फ्रेंच अखबार का दावा: राफेल डील के बाद अनिल अंबानी का 1200 करोड़ रुपये टैक्स माफ हुआ

Written by sabrang india | Published on: April 13, 2019
नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर अनिल अंबानी की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती दिख रही है। वजह से है कि एक फ्रेंच अखबार ने दावा किया है कि भारत और फ्रांस के बीच 2015 में राफेल डील पर सहमति बनने के 6 महीने बाद अनिल अंबानी की फ्रांस स्थिति कंपनी का 1200 करोड़ रुपये का टैक्स माफ कर दिया गया। 

फ्रेंच अखबार Le Monde ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया, “फरवरी 2015 से अक्टूबर 2015 के बीच, जब फ्रांस भारत के साथ राफेल डील पर बातचीत कर रहा था, अनिल अंबानी की कंपनी का करीब 1100 करोड़ रुपये (143 मिलियन यूरो) टैक्स माफ कर दिया गया।” बता दें कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस 2015 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान को लेकर किए गए समझौते में ऑफसेट पार्टनर है।

रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि अनिल अंबानी की फ्रांस में एक रजिस्टर्ड टेलिकॉम (दूरसंचार) कंपनी है, जिसका नाम ‘रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांस’ है। Le Monde के साउथ एशिया संवाददाता Julien Bouissou ने ट्वीट किया, “फ्रेंच टैक्स अथॉरिटी द्वारा जांच के दौरान यह पाया गया कि कंपनी के ऊपर 2007 से लेकर 2010 के बीच 60 मिलियन यूरो टैक्स बकाया है। रिलायंस ने समझौते के लिए 7.6 मिलियन यूरो देने की पेशकश की, लेकिन टैक्स ऑथरिटी ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद 2010 से 2012 के बीच के समय के लिए फिर से जांच की गई और 91 मिलियन यूरो अतिरिक्त टैक्स जमा करने को कहा गया।”

रिपोर्ट के अनुसार, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2015 में डसॉल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की, उस समय अनिल अंबानी की कंपनी पर करीब 151 मिलियन यूरो फ्रेंच सरकार का बकाया था। हालांकि, राफेल डील की घोषणा के छह महीने बाद फ्रेंच टैक्स ऑथरिटी ने रिलायंस से समझौते के तौर पर सिर्फ 7.3 मिलियन यूरो लिए।
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रिलायंस की सफाई: रिलायंस FLAG अटलांटिक फ्रांस एसएएस, भारत के रिलायंस कम्युनिकेशंस की सहायक कंपनी है। इसके पास अपना फ्रांस में अपना एक केबल नेटवर्क और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर है। कंपनी से जिस टैक्स की मांग की जा रही थी, वह अवैध थी। बाद में इस टैक्स विवाद को फ्रांस में काम करने वाली सभी कंपनियों के लिए बने कानून के अनुसार इसका निष्पादन किया गया। 2008 से 2012 के बीच फ्लैज फ्रांस 20 करोड़ के ऑपरेटिंग लॉस में थी और टैक्स अथॉरिटी ने उस समयावधि के लिए 1100 करोड़ से ज्यादा टैक्स की मांग की थी। कानून के अनुसर, फ्रेंच टैक्स समझौता प्रक्रिया हुआ और 56 करोड़ का अंतिम भुगतान करने पर दोनों पार्टियां सहमत हुई। फ्रेंच अखबार की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए रिलायंस कम्युनिकेशन ने अपने जारी बयान में कहा कि यह मामला 2008 से संबंधित है। इस मामले में किसी तरह का लाभ नहीं लिया गया।

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