NRC समन्वयक ने ‘अपात्र लोगों’ के नामों को अंतिम सूची से हटाने का आदेश दिया है
असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) के राज्य समन्वयक हितेश देव सरमा ने कम से कम 10,000 लोगों के नामों के अंतिम NRC को शुद्ध करने के आदेश जारी किए हैं।
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens, NRC) की अंतिम सूची से 10 हजार अपात्र लोगों और उनके वंशजों के नाम हटाए जाएंगे। एनआरसी के राज्य समन्वयक हितेश देव सरमा ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। सरमा ने इन लोगों के नाम हटाने के लिए सभी उप आयुक्तों और जिला नागरिक पंजीकरण पंजीयक को मंगलवार को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा है, आप लोगों की तरफ से मिली रिपोर्ट के मुताबिक डीएफ (घोषित विदेशी)/डीवी (घोषित मतदाता)/पीएफटी (विदेशी अधिकरण में लंबित) श्रेणी के अपात्र लोगों और उनके वंशजों के नाम एनआरसी में पाए गए हैं। उन्होंने इन सभी अधिकारियों से इन लोगों की पहचान करने और उनके नाम एनआरसी से हटाने के लिए आदेश जारी करने को कहा है।
सरमा ने इससे संबंधित नियमों और खंडों को लेकर कहा है कि अंतिम एनआरसी के प्रकाशन से पहले संबंधित प्राधिकारी किसी भी व्यक्ति के नाम को हटा और शामिल कर सकता है। असम के लिए अंतिम एनआरसी को पिछले साल अगस्त में सार्वजनिक किया गया था। लेकिन भारत के महापंजीयक की तरफ से अभी इसे अधिसूचित नहीं किया गया है और इसकी वजह से इसकी कोई आधिकारिक वैधता नहीं है।
अधिसूचना की एक प्रति यहां पढ़ी जा सकती है:
सरमा ने नाट हटाने के उचित कारणों को भी स्पष्ट करने को कहा है। इसके लिए ऐसे सभी लोगों की सही पहचान करने के लिए अनिवार्य रूप से सत्यापन कराने का निर्देश दिया, ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद नहीं पैदा हो। हालांकि, सरमा ने अपने पत्र में यह नहीं कहा है कि कितने लोगों के नाम हटाए जाएंगे। लेकिन इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि करीब 10 हजार लोगों की पहचान की गई है, जिनके नाम गलत तरीके से अंतिम एनआरसी में शामिल किए गए थे।
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उन्होंने कहा है, आप लोगों की तरफ से मिली रिपोर्ट के मुताबिक डीएफ (घोषित विदेशी)/डीवी (घोषित मतदाता)/पीएफटी (विदेशी अधिकरण में लंबित) श्रेणी के अपात्र लोगों और उनके वंशजों के नाम एनआरसी में पाए गए हैं। उन्होंने इन सभी अधिकारियों से इन लोगों की पहचान करने और उनके नाम एनआरसी से हटाने के लिए आदेश जारी करने को कहा है।
सरमा ने इससे संबंधित नियमों और खंडों को लेकर कहा है कि अंतिम एनआरसी के प्रकाशन से पहले संबंधित प्राधिकारी किसी भी व्यक्ति के नाम को हटा और शामिल कर सकता है। असम के लिए अंतिम एनआरसी को पिछले साल अगस्त में सार्वजनिक किया गया था। लेकिन भारत के महापंजीयक की तरफ से अभी इसे अधिसूचित नहीं किया गया है और इसकी वजह से इसकी कोई आधिकारिक वैधता नहीं है।
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सरमा ने नाट हटाने के उचित कारणों को भी स्पष्ट करने को कहा है। इसके लिए ऐसे सभी लोगों की सही पहचान करने के लिए अनिवार्य रूप से सत्यापन कराने का निर्देश दिया, ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद नहीं पैदा हो। हालांकि, सरमा ने अपने पत्र में यह नहीं कहा है कि कितने लोगों के नाम हटाए जाएंगे। लेकिन इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि करीब 10 हजार लोगों की पहचान की गई है, जिनके नाम गलत तरीके से अंतिम एनआरसी में शामिल किए गए थे।
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