वाराणसी में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के भाईचारा सम्मलेन में जातिवार जनगणना, सांप्रदायिक सौहार्द और राजनैतिक बंदियों के अधिकारों की मांग उठाई गयी
भारत की कम्युनिस्ट (मार्क्सवादी) पार्टी, वाराणसी द्वारा 13 जुलाई को वाराणसी प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल मैदागिन में भाईचारा सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें बनारस के सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने संविधान विरोधी सरकार, लोकतंत्र विरोधी सरकार, सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ावा देने वाली सरकार के खिलाफ़ खुल के अपने विचार रखते हुए बनारस में लगातार हर गांव हर मोहल्ले में इसी तरह भाईचारा सम्मेलन करने की बात की। साथ ही जातिगत आधार पर जनगणना कराये जाने की मांग की गयी।
वक्ताओं ने कहा कि काशी की गंगा-जमुना संस्कृति और बनारस की साझी विरासत को बचाने के लिए हर धर्म के लोगों को एकता बनाकर सड़कों पर निकलना होगा और इस तानाशाह सरकार के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद करनी होगी।
बनारस के साथ ही पूरे देश में जितने भी सामाजिक कार्यकर्ताओं को सरकार द्वारा फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है और तीस्ता सीतलवाड़, मोहम्मद जुबैर, आर बी सिंह आदि, जिनको जेलों में डाला गया है उनको रिहा किया जाए।
वक्ताओं में सुभाषिनी अली पूर्व सांसद, मुनीजा खान, कुंवर सुरेश, संजीव सिंह, कुसुम वर्मा हीरा लाल यादव, फजलुर्रहमान अंसारी, शमा, नंदलाल, अब्दुल मतीन आदि शामिल रहे।
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वक्ताओं ने कहा कि काशी की गंगा-जमुना संस्कृति और बनारस की साझी विरासत को बचाने के लिए हर धर्म के लोगों को एकता बनाकर सड़कों पर निकलना होगा और इस तानाशाह सरकार के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद करनी होगी।
बनारस के साथ ही पूरे देश में जितने भी सामाजिक कार्यकर्ताओं को सरकार द्वारा फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है और तीस्ता सीतलवाड़, मोहम्मद जुबैर, आर बी सिंह आदि, जिनको जेलों में डाला गया है उनको रिहा किया जाए।
वक्ताओं में सुभाषिनी अली पूर्व सांसद, मुनीजा खान, कुंवर सुरेश, संजीव सिंह, कुसुम वर्मा हीरा लाल यादव, फजलुर्रहमान अंसारी, शमा, नंदलाल, अब्दुल मतीन आदि शामिल रहे।
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