सुप्रीम कोर्ट ने एरिक्सन मामले में अनिल अंबानी और रिलायंस कम्युनिकेशंस के दो निदेशकों को अवमानना का दोषी करार दिया है। अंबानी के अलावा रिलायंस टेलीकॉम के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल की चेयरपर्सन छाया विरानी को अवमानना का दोषी पाया गया है।
कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर एरिक्सन को 453 करोड़ रुपये चुकाने को कहा है। ऐसा न कर तीन महीने जेल की सजा सुनाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एक महीने के भीतर जुर्माना न जमा कर पाने पर अदालत उन्हें 30 दिन के लिए जेल भेज देगी।
जस्टिस आर एफ नरीमन और विनीत सरन की बेंट ने 13 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जब एरिक्सन इंडिया ने आरोप लगाया था कि रिलायंस ग्रुप के पास राफेल विमान सौदे में निवेश के लिये रकम है लेकिन वे उसके 550 करोड़ के बकाये का भुगतान करने में असमर्थ हैं। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने इस आरोप से इनकार किया था।
अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बड़े भाई मुकेश अंबानी ने नेतृत्व वाली रिलायंस जियो के साथ संपदा की बिक्री का सौदा विफल होने के बाद उनकी कंपनी दिवालियेपन के लिये कार्यवाही कर रही है ऐसे में रकम पर उसका नियंत्रण नहीं है।
एरिक्सन ने अनिल अंबानी पर शिकंजा कसने की कोशिश के तहत कोर्ट से मांग की थी कि रकम न चुकाने तक अंबानी के विदेश यात्राओं पर रोक लगा दी जाए।
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने कोर्ट को बताया था कि उसने एरिक्सन के बकाये का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए ‘‘जमीन आसमान एक कर दिये’’ लेकिन वह रकम नहीं चुका पाया क्योंकि जियो के साथ उसका सौदा नहीं हो पाया।
कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर एरिक्सन को 453 करोड़ रुपये चुकाने को कहा है। ऐसा न कर तीन महीने जेल की सजा सुनाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एक महीने के भीतर जुर्माना न जमा कर पाने पर अदालत उन्हें 30 दिन के लिए जेल भेज देगी।
जस्टिस आर एफ नरीमन और विनीत सरन की बेंट ने 13 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जब एरिक्सन इंडिया ने आरोप लगाया था कि रिलायंस ग्रुप के पास राफेल विमान सौदे में निवेश के लिये रकम है लेकिन वे उसके 550 करोड़ के बकाये का भुगतान करने में असमर्थ हैं। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने इस आरोप से इनकार किया था।
अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बड़े भाई मुकेश अंबानी ने नेतृत्व वाली रिलायंस जियो के साथ संपदा की बिक्री का सौदा विफल होने के बाद उनकी कंपनी दिवालियेपन के लिये कार्यवाही कर रही है ऐसे में रकम पर उसका नियंत्रण नहीं है।
एरिक्सन ने अनिल अंबानी पर शिकंजा कसने की कोशिश के तहत कोर्ट से मांग की थी कि रकम न चुकाने तक अंबानी के विदेश यात्राओं पर रोक लगा दी जाए।
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने कोर्ट को बताया था कि उसने एरिक्सन के बकाये का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए ‘‘जमीन आसमान एक कर दिये’’ लेकिन वह रकम नहीं चुका पाया क्योंकि जियो के साथ उसका सौदा नहीं हो पाया।