यूपी चुनाव: पंजाब के खराब मौसम में रैली से भागे मोदी ने यूपी में खिलती धूप को क्यों बताया खराब मौसम?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 8, 2022
उत्तर प्रदेश में दो दिन बाद पहले चरण की वोटिंग होनी है। चुनावी मौसम में सभी पार्टियां जोड़ तोड़ के साथ पूरी ताकत से मैदान में उतरी हैं। इस बीच पिछले पांच साल पहले पूर्ण बहुमत से आई पार्टी भाजपा के दिग्गज नेताओं की जान सांसत में नजर आ रही है। 



2014 के लोकसभा चुनाव से अभी तक बीजेपी के फायरब्रांड नेता रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बार बीजेपी के प्रचार करने से बचने के बहाने ढ़ूंढते नजर आ रहे हैं। यह वाकया है सोमवार का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूपी के बिजनौर से रैली की शुरूआत करनी थी, लेकिन उन्होंने रैली रद्द कर दी। प्रधानमंत्री ने खुद ऑनलाइन आकर बताया कि उनका विमान खराब मौसम के कारण नहीं उड़ान भर पाया। लेकिन, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने एक लाइन का ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी के दावे की हवा निकाल दी। 

दरअसल, यूपी में कल का दिन काफी खुशगवार रहा, धूप भी राज्यभर में खिली रही। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के बिजनौर रैली के रद्द करने के दावे की उस वक्त हवा निकल गई जब जयंत चौधरी ने ट्वीट किया कि, बिजनौर में धूप खिल रही है, लेकिन भाजपा का मौसम खराब है। उन्होंने बिजनौर के मौसम से जुड़ी गूगल रिपोर्ट का हवाला भी दिया है, जिसमें धूप खिली होने और तापमान 17 डिग्री सेल्सियस होने की बात कही गई है।

बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में रैली करने के कारण सुर्खियों में रहे थे। उस वक्त खराब मौसम में उन्होंने ऐन वक्त पर हवाई यात्रा के बदले रोड से यात्रा करना उचित समझा था। लेकिन वापसी में लौटते वक्त उन्होंने वहां के मुख्यमंत्री को एक संदेश भिजवाया था जिससे टीवी चैनलों पर राज्य की कांग्रेस सरकार पर लगातार पीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे। 

इस बार यूपी में मोदी की रैल रद्द होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी की डबल इंजन की सरकार को फजीहत से बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने खुले मौसम में खराब मौसम का हवाला देकर रैली क्यों रद्द की? सवाल पहले से ही उठ रहे हैं कि क्या इस बार यूपी में बीजेपी की हालत खराब है? 



बता दें कि यूपी के बारे में कहा जाता है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है, वहां इस बार सत्ताधारी भाजपा की हालत खासी पतली नजर आ रही है। तमाम चुनावी रुझान, रणनीतिकार और विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि इस बार यूपी चुनाव (पहले चरण) में भाजपा संकट में है। 2017 में भाजपा की जो आंधी (वेस्ट) यूपी में चली थी किसान आंदोलन से उपजा जाट-मुस्लिम-पिछड़ा गठजोड़, उन तमाम समीकरणों को उलटता दिख रहा है। पहले चरण से ही भाजपा के खिलाफ गुस्से का माहौल बन रहा है। हालांकि यह गुस्सा 2017 की तरह आंधी में कितना बदलेगा कितना नहीं बदलेगा, यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा लेकिन भाजपाई तक खुद मान रहे है कि इस बार उन्हें तकरीबन हर जिले में नुकसान हो रहा है। फिर अब तो मोदी-शाह ही बोल रहे कि “सपा जीती तो…”, अपने आप में डर और हार की निशानी है। वहीं यह सब भाजपा की बौखलाहट को भी बखूबी दर्शाता है। 

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