इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया, जिससे देशभर में गुस्सा भड़क गया और नागरिक अधिकार संगठनों ने इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी।

दलितों से बदसलूकी का मामला रूक नहीं रहा है। लुधियाना के पास सीड़ा गांव में एक दलित युवक हरजोत सिंह को बर्बरता से पीटा गया, उसका सिर जबरन मुंडवाया गया, मुंह पर कालिख पोती गई और कपड़े उतार कर सड़क पर घुमाया गया। यह सब तब हुआ जब उसके दोस्त ने एक स्थानीय युवती से भागकर शादी कर ली। पुलिस ने रविवार को इस घटना की जानकारी दी।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना मंगलवार को हुई थी और इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया, जिससे देशभर में गुस्सा भड़क गया और नागरिक अधिकार संगठनों ने इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी।
पुलिस के अनुसार, हरजोत को उस युवती के परिवारवालों ने निशाना बनाया, जिन्हें शक था कि हरजोत ने प्रेमी जोड़े को भागने और 19 जून को शादी करने में मदद की थी। जब हरजोत एक सैलून में था तभी कुछ लोग वहां घुसे, उसे जबरन बाहर खींच लाए, उसके कपड़े फाड़ दिए और उसे सार्वजनिक रूप से जातिसूचक गालियां देते हुए बेरहमी से पीटा।
हमलावरों की पहचान गुरप्रीत उर्फ गोपा, सिमरनजीत सिंह उर्फ सिम्मा, संदीप उर्फ सैम, राजवीर और रमणदीप उर्फ काका के रूप में हुई है। इन सभी ने इस हमले का वीडियो बनाकर ऑनलाइन शेयर किया।
सिमरनजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। यह जानकारी मेहरबान थाना के इंस्पेक्टर परमदीप सिंह ने मीडिया को दी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "यह केवल शारीरिक हमला नहीं है, यह मानवीय गरिमा पर एक क्रूरतम हमला है। हम पूरी गंभीरता से जांच कर रहे हैं और न्याय दिलाएंगे।"
इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC), आईटी एक्ट और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
हरजोत के परिवार ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और कड़ी सजा की मांग की है।
दलितों के साथ बर्बरता और उनके साथ भेदभाव का यह कोई पहला मौका नहीं है। देश भर में इस तरह के कई घटनाएं सामने आई हैं।
पिछले महीने ओडिशा के दक्षिणी जिले गंजाम के धाराकोट थाना क्षेत्र के खरीगुम्मा गांव में एक हिंसक भीड़ द्वारा दो दलित के साथ क्रूर और अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
गौ तस्करी के आरोप में भीड़ ने दो दलितों के सिर जबरन मुंडवा दिए और उन्हें घसीटा गया और मारपीट की गई। इस मामला के सामने आने के बाद नौ लोगों को हिरासत में लिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस के हवाले से लिखा, पीड़ित एक गाय और दो बछड़े खरीदकर घर लौट रहे थे, तभी धारकोटे पुलिस सीमा के अंतर्गत खारीगुम्मा गांव में भीड़ ने उन्हें घेर लिया और 30,000 रुपये मांगे। जब इन लोगों ने पैसे देने में असमर्थता जताई, तो भीड़ ने कथित तौर पर उनकी पिटाई की, जबरन उनके सिर मुंडवा दिए, उन्हें घसीटने पर मजबूर किया और उन्हें नाले का पानी पिलाया। एक वीडियो में कथित तौर पर दो लोगों को घास को दांतों में दबाए हुए घसीटते हुए दिखाया गया, जबकि कुछ लोग उनका पीछा कर रहे थे।
