मेरा किसी राजनीतिक संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक स्टूडेंट होने के नाते मैं रामजस कॉलेज में बस्तर,कश्मीर और पूर्वोत्तर के हालात पर होने वाले सेमिनार में हिस्सा लेने वाली थी। लेकिन वहां एबीवीपी ने हम पर हमला कर दिया। मैं वहां उनकी गुंडागर्दी की प्रत्यक्ष गवाह थी और मैंने वहां की घटनाओं को अपने फोन पर रेकार्ड कर लिया।
मैं यह देख कर सन्न थी कि मुट्ठी भर गुंडे छात्रों को मार रहे हैं। हमें गालियां दे रहे हैं और हमारी ओर अश्लील इशारे कर रहे हैं। जब एबीवीपी के गुंडे कांफ्रेंस रूम में पत्थर फेंक रहे थे तो मैं वहीं थी। वे पत्थरों से कांफ्रेंस रूम की खिड़कियां तोड़ रहे थे। जब उन्हें कैमरे में कैद किया जा रहा था तो वो चिल्ला रहे थे- गुंडागर्दी और भगवाकरण ही चलेगा। बिल्कुल चलेगा।
अगले दिन एबीवीपी के गुंडों के खिलाफ एक मार्च निकाला गया। मैं इस मार्च के बारे में स्टूडेंट्स को बताने के लिए क्लास-क्लास घूमी। मैं देख रही थी कि स्टूडेंट्स के बीच इस घटना को लेकर काफी गुस्सा और क्षोभ है। कोई भी कैंपस में हिंसा नहीं चाहता।
जिस दौरान हम रामजस कॉलेज के बाहर तख्तियां लिये खड़े थे। उस दौरान डीयू, जेएनयू, जामिया और एयूडी के स्टूडेंट्स भी वहां जमा था। वहां टीचर और जर्नलिस्ट भी मौजूद थे। अचानक एबीवीपी के गुंडों ने उन पर फिर हमले शुरू कर दिए। हमसे धक्का-मुक्की की गई और हम पर लात-घूंसे बरसाए गए। वे हमारे जुलूस पर पत्थर फेंक रहे थे। मेरे कई दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गए। टीचरों को भी नहीं छोड़ा गया। पत्रकारों पर भी हमले किए गए और उनके कैमरे तोड़ डाले गए। और यह सब दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में हुआ।
इसके बाद एबीवीपी बीजेपी के आईटी सेल के साथ मिलकर झूठे आरोप लगाने लगी। मैं वहां मौजूद थी और मैंने इस हिंसा पर वहां रिकार्डेड एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर डाल दिया था। लेकिन एक आम स्टूडेंट एक्विटिवस्ट होने के नाते मेरे पास न ट्रोल करने वालों की फौज है और न आईटी सेल का बैकअप।
जबसे मैंने यह वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है, तब से मुझे लगातार ट्रोल किया जा रहा है। मुझे नक्सली , पैसे लेकर प्रोपगंडा करने वाली और न जाने क्या-क्या कहा। मुझे अनाम कॉलरों से मारने की धमकियां मिल रही हैं। (देखें स्क्रीन शॉट्स)
इस शहर में अकेले होने की वजह से मैं बाहर निकलने में असुरक्षित महसूस कर रही हीं। वे लोग हर जगह हैं। केसरिया बैंड पहन कर बाइक पर घूम रहे हैं।
लेकिन एबीवीपी। मैं तुमसे डरती नहीं हूं। मैं तुम्हारी विचारधारा की कभी फैन नहीं रही। और न तुम्हारी राजनीति से सहमत हूं। आज मैं तुम्हारा यह रूप देख कर खिन्न हूं। तुम स्टूडेंट्स और छात्र कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर अपनी मातृभूमि की रक्षा करने की बात करते हो। मैं तुम्हारे राष्ट्रवाद पर थूकती हूं। तुम्हारे डराने से मैं चुप नहीं रहने वाली हूं। देखती हूं तुम क्या करते हो। मैं तुमसे लड़ने को तैयार हूं। यह लड़ाई मेरी यूनिवर्सिटी की है और मैं पीछे हटने वाली नहीं।
