नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद फिर से मुख्यमंत्री बन गए हैं। इस बार उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल का साथ छोड़कर फिर से भाजपा के साथ सरकार बना ली है। नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी INDIA गठबंधन को तोड़ने के काम में सफल होती नजर आ रही है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गठबंधन को साधने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही है। इसके अलावा गठबंधन पर बहुजन समाज पार्टी को भी साथ लेने का दवाब बढ़ता जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुस्लिम धर्मगुरुओं के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को कांग्रेस समन्वय समिति के सदस्य पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद से मुलाकात की। गठबंधन में हर हाल में बसपा को शामिल करने की वकालत की। इस प्रतिनिधिमंडल ने राहुल व प्रियंका गांधी से भी मिलने के लिए वक्त मांगा है।
कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर दो दौर की बातचीत हो गई है। दोनों दल सीटवार उम्मीदवारों के नाम तय कर रहे हैं। अगले सप्ताह होने वाली बैठक में सीटवार उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस के सीट तय करने वाली कमेटी में पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं। ऐसे में मुस्लिम तंजीमों से जुड़े दो दर्जन मौलानाओं ने बुधवार को सलमान खुर्शीद से मुलाकात की। इंडिया गठबंधन में हर हाल में बसपा को शामिल करने की मांग की।
अमर उजाला के मुताबिक, हापुड़ के मौलाना इंतखाब आलम ने बताया कि कांग्रेस नेता को बता दिया गया कि बिना हर दल को एकजुट किए लोकसभा की लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है। सपा और बसपा गठबंधन ने पश्चिमी यूपी में जो सीटें जीती थीं, उसकी वजह मुसलमानों और दलितों का गठजोड़ था। प्रतिनिधिमंडल में शामिल कारी महमूद ने बताया कि सलमान खुर्शीद से यह भी कहा कि राहुल गांधी की यह जिम्मेदारी है कि वह सपा और बसपा को एक मंच पर लाए। यह भी मांग की गई कि प्रतिनिधिमंडल की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से भी मुलाकात कराई जाए ताकि उन्हें यूपी की सियासी हालात से वाकिफ कराया जाए।
‘इंडिया’ गठबंधन को एकजुट रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वापस जाने की संभावना के बीच शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी को उम्मीद है कि जो लोग देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने की इरादा रखते हैं, वे निश्चित रूप से जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को एकजुट रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
कांग्रेस और सपा के बीच में यूपी की 80 सीटों में लगभग बंटवारा
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से बातचीत के बाद कांग्रेस को दी जाने वाली 11 सीटें फाइनल कर दी हैं। इन सीटों की सूची भी कांग्रेस नेतृत्व को भेज दी है। अखिलेश ने एक्स के जरिये गठबंधन के लिहाज से इसे अच्छी शुरुआत बताया है। हालांकि, कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि इस बारे में सकारात्मक बातचीत चल रही है और अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। दोनों दलों की 4 से 18 जनवरी के बीच सीटों के बंटवारे के लिए दिल्ली में तीन बैठकें हुई, जिनमें दोनों पार्टियों के प्रमुख नेता शामिल रहे। तीसरी बैठक के बाद कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो इस बारे में अखिलेश यादव से मल्लिकार्जुन खरगे या राहुल गांधी की भी बात हो सकती है।
आने वाले समय में कांग्रेस को मिलेंगी कुछ और सीटें
उच्चपदस्थ राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, पिछले दो-तीन दिनों में अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अशोक गहलोत की दो बार बात हुई। इनका नतीजा शनिवार को अखिलेश यादव के एक्स पोस्ट के जरिये देखने को मिला। अखिलेश ने पोस्ट के माध्यम से कहा कि कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हुई है। ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। I.N.D.I.A की टीम और पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी। अखिलेश के बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस को अभी कुछ और सीटें भी मिल सकती हैं। सपा सूत्रों की मानें तो इनकी संख्या 15 तक जा सकती है। कांग्रेस ने यूपी में 25 सीटें मांगी हैं।
खास रणनीति के तहत सार्वजनिक नहीं किए जा रहे सीटों के नाम
कांग्रेस को दी जाने वाली 11 सीटों के नामों की आधिकारिक जानकारी सपा की ओर से भी सार्वजनिक नहीं की गई है। इससे पहले गठबंधन के तहत रालोद को दी गईं 7 सीटों के भी नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। माना जा रहा है कि गठबंधन के तहत कांग्रेस को रायबरेली व अमेठी के अलावा महराजगंज, कानपुर, झांसी, सहारनपुर, वाराणसी, कुशीनगर, बांसगांव, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर को मिलने की संभावना है। बताते हैं कि सपा प्रमुख भाजपा के सामने पहले से अपनी चुनावी रणनीति का खुलासा नहीं करना चाहते। भाजपा के जातिगत समीकरण को देखते हुए वे भी अपनी राजनीतिक बिसात बिछाना चाहते हैं। इसलिए एक खास रणनीति के तहत सीटों और प्रत्याशियों के नामों की सार्वजनिक घोषणा से यथासंभव परहेज किया जा रहा है।
11 सीटों के मामले में कोई जानकारी नहीं : अविनाश पांडे
कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि 11 सीटों के मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। बातचीत चल रही है और अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। बातचीत की दिशा बहुत ही सकारात्मक है और शीघ्र ही इसके अच्छे परिणाम सामने आने वाले हैं। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी सधी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बारे में राष्ट्रीय नेतृत्व निर्णय ले रहा है। वहीं, राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय नेतृत्व की बातचीत के बाद सपा ने सीटों की सूची कांग्रेस को भेज दी है। अब यह कांग्रेस नेतृत्व पर निर्भर करता है कि इस पर वे क्या कहते हैं।
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