बीमार गांव में कमल खिलाने में जुटे शिवराज

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: October 27, 2018
मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के तमाम दावे विधानसभा चुनावों के ठीक पहले खोखले साबित होने लगे हैं। राज्य में कई जिले डेंगू, डायरिया और टाइफाइड से ग्रस्त हैं जिनमें इलाज की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

MP Village
Image Courtesy: https://naidunia.jagran.com/

गुना जिले के डोंगर गांव में ही 300 से ज्यादा मरीज उल्टी-दस्त और टाइफाइड से पीड़ित हैं, लेकिन अब तक डॉक्टर इस गांव में झांके तक नहीं हैं। स्थिति ये है कि डोंगर में तकरीबन हर परिवार का कम से कम एक सदस्य बीमार है। एक बच्चे को तो डेंगू भी हो गया है जिसका इलाज इंदौर में चल रहा है।

गांव में पीने के पानी का भी सही इंतजाम नहीं है जिस कारण गंदे पानी से होने वाली बीमारियां भी पांव पसारती जा रही हैं। कई लोग उल्टी-दस्त की बीमारी से परेशान हैं।

इलाज कराने के लिए कुछ लोग राघौगढ़ या गुना जा रहे हैं, लेकिन शहर जाना सबके बस का नहीं है। सीएमएचओ लगातार आश्वासन ही दे रहे हैं कि डॉक्टरों की टीम डोंगर गांव जाने ही वाली है, लेकिन हकीकत में उस गांव में जाने को कोई तैयार नहीं है।

नईदुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, सीएमएचओ के बयान से ऐसा भी लगता है कि उन्होंने डॉक्टरों की टीम गांव भेजी थी, लेकिन उस टीम ने गांव जाए बिना ही उन्हें रिपोर्ट कर दिया है। यही कारण है कि गांव वाले कह रहे हैं कि यहां कोई नहीं आया जबकि सीएमएचओ कह रहे हैं कि टीम एक बार जा चुकी है।

इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुना जिले की सारी सीटें जीतने के लिए ज़ोर लगा रहे हैं और इस तरह से वे कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया की उनके ही गढ़ में पटखनी देना चाहते हैं।
 
 

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