्षक ने मना किया तो बच्चे मान गए थे। बीच में एक बच्चा फिर बैट बाल निकाल कर खेलने लगा। शिक्षक ने दोबारा छीनकर रखवा दिया था।
इसी से नाराज हो कर बच्चा घर चला गया और अपने परिजनों को बताया। परिजन विद्यालय आकर उर्दू जबरदस्ती पढ़ाए जाने का आरोप लगाने लगे। बीएसए अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की खंड शिक्षा अधिकारी को जांच कर रहे हैं। जो तथ्य प्रकाश में आएंगे उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
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उत्तर प्रदेश के जिला मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में उर्दू न पढ़ने पर प्रधानाध्यापक द्वारा एक छात्र को पीटने का मामला सामने आया है। छात्र ने इसकी शिकायत माता-पिता से की तो वे स्कूल पहुंचे और प्रधानाध्यापक से बात करने की कोशिश की। आरोप है कि प्रधानाध्यापक ने उनको अपमानित करके भगा दिया।
नाराज छात्रों ने अध्यापक के खिलाफ स्कूल में प्रदर्शन किया है। आरोप लगाया कि उन पर जबरन उर्दू पढ़ने का दबाव बनाया जा रहा है। न पढ़ने पर पिटाई करते हैं। छात्र के पिता ने थाने में तहरीर देकर अध्यापक खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं प्रधानाध्यापक ने आरोपों को निराधार बताया है।
etvbharat.com की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला मिर्जापुर जनपद के प्राथमिक विद्यालय महुगढ़ का है। स्कूल में मुस्लिम शिक्षक के द्वारा बच्चों को उर्दू जबरदस्ती पढ़ाए जाने का मामला सामने आने पर बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। छात्रों ने प्रधानाध्यापक पर जबरदस्ती उर्दू पढ़ाए जाने और मिड-डे मील सही से न देने का आरोप लगाया है।
कक्षा पांचवी के छात्र सत्यम ने अपने पिता दयाशंकर से बताया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक माबूद आलम ने उर्दू न पढ़ने पर उसकी पिटाई की है। छात्र के माता-पिता पहले स्कूल गए तो अध्यापक ने भगा दिया। अब पिता दयाशंकर सिंह ने थाना हलिया में तहरीर देकर प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पिता ने थाने में तहरीर देकर बताया है कि प्रधानाध्यापक से पूछताछ करना चाहा तो उन्होंने धमकी देते हुए भगा दिया है। बच्चों को जबरन उर्दू पढ़ने का दबाव बनाते हैं। प्रधानाध्यापक का यहां से स्थानांतरण किया जाए।
बताया जा रहा है 2 मार्च को स्कूल के बच्चे लंच के दौरान क्रिकेट खेल रहे थे। गेंद विद्यालय के कार्यालय में चला गया, जिसे हेड मास्टर माबूद अहमद (उर्दू अध्यापक) ने बच्चों से बैट बाल छीन लिया और कार्यालय में रखवा दिया। साथ ही बच्चों को पढ़ने के लिए कक्षा में भेज दिया गया।
कुछ देर बाद कक्षा -5 का छात्र सत्यम बैट बाल कार्यालय से निकाल लाया और विद्यालय परिसर में खेलने लगाया। इसी बात से नाराज अध्यापक माबूद अहमद बच्चे को दो थप्पड़ मार कर वापस क्लास में भेज दिया। बच्चा नाराज होकर घर चला गया और अपने माता-पिता से बताया।
विद्यालय में आए छात्र के माता पिता और शिक्षक में कहासुनी हुई। बच्चे के परिजन द्वारा आरोप लगाया गया कि विद्यालय में जबरदस्ती बच्चों को उर्दू पढ़ाया जाता है। हलिया थाना प्रभारी विष्णु प्रभा सिंह ने बताया कि छात्र के पिता ने 3 मार्च को शिकायत की है। प्रधानाध्यापक के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है। जांच कर प्रभारी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं ने स्कूल परिसर में प्रदर्शन करते हुए बताया कि यहां पर मिड-डे मील भी बच्चों को ठीक से नहीं दिया जाता है। लकड़ी पर खाना बनवाया जाता है। पेट भर खाना भी नहीं दिया जाता है। साथ ही छात्रों ने आरोप लगाया है कि जबरन उर्दू पढ़ाया जाता है।
छात्रों के वीडियो वायरल होने को लेकर स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक माबूद आलम ने बताया कि स्कूल के बच्चे खेल रहे थे। शिक्षक ने मना किया तो बच्चे मान गए थे। बीच में एक बच्चा फिर बैट बाल निकाल कर खेलने लगा। शिक्षक ने दोबारा छीनकर रखवा दिया था।
इसी से नाराज हो कर बच्चा घर चला गया और अपने परिजनों को बताया। परिजन विद्यालय आकर उर्दू जबरदस्ती पढ़ाए जाने का आरोप लगाने लगे। बीएसए अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की खंड शिक्षा अधिकारी को जांच कर रहे हैं। जो तथ्य प्रकाश में आएंगे उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
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