वहीं, महाराष्ट्र के बीड जिले के शिरूर कासार तहसील के शिरापूर गट गांव में जातिगत हिंसा की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। 32 वर्षीय दलित युवक वैभव खांडगाले और उनके परिवार पर ऊंची जाति के लोगों ने हमला किया। वैभव पर यह हमला केवल इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने एक दलित किशोर की मदद की थी। इस घटना ने गांव में गहरे जड़ जमाए जातिगत भेदभाव को उजागर किया।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, 4 जून की शाम करीब 6 बजे वैभव खांडगाले अपने दफ्तर से घर लौटे। उन्होंने देखा कि गांव के एक दलित किशोर की तबीयत बिगड़ गई थी और कोई उसकी मदद नहीं कर रहा था। वैभव ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया। शाम 7:30 बजे जब वे घर लौटकर बाहर बैठे थे, तभी 10-12 ऊंची जाति (मराठा) के लोगों ने कार से आकर उन पर अचानक हमला कर दिया। इनमें वैभव के कुछ पुराने साथी भी शामिल थे।
उधर मई महीने में एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के कुरावर थाना क्षेत्र के एक गांव में दलित समाज के दो युवकों के साथ जो बर्बरता हुई। इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। पहले तो उन्हें खेत में बुरी तरह पीटा गया, फिर उनका मुंह काला किया गया और गले में जूते-चप्पलों की माला डालकर पूरे गांव में घुमाया गया। ये सब 13 मई को हुआ था, लेकिन इसका वीडियो गुरुवार को सामने आया जिसके बाद मामला तेजी से फैल गया और चर्चा में आ गया।
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित लड़कों ने कुरावर थाने में शिकायत दी जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया।
पीड़ित लड़के ने बताया कि उसके पापा ने गांव के कुछ लोगों से करीब 6 लाख रुपये उधार लिए थे, और वो लोग पैसा वापस करने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन पैसे लौटाने से पहले ही उन दबंगों ने उनकी पुश्तैनी 10 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया। पीड़ित ने कहा, 'हमने उनसे कहा था कि एक बीघा ज़मीन ले लो और बाकी पैसे एडजस्ट कर लो, लेकिन वो लोग भड़क गए और हमें सबक सिखाने के नाम पर हमारे साथ ये जुल्म किया।'

दलितों से बदसलूकी का मामला रूक नहीं रहा है। लुधियाना के पास सीड़ा गांव में एक दलित युवक हरजोत सिंह को बर्बरता से पीटा गया, उसका सिर जबरन मुंडवाया गया, मुंह पर कालिख पोती गई और कपड़े उतार कर सड़क पर घुमाया गया। यह सब तब हुआ जब उसके दोस्त ने एक स्थानीय युवती से भागकर शादी कर ली। पुलिस ने रविवार को इस घटना की जानकारी दी।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना मंगलवार को हुई थी और इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया, जिससे देशभर में गुस्सा भड़क गया और नागरिक अधिकार संगठनों ने इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी।
पुलिस के अनुसार, हरजोत को उस युवती के परिवारवालों ने निशाना बनाया, जिन्हें शक था कि हरजोत ने प्रेमी जोड़े को भागने और 19 जून को शादी करने में मदद की थी। जब हरजोत एक सैलून में था तभी कुछ लोग वहां घुसे, उसे जबरन बाहर खींच लाए, उसके कपड़े फाड़ दिए और उसे सार्वजनिक रूप से जातिसूचक गालियां देते हुए बेरहमी से पीटा।
हमलावरों की पहचान गुरप्रीत उर्फ गोपा, सिमरनजीत सिंह उर्फ सिम्मा, संदीप उर्फ सैम, राजवीर और रमणदीप उर्फ काका के रूप में हुई है। इन सभी ने इस हमले का वीडियो बनाकर ऑनलाइन शेयर किया।
सिमरनजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। यह जानकारी मेहरबान थाना के इंस्पेक्टर परमदीप सिंह ने मीडिया को दी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "यह केवल शारीरिक हमला नहीं है, यह मानवीय गरिमा पर एक क्रूरतम हमला है। हम पूरी गंभीरता से जांच कर रहे हैं और न्याय दिलाएंगे।"
इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC), आईटी एक्ट और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
