मेरठ: 6 दिसंबर 2017 को गुजरात के राजसमंद में मुस्लिम युवक की हत्या कर वीडियो जारी करने वाला शंभू रैगर कथित हिंदुत्ववादियों के लिए हीरो बन गया था। शंभू को हीरो इसलिए बनाया गया क्योंकि उसने मुस्लिम की हत्या की थी। अब ऐसी ही कोशिश उत्तर प्रदेश में की जा रही है। बुलंदशहर के स्याना में पिछले महीने गाय के नाम पर हुई हिंसा की साजिश रचने वाला बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज मुख्य आरोपी के तौर पर जेल में बंद है। लेकिन जेल से बाहर उसे हीरो बनाने की कवायद चल रही है।
योगेश राज के नाम से अभी भी लोगों को मकर संक्रांति की बधाई दी गई है। बुलंदशहर में कई स्थानों पर मकर संक्रांति, गणतंत्र दिवस बधाई के पोस्टर लगे हैं, जिनमें योगेश राज की तस्वीर भी चस्पा है। योगेश राज को बजरंग दल का जिला संयोजक दिखाया गया है।
जब पोस्टर के बारे में बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ताओं से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि योगेश राज जिला संयोजक है, इसी कारण उसकी तस्वीर और नाम पोस्टर पर लगाया गया है। आपको बता दें कि 3 दिसंबर, 2018 को हुई बुलंदशहर हिंसा के ठीक एक महीने बाद 3 जनवरी, 2019 को पुलिस की गिरफ्त में लिया गया था।
बुलंदशहर जिले के स्याना थाना के पास 3 दिसंबर को कथित गो हत्या की अफवाह के बाद काफी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोकशी के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। योगी आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर की हत्या पर एक शब्द तक नहीं बोला था। इसे लेकर योगी आदित्यनाथ की काफी किरकिरी हुई।
योगेश राज के नाम से अभी भी लोगों को मकर संक्रांति की बधाई दी गई है। बुलंदशहर में कई स्थानों पर मकर संक्रांति, गणतंत्र दिवस बधाई के पोस्टर लगे हैं, जिनमें योगेश राज की तस्वीर भी चस्पा है। योगेश राज को बजरंग दल का जिला संयोजक दिखाया गया है।
जब पोस्टर के बारे में बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ताओं से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि योगेश राज जिला संयोजक है, इसी कारण उसकी तस्वीर और नाम पोस्टर पर लगाया गया है। आपको बता दें कि 3 दिसंबर, 2018 को हुई बुलंदशहर हिंसा के ठीक एक महीने बाद 3 जनवरी, 2019 को पुलिस की गिरफ्त में लिया गया था।
बुलंदशहर जिले के स्याना थाना के पास 3 दिसंबर को कथित गो हत्या की अफवाह के बाद काफी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोकशी के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। योगी आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर की हत्या पर एक शब्द तक नहीं बोला था। इसे लेकर योगी आदित्यनाथ की काफी किरकिरी हुई।