रंगे हाथों पकड़ी गई चौकीदार की चोरी, दर्ज हो मुकदमाः कांग्रेस

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 7, 2019
बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राफेल विमान सौदे संबंधी दस्तावेज रक्षामंत्रालय से चोरी हो गए हैं. वहीं कांग्रेस अब फिर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है. राफेल सौदे पर ताज़ा आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार फिर कांग्रेस के ‘चौकीदार ही चोर है’ वाले नारे को उछाला. उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने की भी मांग की है. वहीं, सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर राफेल बनाने वाली कंपनी को 4305 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया.



उन्होंने कहा, ‘राफेल घोटाले में देश के ख़जाने को हुए नुकसान की साजिश का भंडाफोड़ हुआ है.’ सुरजेवाला ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में सीधे तौर पर ज़िम्मेदार है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है. सुरजेवाला ने इसी के साथ कहा कि चौकीदार की चोरी, आखिर रंगे हाथों पकड़ी गई.

सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने ये बात भी छुपाई की विमानों की डिलिवरी 10 सालों में होगी. विपक्षी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि पीएम मोदी ने कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में बैंक गारंटी ख़त्म करके राफेल बनाने वाली कंपनी को फायदा पहुंचाया. ये बावजूद इसके किया गया कि वित्त, रक्षा और कानून मंत्रालय इसके ख़िलाफ़ थे. वहीं,

कैग का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इससे राफेल बनाने वाली कंपनी को 574 मिलियन यूरो (4305 करोड़ रुपए) का फायदा हुआ.

सुरजेवाला ने इंडियन नेगोशिएटिंग टीम की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर संसद को धोखा देने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इंडियन नेगोशिएटिंग टीम के मुताबिक 36 राफेल विमानों की कीमत 8460 मिलियन यूरो (63,450 करोड़ रुपए) है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा झूठे दावे में इस कीमत को 7,890 मिलियन यूरो (59,175 करोड़ रुपए) बताया गया था.

सुरजेवाला ने बताया कि यूपीए के समय कांग्रेस के नतृत्व वाली सरकार जो 126 विमान ख़रीद रही थी उसकी कीमत 574 मिलियन यूरो (4305 करोड़ रुपए) थी. आगे की जानकारी में बताया कि इसमें बैंक गारंटी भी शामिल थी जो कि वर्तमान सरकार द्वारा किए गए सौदे में शामिल नहीं है. इसी दौरान उन्होंने सरकार द्वारा फ्रांस की मुद्रास्फीति को ध्यान में रखकर किए गए सौदे की भी बात की. उन्होंने कहा कि अगर फ्रांस की मुद्रास्फीति बढ़ती है तो सरकार को विमान की बढ़ी हुई कीमत चुकानी पड़ेगी.

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