लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावसी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। मायावती ने अपने ताजा ट्वीट में कहा कि पीएम मोदी ज्यादातर शिलान्यास आदि में ही लगातार व्यस्त रहे और प्रचार-प्रसार पर 3044 करोड़ खर्च कर दिया। इस पैसे से उत्तर प्रदेश जैसे पिछड़े राज्य के हर गांव में शिक्षा और अस्पताल की व्यवस्था हो सकती है लेकिन बीजेपी के लिये प्रचार का ज्यादा महत्व है शिक्षा और राजनीति का नहीं।
बसपा प्रमुख ने कहा कि मोदी सरकार गरीबी और बेरोजगारी हटाने पर ध्यान देने के बजाय गड़े मुर्दे उखाड़ने में लगी है। सरकार की नाकामियों और घोर विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बंटाने और बेरोजगारी आदि के जनहित मुद्दों को चुनावी बहस बनने से रोकने की कोशिश की जा रही है। लिहाजा जनता सावधान रहे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए गठबंधन किया है। वहीं कांग्रेस ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उम्मीद की जा रही थी कि चुनाव नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस से भी गठबंधन का ऐलान हो सकता है लेकिन अब कांग्रेस और बीएसपी-एसपी के बीच इसकी संभावना नहीं दिख रही है। दूसरी ओर, मायावती ने बीजेपी के खिलाफ अपना पूर जोर लगा दिया है। वह लगातार मोदी की नीतियों और उनकी सरकार पर हमले कर रही है। एक दिन पहले उन्होंने पहली बार राफेल सौदे पर सरकार को घेरा।
मायावती ने अपने एक ट्वीट में कहा कि राफेल विमान सौदे में अपने बचाव में संसद और कोर्ट में भी बदलते तेवर और तर्क से मोदी सरकार लगातार अपनी फजीहत खुद ही करवा रही है. राफेल भी बोफोर्स की तरह गंभीर सरकारी भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है. वैसे कोई भी सरकार देशहित के मामले में इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है?
बसपा प्रमुख ने कहा कि मोदी सरकार गरीबी और बेरोजगारी हटाने पर ध्यान देने के बजाय गड़े मुर्दे उखाड़ने में लगी है। सरकार की नाकामियों और घोर विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बंटाने और बेरोजगारी आदि के जनहित मुद्दों को चुनावी बहस बनने से रोकने की कोशिश की जा रही है। लिहाजा जनता सावधान रहे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए गठबंधन किया है। वहीं कांग्रेस ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उम्मीद की जा रही थी कि चुनाव नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस से भी गठबंधन का ऐलान हो सकता है लेकिन अब कांग्रेस और बीएसपी-एसपी के बीच इसकी संभावना नहीं दिख रही है। दूसरी ओर, मायावती ने बीजेपी के खिलाफ अपना पूर जोर लगा दिया है। वह लगातार मोदी की नीतियों और उनकी सरकार पर हमले कर रही है। एक दिन पहले उन्होंने पहली बार राफेल सौदे पर सरकार को घेरा।
मायावती ने अपने एक ट्वीट में कहा कि राफेल विमान सौदे में अपने बचाव में संसद और कोर्ट में भी बदलते तेवर और तर्क से मोदी सरकार लगातार अपनी फजीहत खुद ही करवा रही है. राफेल भी बोफोर्स की तरह गंभीर सरकारी भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है. वैसे कोई भी सरकार देशहित के मामले में इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है?