मेवात। हाल ही में राजस्थान के अलवर में डेयरी किसान पहलू खान को गौ-तस्कर बताकर जिस तरह से गौरक्षक बने गुंडों ने मारपीट और हत्या की, उसके बाद इलाके के मेव किसानों ने नया अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
मेव समुदाय ने फैसला किया है कि वे अपनी गायें अब कलेक्टर को सौंप देंगे। अभियान आज से शुरू हो रहा है, और इसके तहत हर रोज मेव समुदाय का एक व्यक्ति अपनी गाय या बछड़ा कलेक्टर को सौंप देगा।
मेव पंचायत के संरक्षक शेर मोहम्मद ने नई दुनिया को बताया कि अलवर जिले में मेव समाज के करीब नौ लाख लोग रहते है, जो गौ पालन और डेयरी का काम करते है, लेकिन मौजूदा हालात ऐसे है कि गौपालन के दौरान कभी भी गौ तस्करी का आरोप लग सकता है। ऐसे में जब तक प्रशासन सुरक्षा की गारंटी नहीं देता और बहरोड़ प्रकरण की जाँच पूरी निष्पक्षता के साथ नहीं कराता तब तक प्रतिदिन मेव समाज के व्यक्ति अपनी गायें प्रशासन को सौंपते रहेंगे।
अभियान की शुरुआत शेर मोहम्मद अपनी दो गायें जिला कलेक्टर को सौंप कर करेंगे। ध्यान देने योग्य बात है कि गाय की तस्करी का आरोप लगाकर जिस पहलू खान की हत्या की गई वो भी एक डेयरी किसान ही थे। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अलवर कांड के सभी पीड़ित जैसिंगपुर गाँव के हैं। इस गाँव में सभी परिवार किसानी करते हैं, जबकि दस किसान डेयरी का धंधा भी करते हैं। पहलू खान भी इनमें से एक था, जिसे गौ-तस्कर बताकर गौरक्षक बने गुंडों ने मार डाला था।
Courtesy: National Dastak
मेव समुदाय ने फैसला किया है कि वे अपनी गायें अब कलेक्टर को सौंप देंगे। अभियान आज से शुरू हो रहा है, और इसके तहत हर रोज मेव समुदाय का एक व्यक्ति अपनी गाय या बछड़ा कलेक्टर को सौंप देगा।
मेव पंचायत के संरक्षक शेर मोहम्मद ने नई दुनिया को बताया कि अलवर जिले में मेव समाज के करीब नौ लाख लोग रहते है, जो गौ पालन और डेयरी का काम करते है, लेकिन मौजूदा हालात ऐसे है कि गौपालन के दौरान कभी भी गौ तस्करी का आरोप लग सकता है। ऐसे में जब तक प्रशासन सुरक्षा की गारंटी नहीं देता और बहरोड़ प्रकरण की जाँच पूरी निष्पक्षता के साथ नहीं कराता तब तक प्रतिदिन मेव समाज के व्यक्ति अपनी गायें प्रशासन को सौंपते रहेंगे।
अभियान की शुरुआत शेर मोहम्मद अपनी दो गायें जिला कलेक्टर को सौंप कर करेंगे। ध्यान देने योग्य बात है कि गाय की तस्करी का आरोप लगाकर जिस पहलू खान की हत्या की गई वो भी एक डेयरी किसान ही थे। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अलवर कांड के सभी पीड़ित जैसिंगपुर गाँव के हैं। इस गाँव में सभी परिवार किसानी करते हैं, जबकि दस किसान डेयरी का धंधा भी करते हैं। पहलू खान भी इनमें से एक था, जिसे गौ-तस्कर बताकर गौरक्षक बने गुंडों ने मार डाला था।
Courtesy: National Dastak