#StudentsAgainstABVP
(Courtesy: https://www.facebook.com/Ratnpriya.m)
मैं यह देख कर सन्न थी कि मुट्ठी भर गुंडे छात्रों को मार रहे हैं। हमें गालियां दे रहे हैं और हमारी ओर अश्लील इशारे कर रहे हैं। जब एबीवीपी के गुंडे कांफ्रेंस रूम में पत्थर फेंक रहे थे तो मैं वहीं थी। वे पत्थरों से कांफ्रेंस रूम की खिड़कियां तोड़ रहे थे। जब उन्हें कैमरे में कैद किया जा रहा था तो वो चिल्ला रहे थे- गुंडागर्दी और भगवाकरण ही चलेगा। बिल्कुल चलेगा।
अगले दिन एबीवीपी के गुंडों के खिलाफ एक मार्च निकाला गया। मैं इस मार्च के बारे में स्टूडेंट्स को बताने के लिए क्लास-क्लास घूमी। मैं देख रही थी कि स्टूडेंट्स के बीच इस घटना को लेकर काफी गुस्सा और क्षोभ है। कोई भी कैंपस में हिंसा नहीं चाहता।
जिस दौरान हम रामजस कॉलेज के बाहर तख्तियां लिये खड़े थे। उस दौरान डीयू, जेएनयू, जामिया और एयूडी के स्टूडेंट्स भी वहां जमा था। वहां टीचर और जर्नलिस्ट भी मौजूद थे। अचानक एबीवीपी के गुंडों ने उन पर फिर हमले शुरू कर दिए। हमसे धक्का-मुक्की की गई और हम पर लात-घूंसे बरसाए गए। वे हमारे जुलूस पर पत्थर फेंक रहे थे। मेरे कई दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गए। टीचरों को भी नहीं छोड़ा गया। पत्रकारों पर भी हमले किए गए और उनके कैमरे तोड़ डाले गए। और यह सब दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में हुआ।
इसके बाद एबीवीपी बीजेपी के आईटी सेल के साथ मिलकर झूठे आरोप लगाने लगी। मैं वहां मौजूद थी और मैंने इस हिंसा पर वहां रिकार्डेड एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर डाल दिया था। लेकिन एक आम स्टूडेंट एक्विटिवस्ट होने के नाते मेरे पास न ट्रोल करने वालों की फौज है और न आईटी सेल का बैकअप।
जबसे मैंने यह वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है, तब से मुझे लगातार ट्रोल किया जा रहा है। मुझे नक्सली , पैसे लेकर प्रोपगंडा करने वाली और न जाने क्या-क्या कहा। मुझे अनाम कॉलरों से मारने की धमकियां मिल रही हैं। (देखें स्क्रीन शॉट्स)
इस शहर में अकेले होने की वजह से मैं बाहर निकलने में असुरक्षित महसूस कर रही हीं। वे लोग हर जगह हैं। केसरिया बैंड पहन कर बाइक पर घूम रहे हैं।
लेकिन एबीवीपी। मैं तुमसे डरती नहीं हूं। मैं तुम्हारी विचारधारा की कभी फैन नहीं रही। और न तुम्हारी राजनीति से सहमत हूं। आज मैं तुम्हारा यह रूप देख कर खिन्न हूं। तुम स्टूडेंट्स और छात्र कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर अपनी मातृभूमि की रक्षा करने की बात करते हो। मैं तुम्हारे राष्ट्रवाद पर थूकती हूं। तुम्हारे डराने से मैं चुप नहीं रहने वाली हूं। देखती हूं तुम क्या करते हो। मैं तुमसे लड़ने को तैयार हूं। यह लड़ाई मेरी यूनिवर्सिटी की है और मैं पीछे हटने वाली नहीं।
#StudentsAgainstABVP
(Courtesy: https://www.facebook.com/Ratnpriya.m)