जानिए, पीएम मोदी को आदिवासियों ने खत लिखकर क्या मांग की

Published on: July 8, 2017

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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक के इंदागांव के आदिवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र एक पत्र लिखा है। आदिवासियों ने पत्र में लिखा है कि यह कोई नहीं जानता है कि हमारी जान कैसे बची है। उन लोगों ने गांव में 30 बिस्तर वाला अस्पताल खुलवाने की गुजारिश की है। संरक्षित कमार भुंजिया जनजाति के लोग अति पिछड़े हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अति पिछड़े संरक्षित कमार भुंजिया जनजाति के ग्रामीणों ने पत्र में लिखा है 'साहब, अधिकारी यहां डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, अवेकनिंग इंडिया की बात करने आते हैं, आदमी जिंदा रहे, उसकी बात नहीं करते।’ रिपोर्ट के अनुसार पीएमओ ने इस सिलसिले में राज्य सरकार को प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।

गरियाबंद की जिलाधिकारी श्रुति सिंह के अनुसार मामले की जांच की जा रही है। जरूरी होने पर अस्पताल का प्रस्ताव भेजा जाएगा। ज्ञात हो कि मैनपुर ब्लॉक का ज्यादातर हिस्सा घने जंगलों, पहाड़ों-नदियों से घिरा है। इंदागांव क्षेत्र में कमार भुंजिया आदिवासियों के कई गांव हैं। इलाके में इस जनजाति की जनसंख्या 15 से 20 हजार तक बताई जाती है। इंदागांव छत्तीसगढ़ सरकार के संसदीय सचिव तथा बिंद्रानवागढ़ के विधायक गोवर्धन मांझी का गृहग्राम भी है।

मांझी के अनुसार उन्होंने इस गांव में अस्पताल खोलने के लिए कई बार सरकार से मांग किया है। मैनपुर से मेडिकल टीम वहां जाकर कैंप लगाया करती थी। अब वह भी बंद है। इंदागांव से मैनपुर की दूरी करीब चालीस किलो मीटर है। दूसरा अस्पताल बोहरापदर में है जो 19 किमी दूर है।

अस्पताल काफी दूर होने के चलते लोगों को इमरजेंसी की स्थिति में काफी परेशानी होती है। महिलाओं को खासकर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रात के समय में और ज्यादा दिक्कत बढ़ जाती है। इलाके में 20 किलो मीटर के दायरे में संरक्षित जनजाति के 10-12 गांव हैं। सभी को इन्हीं समस्याओं से जूझना पड़ता है। मांझी ने आगे कहा कि इलाके में अस्पताल खोलने का प्रस्ताव फिर से भेजी जाएगी।
संरक्षित कमार भंजिया आदिवासियों ने अस्पताल की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने से पहले मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था। 

 
 

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