चुनाव आयोग द्वारा पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को दी गई क्लीन चिट से विपक्ष संतुष्ट नहीं दिख रहा है। कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने आयोग से मिले इस क्लीन चिट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सांसद सुष्मिता देव को निर्वाचन आयोग के निर्णय की रिकॉर्डिंग सहित हलफनामा लेकर प्रस्तुत होने का आदेश दिया है। चुनाव आयोग के निर्णय से असहमत सुष्मिता देव की याचिका सीजेआई रंजन गोगोई एवं जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष 8 मई को सुनी जाएगी।

कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। अधिवक्ता मनु सिंघवी ने यह आरोप लगाया था कि पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर कांग्रेस द्वारा दर्ज कराई आचार संहिता की शिकायतों पर चुनाव आयोग ने कोई कार्यवाई नहीं की है। साथ ही कहा कि चुनाव आयोग के पास मोदी– शाह को लेकर अब तक 11 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। पर बिना कोई विस्तृत आदेश दिये याचिका खारिज कर देने का आरोप लगाया है।
चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को लातूर एवं वर्धा में भाषण के दौरान दिये गए विवादित बयानों के लिए क्लीन चिट दे दी है। लातूर में पीएम मोदी ने युवा मतदाताओं से पुलवामा हमलों में हुए शहीद जवानों के नाम पर वोट अपील की थी। जिसके बाद उन्हें सभी तरफ से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसी तरह वर्धा में भाषण के दौरान पीएम मोदी ने राहुल गांधी की आलोचना की थी। साथ ही यह संकेत दिया कि वायनाड सांसदीय क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय से अधिक वोट है। इस पर विपक्ष ने उनकी कड़ी आलोचना करते हुए चुनाव आयोग में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
पिछली सुनवाई के दौरान मनु सिंघवी ने कहा था कि मोदी–शाह पर 11 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। बीते 31 दिनों में सिर्फ 2 शिकायतों पर ही निर्णाय सुनाया गया है, अगर इस प्रकार चलता रहा तो 250 दिनों से ज्यादा का वक्त लगेगा। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 6 मई तक का समय दिया था।
चुनाव आयोग के निर्णय से विपक्ष की सांसद सुष्मिता देव अब भी असहमत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 मई की तारीख निर्धारित की है। साथ ही सुष्मिता देव से चुनाव आयोग के निर्णय की रिकॉर्डिंग लाने के लिए कहा है।

कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। अधिवक्ता मनु सिंघवी ने यह आरोप लगाया था कि पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर कांग्रेस द्वारा दर्ज कराई आचार संहिता की शिकायतों पर चुनाव आयोग ने कोई कार्यवाई नहीं की है। साथ ही कहा कि चुनाव आयोग के पास मोदी– शाह को लेकर अब तक 11 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। पर बिना कोई विस्तृत आदेश दिये याचिका खारिज कर देने का आरोप लगाया है।
चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को लातूर एवं वर्धा में भाषण के दौरान दिये गए विवादित बयानों के लिए क्लीन चिट दे दी है। लातूर में पीएम मोदी ने युवा मतदाताओं से पुलवामा हमलों में हुए शहीद जवानों के नाम पर वोट अपील की थी। जिसके बाद उन्हें सभी तरफ से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसी तरह वर्धा में भाषण के दौरान पीएम मोदी ने राहुल गांधी की आलोचना की थी। साथ ही यह संकेत दिया कि वायनाड सांसदीय क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय से अधिक वोट है। इस पर विपक्ष ने उनकी कड़ी आलोचना करते हुए चुनाव आयोग में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
पिछली सुनवाई के दौरान मनु सिंघवी ने कहा था कि मोदी–शाह पर 11 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। बीते 31 दिनों में सिर्फ 2 शिकायतों पर ही निर्णाय सुनाया गया है, अगर इस प्रकार चलता रहा तो 250 दिनों से ज्यादा का वक्त लगेगा। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 6 मई तक का समय दिया था।
चुनाव आयोग के निर्णय से विपक्ष की सांसद सुष्मिता देव अब भी असहमत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 मई की तारीख निर्धारित की है। साथ ही सुष्मिता देव से चुनाव आयोग के निर्णय की रिकॉर्डिंग लाने के लिए कहा है।