जब मैंने चाय वाले से चाय का रेट जानना चाहा---
क्या रेट दिए चाय ?
बढ़िया चाय है सर।
अरे मतलब भाव क्या है ?
अरे एकदम मस्त कड़क चाय है।
लेकिन भाव तो कुछ होगा ?
कह तो रहे हैं बढ़िया चाय है। सिर दर्द दूर कर देगा ये।
लेकिन भाव तो बात दो! मैं मानता हूं बढ़िया चाय है।
आप चिंता न करिये। सामने वाले से सस्ता ही है।
अरे ठीक है । लेकिन आप भाव नहीं बताएंगे तो हम कैसे तय करेंगे कि किसका सस्ता है ?
कह तो रहे हैं कि सामने वाले से बढ़िया चाय है। और इस दाम में तो सामने वाला चीनी मिट्टी के कप में भी नहीं देगा।
कौन से दाम में?
मेरे दाम में।
तो क्या दाम है आपका ?
सामने वाले से सस्ता।
और सामने वाले का क्या दाम है ?
वह मेरे से महंगा देता है और चीनी मिट्टी का बर्तन भी इस्तेमाल नहीं करता। उसे तो मुझसे और सस्ता बेचना चाहिए।
क्या भाव बेचता है वह ?
मुझसे महंगा बेचता है।
और आप क्या भाव दे रहे हैं ?
कह तो रहा हूँ उससे सस्ता।
लेकिन दाम तो बता दो भाई !
मेरी चाय राष्ट्रहित में है। शक्कर सुगर फ्री डालता हूँ मैं।
इसका भाव से क्या लेना-देना भाई साब ?
लेना-देना है।
क्या लेना देना-देना है ?
इस दाम में कोई शुगर फ्री चीनी नहीं डालता।
कौन से दाम में ?
इतने कम दाम में।
दाम बता दो भाई, क्या जाता है तुम्हारा ?
बता तो रहा हूँ सामने वाले से सस्ता देता हूं।
कितना सस्ता ?
(सामने इशारा करते हुए) इन व्यापारी भाई साब को देखिए। मैं इनकी चीनी और चाय पत्ती खरीदता हूँ। ये मुझे सबसे सस्ता देते हैं इसलिए मैं सस्ता बेचता हूँ। क्यों भाई साब ! बताइए इन्हें।
(अब बगल में खड़े व्यापारी ने कहा) बिलकुल सही कह रहे चाय वाले। भगवान की कसम खाकर कहता हूँ- ये चाय वाले भाई साब झूठ नहीं बोलते।
क्या झूठ नहीं बोलते ?
यही की चाय इनकी सबसे सस्ती है।
कितनी सस्ती है ?
अरे, बताया ना भाई साब ने की सामने वाले से सस्ती है !
मिले हुए हो क्या आप दोनों ?
देखिए अब आप आरोप लगा रहे हो। जहां चाय पीते हो वहीं आरोप लगाते हो ?
तो क्या हुआ ? चाय का दाम जानना गलत तो नहीं !
यह देश चाय में श्रद्धा रखता है। जहां श्रद्धा है वहां पैसे का मोल नहीं देखते।
अरे दाम बता दो भाई। मैं सिर फोड़ लूं क्या अपना।
सिर मत फोड़िये। आप बेफिक्र होकर पी लीजिए चाय। चाय राष्ट्रहित का मामला है। दाम नहीं पूछते।
क्यों भाई ?
ज्यादा सवाल जवाब होंगे तो रेशिपी के लीक होने का खतरा होगा। और रेशिपी लीक हुई तो पड़ोसी चाय वाला हमें चाय के धंधे में हरा देगा।
क्या रेट दिए चाय ?
बढ़िया चाय है सर।
अरे मतलब भाव क्या है ?
अरे एकदम मस्त कड़क चाय है।
लेकिन भाव तो कुछ होगा ?
कह तो रहे हैं बढ़िया चाय है। सिर दर्द दूर कर देगा ये।
लेकिन भाव तो बात दो! मैं मानता हूं बढ़िया चाय है।
आप चिंता न करिये। सामने वाले से सस्ता ही है।
अरे ठीक है । लेकिन आप भाव नहीं बताएंगे तो हम कैसे तय करेंगे कि किसका सस्ता है ?
कह तो रहे हैं कि सामने वाले से बढ़िया चाय है। और इस दाम में तो सामने वाला चीनी मिट्टी के कप में भी नहीं देगा।
कौन से दाम में?
मेरे दाम में।
तो क्या दाम है आपका ?
सामने वाले से सस्ता।
और सामने वाले का क्या दाम है ?
वह मेरे से महंगा देता है और चीनी मिट्टी का बर्तन भी इस्तेमाल नहीं करता। उसे तो मुझसे और सस्ता बेचना चाहिए।
क्या भाव बेचता है वह ?
मुझसे महंगा बेचता है।
और आप क्या भाव दे रहे हैं ?
कह तो रहा हूँ उससे सस्ता।
लेकिन दाम तो बता दो भाई !
मेरी चाय राष्ट्रहित में है। शक्कर सुगर फ्री डालता हूँ मैं।
इसका भाव से क्या लेना-देना भाई साब ?
लेना-देना है।
क्या लेना देना-देना है ?
इस दाम में कोई शुगर फ्री चीनी नहीं डालता।
कौन से दाम में ?
इतने कम दाम में।
दाम बता दो भाई, क्या जाता है तुम्हारा ?
बता तो रहा हूँ सामने वाले से सस्ता देता हूं।
कितना सस्ता ?
(सामने इशारा करते हुए) इन व्यापारी भाई साब को देखिए। मैं इनकी चीनी और चाय पत्ती खरीदता हूँ। ये मुझे सबसे सस्ता देते हैं इसलिए मैं सस्ता बेचता हूँ। क्यों भाई साब ! बताइए इन्हें।
(अब बगल में खड़े व्यापारी ने कहा) बिलकुल सही कह रहे चाय वाले। भगवान की कसम खाकर कहता हूँ- ये चाय वाले भाई साब झूठ नहीं बोलते।
क्या झूठ नहीं बोलते ?
यही की चाय इनकी सबसे सस्ती है।
कितनी सस्ती है ?
अरे, बताया ना भाई साब ने की सामने वाले से सस्ती है !
मिले हुए हो क्या आप दोनों ?
देखिए अब आप आरोप लगा रहे हो। जहां चाय पीते हो वहीं आरोप लगाते हो ?
तो क्या हुआ ? चाय का दाम जानना गलत तो नहीं !
यह देश चाय में श्रद्धा रखता है। जहां श्रद्धा है वहां पैसे का मोल नहीं देखते।
अरे दाम बता दो भाई। मैं सिर फोड़ लूं क्या अपना।
सिर मत फोड़िये। आप बेफिक्र होकर पी लीजिए चाय। चाय राष्ट्रहित का मामला है। दाम नहीं पूछते।
क्यों भाई ?
ज्यादा सवाल जवाब होंगे तो रेशिपी के लीक होने का खतरा होगा। और रेशिपी लीक हुई तो पड़ोसी चाय वाला हमें चाय के धंधे में हरा देगा।