क्रिसमस दिवस की आहट होते ही ईसाई समुदाय के लोगों पर आरोपों का दौर शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोनभद्र जिले में गरीब और आदिवासी लोगों को फर्जी तरीके से ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन देने के आरोप में 42 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनमें से नौ को गिरफ्तार किया है।
Image Courtesy: Hate Detector X
एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोनभद्र जिले में गरीब और आदिवासी लोगों को फर्जी तरीकों से ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए कथित तौर पर प्रलोभन देने के आरोप में 42 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनमें से नौ को गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार लोगों के पास से भारी मात्रा में धार्मिक किताबें, प्रचार सामग्री और लैपटॉप बरामद हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि जिले के चोपन थाना क्षेत्र के मलहिया टोला निवासी नरसिंह ने शिकायत की थी कि कुछ लोग फर्जी तरीके से आदिवासी लोगों और गरीबों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन दे रहे हैं।
शिकायत के आधार पर गुरुवार को पुलिस ने उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत 42 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में तमिलनाडु के चेन्नई के जयप्रभु, उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज के अजय कुमार और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के चेक्का इमैनुएल शामिल हैं।
बाकी गिरफ्तार लोगों की पहचान राजेंद्र कोल, छोटू उर्फ रंजन, परमानंद, सोहन, प्रेम नाथ प्रजापति और राम प्रताप के रूप में हुई।
बजरंग दल के सदस्य की शिकायत पर हुई कार्रवाई
एबीपी न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यह कार्रवाई बजरंग दल के एक व्यक्ति की सूचना पर हुई। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बजरंग दल के प्रदेश संयोजक ने पुलिस अधीक्षक को धर्म परिवर्तन रोकने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था और साथ में धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के 42 लोगों की सूची भी सौंपा था। अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों की शिकायत नरसिंह त्रिपाठी द्वारा की गई थी।
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एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोनभद्र जिले में गरीब और आदिवासी लोगों को फर्जी तरीकों से ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए कथित तौर पर प्रलोभन देने के आरोप में 42 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनमें से नौ को गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार लोगों के पास से भारी मात्रा में धार्मिक किताबें, प्रचार सामग्री और लैपटॉप बरामद हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि जिले के चोपन थाना क्षेत्र के मलहिया टोला निवासी नरसिंह ने शिकायत की थी कि कुछ लोग फर्जी तरीके से आदिवासी लोगों और गरीबों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन दे रहे हैं।
शिकायत के आधार पर गुरुवार को पुलिस ने उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत 42 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में तमिलनाडु के चेन्नई के जयप्रभु, उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज के अजय कुमार और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के चेक्का इमैनुएल शामिल हैं।
बाकी गिरफ्तार लोगों की पहचान राजेंद्र कोल, छोटू उर्फ रंजन, परमानंद, सोहन, प्रेम नाथ प्रजापति और राम प्रताप के रूप में हुई।
बजरंग दल के सदस्य की शिकायत पर हुई कार्रवाई
एबीपी न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यह कार्रवाई बजरंग दल के एक व्यक्ति की सूचना पर हुई। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बजरंग दल के प्रदेश संयोजक ने पुलिस अधीक्षक को धर्म परिवर्तन रोकने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था और साथ में धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के 42 लोगों की सूची भी सौंपा था। अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों की शिकायत नरसिंह त्रिपाठी द्वारा की गई थी।
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