छत्तीसगढ़ के बीजापुर में निमोनिया से पीड़ित एक 5 साल की बालिका को ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण जान से हाथ धोना पड़ गया। बीमार बच्ची को एंबुलेंस से जगदलपुर लाया जा रहा था लेकिन रास्ते में ऑक्सीजन का सिलेंडर खत्म हो गया और मासूम बच्ची की मौत हो गई।

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दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक बच्ची बुलबुल कुडियम माटवाड़ा के आश्रम में पहली कक्षा में पढ़ रही थी। उसका इलाज बीजापुर जिला अस्पताल में चल रहा था। रविवार को उसकी हालत बिगड़ गई तो उसे दोपहर 3 बजे एंबुलेस में ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम के साथ मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रेफर कर दिया गया।
बुलबुल के जगदलपुर पहुंचने से पहले ही नेशनल हाईवे 63 पर तोकापाल के पास सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म हो गई और बुलबुल की मौत हो गई। बुलबुल के परिजनों ने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया है।
माटवाड़ा बालिका आश्रम में बीमार बुलबुल को वे अपने साथ तोयनार ले आए और वहीं पर उसका इलाज कराते रहे। बुधवार को तबीयत ज्यादा खराब होती देख बाइक की मदद से जिला अस्पताल बीजापुर लाया गया जहां इलाज शुरू हो गया था, लेकिन उसकी हालत सुधरने के बजाय बिगड़ने लगी थी। इसके बाद रविवार 3 बजे गंभीर हालत में बुलबुल को एम्बुलेंस से ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम में केवल एक वाहन चालक के भरोसे परिजनों को मेडिकल कॉलेज डिमरापाल के लिए रवाना कर दिया गया।
मृतक बुलबुल के पिता चमरू कुडियम ने बताया कि एंबुलेंस के चालक ने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तोकापाल में मदद भी मांगी थी, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। तोकापाल के स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी ने जिम्मेदार अधिकारियों के न होने का हवाला देकर ऑक्सीजन सिलेंडर देने से मना कर दिया, नतीजतन 5 साल की बच्ची बुलबुल कुडियम की मौत हो गई।