इक्कीसवीं सदी में भी जातिगत भेदभाव के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सबसे खास बात यह खबरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात से सामने आ रही हैं जिसे लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान विकसित राज्य के तौर पर प्रचारित किया जाता था।
ताजा मामला अरावली जिले के मोडासा तालुका का है। कुछ दिन पहले एक दलित लड़के का घोड़ी पर चढ़कर शादी रचाना सवर्णों को नागवार गुजरा था। घोड़ी पर बारात लेकर जाने से सवर्ण नाराज हो गए थे और उन्होंने शादी रुकवा दी थी। इस दौरान दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई थी। इस मारपीट में दूल्हा जिस घोड़ी पर चढ़कर जा रहा था उसे भी काफी चोटें आई थीं। अब खबरों के मुताबिक इस घोड़ी की मौत हो गई है।
एफआईआर में जानवर की हत्या का मामला दर्ज
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक घोड़े की मौत के बाद पुलिस ने एफआईआर में धारा 429 (जानवार की हत्या का मामला) को जोड़ दिया है। इससे पहले मारपीट करने के जुर्म में 43 सवर्ण वर्ग के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था।
यह मामला 12 मई के दिन का है। अरावली जिले के खंभीसर गांव में पहली बार एक दलित युवक ने घोड़ी पर चढ़कर बारात लेकर जाने के बारे में सोचा। दूल्हे के साथ बारात के लोग लड़की वाले के घर की तरफ चले। तभी सवर्ण वर्ग के लोगों ने ये कहते हुए दूल्हे को रोक दिया कि यह परंपरा के खिलाफ है। यहां किसी दलित वर्ग के लोगों ने कभी घोड़ी पर चढ़कर बारात नहीं निकाली है। इसके बाद दोनों गुटों के लोग उग्र हो गए. इसमें कुछ लोगों को चोटें आई थीं। इसके बाद पुलिस ने सुरक्षा प्रदान कर लड़के की बाद में शादी करवाई थी।
ताजा मामला अरावली जिले के मोडासा तालुका का है। कुछ दिन पहले एक दलित लड़के का घोड़ी पर चढ़कर शादी रचाना सवर्णों को नागवार गुजरा था। घोड़ी पर बारात लेकर जाने से सवर्ण नाराज हो गए थे और उन्होंने शादी रुकवा दी थी। इस दौरान दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई थी। इस मारपीट में दूल्हा जिस घोड़ी पर चढ़कर जा रहा था उसे भी काफी चोटें आई थीं। अब खबरों के मुताबिक इस घोड़ी की मौत हो गई है।
एफआईआर में जानवर की हत्या का मामला दर्ज
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक घोड़े की मौत के बाद पुलिस ने एफआईआर में धारा 429 (जानवार की हत्या का मामला) को जोड़ दिया है। इससे पहले मारपीट करने के जुर्म में 43 सवर्ण वर्ग के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था।
यह मामला 12 मई के दिन का है। अरावली जिले के खंभीसर गांव में पहली बार एक दलित युवक ने घोड़ी पर चढ़कर बारात लेकर जाने के बारे में सोचा। दूल्हे के साथ बारात के लोग लड़की वाले के घर की तरफ चले। तभी सवर्ण वर्ग के लोगों ने ये कहते हुए दूल्हे को रोक दिया कि यह परंपरा के खिलाफ है। यहां किसी दलित वर्ग के लोगों ने कभी घोड़ी पर चढ़कर बारात नहीं निकाली है। इसके बाद दोनों गुटों के लोग उग्र हो गए. इसमें कुछ लोगों को चोटें आई थीं। इसके बाद पुलिस ने सुरक्षा प्रदान कर लड़के की बाद में शादी करवाई थी।