सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दर्शन के आखिरी दिन तक सबरीमाला मंदिर में नहीं पहुंच पाई एक भी महिला

Written by Sabrangindia Staff | Published on: October 23, 2018
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर आस्था के नाम पर लोगों ने एक भी महिला को प्रवेश नहीं करने दिया. राज्य में जगह-जगह भगवान अयप्पा के ब्रह्मचर्य को बचाए रखने के लिए पुरजोर कोशिश की और पूरे छह दिन महिलाओं को मंदिर में घुसने से रोकने में कामयाब रहे. सबरीमाला मंदिर में ‘दर्शन’ के आखिरी दिन सोमवार को ‘रजस्वला’ आयुवर्ग की एक और महिला ने मंदिर में प्रवेश का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा. वहीं रात में मंदिर का प्रवेशद्वार बंद होने से पहले ‘रजस्वला’ आयुवर्ग की और महिलाओं के मंदिर आने का प्रयास करने की खबरों के बीच सुरक्षा बढ़ा दी गई था.


अधिकारियों ने कहा कि दलित कार्यकर्ता बिंदू पहाड़ी पर स्थित सबरीमाला मंदिर की तलहटी में स्थित पम्बा की ओर बढ़ रही थी. पम्बा से ही श्रद्धालु मंदिर के लिए पांच किलोमीटर की चढ़ाई शुरू करते हैं. दलित कार्यकर्ता को उनके अनुरोध पर पुलिस संरक्षण प्रदान किया गया.

बिंदू केरल राज्य परिवहन निगम की बस में पुलिसकर्मियों के साथ सफर कर रही थी. जब बस पम्बा पहुंचने वाली थी, 'नैष्ठिक ब्रह्मचारी' के मंदिर में 10 से 50 साल की आयु वर्ग की लड़कियों व महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने सड़क बाधित कर दी और उन्हें बस से उतरने के लिए बाध्य कर दिया.

अधिकारियों ने कहा कि बिंदू को पुलिस की जीप में सुरक्षा में ले जाया गया. भगवान अयप्पा मंदिर के द्वार 17 अक्टूबर को पांच दिवसीय पूजा के लिए खुलने के बाद मंदिर में दर्शन का प्रयास करने वाली करीब 12 महिलाओं को नाराज प्रदर्शनकारियों के चलते वापस होना पड़ा है.

मंदिर खुलने के पहले दिन कोई पूजा नहीं हुई. मंदिर के द्वार सोमवार को रात 10 बजे बंद हो जाएंगे.‘रजस्वला’ आयुवर्ग की महिलाओं को घने जंगल स्थित मंदिर तक जाने से रोकने के लिए सबरीमाला सन्नीधानम मंदिर परिसर में सैकड़ों श्रद्धालु डेरा डाले बैठे हैं.

सबरीमाला सन्नीधानम, पम्बा, निलाकल और इलावुमकल में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू किए जाने के बावजूद सैकड़ों अयप्पा श्रद्धालुओं ने महिलाओं को मंदिर तक जाने से रोक दिया है.

पुलिस ने इस सूचना के बाद सन्नीधाम और अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है कि कुछ महिलाएं मंदिर जाने का प्रयास कर सकती हैं. महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात पुलिस महानिरीक्षक एस श्रीजीत ने सोमवार सुबह मंदिर में दर्शन किया. स्थानीय मीडिया ने अधिकारी द्वारा मंदिर में दर्शन करने का वीडियो प्रसारित किया जिसमें उनकी आंखों में आंसू दिखे.

रेहाना फातिमा को पुलिस सुरक्षा में मंदिर तक लाने के लिए श्रीजीत को श्रद्धालुओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा. वहीं, अयप्पा श्रद्धालुओं के कड़े विरोध के चलते पुलिस मुख्य मंदिर में फातिमा का प्रवेश नहीं करा सकी.

श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या ने रविवार को छह महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश से रोक दिया था. इसके अलावा नाटकीय घटनाक्रम के बीच छह तेलुगु भाषी महिलाओं को भी प्रसिद्ध मंदिर तक जाने से रोका गया.

10 से 50 साल की आयुवर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से रोक हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के केरल सरकार के खिलाफ श्रद्धालुओं का प्रदर्शन जारी है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 19 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई हैं जिनपर सुप्रीम कोर्ट 13 नवंबर को सुनवाई करेगा. 

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