उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के शक में हुई हिंसा को लेकर अब फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने भी सवाल उठाए हैं. नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में देश को हिला देने वाली इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है.
फिल्म अभिनेता ने 'कारवां-ए-मोहब्बत' यूट्यूब पेज पर एक वीडियो जारी कर कहा , 'लोगों को कानून हाथ में लेने की खुली छूट दी गई है. कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है. मुझे अपने औलादों के बारे में सोचकर फिक्र होती है क्योंकि मैंने अपने बच्चों को मजहब की तालीम बिल्कुल नहीं दी है. हमने उन्हें अच्छाई और बुराई के बारे में सिखाया है और मेरा मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है.' 2 मिनट 10 सेकंड का यह वीडियो सत्रह दिसंबर को पोस्ट किया गया था.
वीडियो में नसीरुद्दीन आगे कहते हैं, 'कल मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा कि तुम हिन्दू हो या मुस्लिम तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा. मुझे इस बात की फिक्र होती है कि मुझे हालात जल्दी सुधरते तो नजर नहीं आ रहे हैं.'
नसीरुद्दीन ने कहा कि इन बातों से मुझे डर नहीं लगता बल्कि गुस्सा आता है और सही सोच रखने वाले हर इंसान को गुस्सा आना चाहिए न कि डरना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह हमारा घर है और हमें कौन निकाल सकता है यहां से.
नसीरुद्दीन शाह ने अपने बच्चों को लेकर भी चिंता जाहिर की- मुझे अपने बच्चों के लिए बेहद डर लगता है कि अगर कही मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा जाए कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा. क्योंकि हमने अपने बच्चों को मजहबी तालीम नहीं दी है. क्योंकि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई मलतब नहीं है.
इसी महीने 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना में जबरदस्त हिंसा हुई थी जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई थी. आरोप है कि उनकी मौत हिंसा में शामिल लोगों की गोली से हुई है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है और कई लोगों को इस मामले में अरेस्ट किया जा चुका है.
फिल्म अभिनेता ने 'कारवां-ए-मोहब्बत' यूट्यूब पेज पर एक वीडियो जारी कर कहा , 'लोगों को कानून हाथ में लेने की खुली छूट दी गई है. कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है. मुझे अपने औलादों के बारे में सोचकर फिक्र होती है क्योंकि मैंने अपने बच्चों को मजहब की तालीम बिल्कुल नहीं दी है. हमने उन्हें अच्छाई और बुराई के बारे में सिखाया है और मेरा मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है.' 2 मिनट 10 सेकंड का यह वीडियो सत्रह दिसंबर को पोस्ट किया गया था.
वीडियो में नसीरुद्दीन आगे कहते हैं, 'कल मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा कि तुम हिन्दू हो या मुस्लिम तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा. मुझे इस बात की फिक्र होती है कि मुझे हालात जल्दी सुधरते तो नजर नहीं आ रहे हैं.'
नसीरुद्दीन ने कहा कि इन बातों से मुझे डर नहीं लगता बल्कि गुस्सा आता है और सही सोच रखने वाले हर इंसान को गुस्सा आना चाहिए न कि डरना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह हमारा घर है और हमें कौन निकाल सकता है यहां से.
नसीरुद्दीन शाह ने अपने बच्चों को लेकर भी चिंता जाहिर की- मुझे अपने बच्चों के लिए बेहद डर लगता है कि अगर कही मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा जाए कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा. क्योंकि हमने अपने बच्चों को मजहबी तालीम नहीं दी है. क्योंकि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई मलतब नहीं है.
इसी महीने 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना में जबरदस्त हिंसा हुई थी जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई थी. आरोप है कि उनकी मौत हिंसा में शामिल लोगों की गोली से हुई है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है और कई लोगों को इस मामले में अरेस्ट किया जा चुका है.