हरजोत के परिवार ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और कड़ी सजा की मांग की है।
दलितों के साथ बर्बरता और उनके साथ भेदभाव का यह कोई पहला मौका नहीं है। देश भर में इस तरह के कई घटनाएं सामने आई हैं।
पिछले महीने ओडिशा के दक्षिणी जिले गंजाम के धाराकोट थाना क्षेत्र के खरीगुम्मा गांव में एक हिंसक भीड़ द्वारा दो दलित के साथ क्रूर और अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
गौ तस्करी के आरोप में भीड़ ने दो दलितों के सिर जबरन मुंडवा दिए और उन्हें घसीटा गया और मारपीट की गई। इस मामला के सामने आने के बाद नौ लोगों को हिरासत में लिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस के हवाले से लिखा, पीड़ित एक गाय और दो बछड़े खरीदकर घर लौट रहे थे, तभी धारकोटे पुलिस सीमा के अंतर्गत खारीगुम्मा गांव में भीड़ ने उन्हें घेर लिया और 30,000 रुपये मांगे। जब इन लोगों ने पैसे देने में असमर्थता जताई, तो भीड़ ने कथित तौर पर उनकी पिटाई की, जबरन उनके सिर मुंडवा दिए, उन्हें घसीटने पर मजबूर किया और उन्हें नाले का पानी पिलाया। एक वीडियो में कथित तौर पर दो लोगों को घास को दांतों में दबाए हुए घसीटते हुए दिखाया गया, जबकि कुछ लोग उनका पीछा कर रहे थे।
वहीं, महाराष्ट्र के बीड जिले के शिरूर कासार तहसील के शिरापूर गट गांव में जातिगत हिंसा की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। 32 वर्षीय दलित युवक वैभव खांडगाले और उनके परिवार पर ऊंची जाति के लोगों ने हमला किया। वैभव पर यह हमला केवल इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने एक दलित किशोर की मदद की थी। इस घटना ने गांव में गहरे जड़ जमाए जातिगत भेदभाव को उजागर किया।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, 4 जून की शाम करीब 6 बजे वैभव खांडगाले अपने दफ्तर से घर लौटे। उन्होंने देखा कि गांव के एक दलित किशोर की तबीयत बिगड़ गई थी और कोई उसकी मदद नहीं कर रहा था। वैभव ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया। शाम 7:30 बजे जब वे घर लौटकर बाहर बैठे थे, तभी 10-12 ऊंची जाति (मराठा) के लोगों ने कार से आकर उन पर अचानक हमला कर दिया। इनमें वैभव के कुछ पुराने साथी भी शामिल थे।
उधर मई महीने में एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के कुरावर थाना क्षेत्र के एक गांव में दलित समाज के दो युवकों के साथ जो बर्बरता हुई। इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। पहले तो उन्हें खेत में बुरी तरह पीटा गया, फिर उनका मुंह काला किया गया और गले में जूते-चप्पलों की माला डालकर पूरे गांव में घुमाया गया। ये सब 13 मई को हुआ था, लेकिन इसका वीडियो गुरुवार को सामने आया जिसके बाद मामला तेजी से फैल गया और चर्चा में आ गया।
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित लड़कों ने कुरावर थाने में शिकायत दी जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया।
पीड़ित लड़के ने बताया कि उसके पापा ने गांव के कुछ लोगों से करीब 6 लाख रुपये उधार लिए थे, और वो लोग पैसा वापस करने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन पैसे लौटाने से पहले ही उन दबंगों ने उनकी पुश्तैनी 10 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया। पीड़ित ने कहा, 'हमने उनसे कहा था कि एक बीघा ज़मीन ले लो और बाकी पैसे एडजस्ट कर लो, लेकिन वो लोग भड़क गए और हमें सबक सिखाने के नाम पर हमारे साथ ये जुल्म किया।'
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