भोपाल। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले देशभर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं और मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का बुरा हाल है। लाश जलाने के लिए लंबी कतारें लगी हुई हैं। भोपाल के श्मशान और कब्रिस्तानों में जलती और दफन होती लाशों की संख्या सरकारी कागजों में रोजाना दर्ज हो रही संख्या से कई गुना ज्यादा है।
फोटो साभार- आजतक
आजतक की एक रिपोर्ट मुताबिक़ जहां पहले एक श्मशान में रोजाना 5 से 10 लाशें आती थीं, वहीं अब 35 से 40 लाशें आती हैं। कोविड प्रोटोकॉल के तहत जलाई जाने वाली लाशों की संख्या कोरोना मौतों के सरकारी आंकड़े से बहुत अधिक है। सरकार इन्हें कोरोना संदिग्ध मानती है, तो विपक्ष इसे आंकड़े छुपाने का खेल बता रहा है।
आजतक ने मामले को लेकर भोपाल के भदभदा श्मशान घाट और सुभाष नगर विश्राम घाट का जायजा लिया। 8-11 अप्रैल के दौरान इन दोनों श्मशानों पर कुल 187 लाशों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत हुआ, जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार में इन चार दिनों में कोरोना से सिर्फ 5 मौतें हुई हैं। ऐसे में शिवराज सरकार सवालों के घेरे में है।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक़ भदभदा श्मशान घाट में शव जलाने के लिए लाइन लगानी पड़ रही है। 12 अप्रैल को यहां 12 लाशें जल रही थीं, इसके अलावा कई लाशें एंबुलेंस में थीं और मृतकों के परिजन अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
सरकारी आंकड़ों और श्मशान में जलती लाशों के अलग आंकड़ों पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने सरकार की एक साल की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके लिए दोषी मध्य प्रदेश की सरकार है। जहां 10 लाशें आती थीं, अब रोजाना 100 आ रही हैं। हालांकि, कोविड मौतों के इन आंकड़ों के अंतर पर सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने तर्क दिया कि संदिग्ध कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकाल से किया जाता है, इसलिए ऐसा अंतर दिखता है, सरकार की मंशा आकंड़े छिपाने की नहीं है।
शिवराज सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी मुख्यमंत्री की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मौतों के अंतर की वजह ये है कि कोविड मरीजों और संदिग्ध कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार एक ही प्रोटोकॉल के तहत किया जाता है।
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित कई शहरों में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में हमने तय किया है कि एम्स भोपाल में जितने बेड खाली हैं, वे कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि 9 अप्रैल तक बेड्स की संख्या सरकारी अस्पतालों में 17,492 और निजी अस्पतालों में 13,250 थी। कोविड19 के इलाज हेतु कुल संख्या 30,742 थी। हमने बेड्स की संख्या बढ़ाई और 13 अप्रैल तक सरकारी अस्पतालों में इसकी संख्या 19,410 बेड और निजी अस्पतालों में 17,036 है। मौजूदा वक्त में कुल 36,446 बेड्स उपलब्ध हैं।
(आजतक की रिपोर्ट से साभार)
फोटो साभार- आजतक
आजतक की एक रिपोर्ट मुताबिक़ जहां पहले एक श्मशान में रोजाना 5 से 10 लाशें आती थीं, वहीं अब 35 से 40 लाशें आती हैं। कोविड प्रोटोकॉल के तहत जलाई जाने वाली लाशों की संख्या कोरोना मौतों के सरकारी आंकड़े से बहुत अधिक है। सरकार इन्हें कोरोना संदिग्ध मानती है, तो विपक्ष इसे आंकड़े छुपाने का खेल बता रहा है।
आजतक ने मामले को लेकर भोपाल के भदभदा श्मशान घाट और सुभाष नगर विश्राम घाट का जायजा लिया। 8-11 अप्रैल के दौरान इन दोनों श्मशानों पर कुल 187 लाशों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत हुआ, जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार में इन चार दिनों में कोरोना से सिर्फ 5 मौतें हुई हैं। ऐसे में शिवराज सरकार सवालों के घेरे में है।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक़ भदभदा श्मशान घाट में शव जलाने के लिए लाइन लगानी पड़ रही है। 12 अप्रैल को यहां 12 लाशें जल रही थीं, इसके अलावा कई लाशें एंबुलेंस में थीं और मृतकों के परिजन अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
सरकारी आंकड़ों और श्मशान में जलती लाशों के अलग आंकड़ों पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने सरकार की एक साल की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके लिए दोषी मध्य प्रदेश की सरकार है। जहां 10 लाशें आती थीं, अब रोजाना 100 आ रही हैं। हालांकि, कोविड मौतों के इन आंकड़ों के अंतर पर सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने तर्क दिया कि संदिग्ध कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकाल से किया जाता है, इसलिए ऐसा अंतर दिखता है, सरकार की मंशा आकंड़े छिपाने की नहीं है।
शिवराज सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी मुख्यमंत्री की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मौतों के अंतर की वजह ये है कि कोविड मरीजों और संदिग्ध कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार एक ही प्रोटोकॉल के तहत किया जाता है।
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित कई शहरों में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में हमने तय किया है कि एम्स भोपाल में जितने बेड खाली हैं, वे कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि 9 अप्रैल तक बेड्स की संख्या सरकारी अस्पतालों में 17,492 और निजी अस्पतालों में 13,250 थी। कोविड19 के इलाज हेतु कुल संख्या 30,742 थी। हमने बेड्स की संख्या बढ़ाई और 13 अप्रैल तक सरकारी अस्पतालों में इसकी संख्या 19,410 बेड और निजी अस्पतालों में 17,036 है। मौजूदा वक्त में कुल 36,446 बेड्स उपलब्ध हैं।
(आजतक की रिपोर्ट से साभार)