UP चुनाव: BJP वादे, दावे और हकीकत: पिछले वादे पूरे नहीं किए, फिर लगाई वादों की झड़ी

Written by Navnish Kumar | Published on: February 8, 2022
"कहां तो चरागां तय था हर घर के लिए, कहां चराग मयस्सर नहीं शहर भर के लिए", 2022 के बीजेपी के घोषणा पत्र और उस पर अमल की हकीकत बयां करने के लिए दुष्यंत कुमार का यह 'शेर' बहुत ही मौजूं है। 2017 में किए वादे 5 साल बाद भी पूरे नहीं किए गए हैं। खासकर किसानों, नौजवानों और महिलाओं से किए वादे, धरातल पर दूर दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं। जिसे लेकर इन वर्गों में बीजेपी के प्रति नाराजगी भी साफ देखी जा सकती है। यही कारण है कि बीजेपी ने अपने 2022 के घोषणापत्र में फिर से कई पुराने वादों को दोहराया है। मसलन जहां 2017 में हर युवा को काम देने की बात थी तो अब थोड़ा कम कर, हर घर में एक नौकरी का वादा किया गया है। किसानों को 15 दिन में गन्ना भुगतान व फसल बीमा का वादा दोहराया गया है तो महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वाड की जगह लव जेहाद पर कड़ा कानून आदि बनाने की बात है। 



भाजपा के घोषणापत्र को धरातल की तराजू पर तौलें तो 2017 में जो वादे करके वह रिकॉर्ड जीत के साथ सत्ता में आई थी, आज के संकल्प में भी ज्यादातर वही वादे दोहराए गए हैं। देंखे तो... 2017 में जारी 24 पन्ने के संकल्प पत्र में भाजपा ने 10 विषयों पर 200 से ज्यादा संकल्प किए थे। इस संकल्प में जो विषय डाले गए थे उन्हें कृषि विकास का बने आधार, ना गुंडाराज ना भ्रष्टाचार, हर युवा को मिलेगा रोजगार, शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता विस्तार, गरीबी से मुक्ति का सपना साकार, बुनियादी विकास मजबूत आधार, विकसित उद्योग सुगम व्यापार, सशक्त नारी समान अधिकार, स्वस्थ हो हर घर-परिवार और महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारा संकल्प नाम दिया गया था। 24 घंटे बिजली से लेकर हर युवा को रोजगार तक का वादा था तो भ्रष्टाचारियों-अपराधियों पर सख्त रुख अपनाकर उन्हें दंडित करने की प्रक्रिया शुरू करने का वादा भी था। 

किसानों के लिए कई वादे थे जो पूरे नहीं हुए हैं। 86 लाख छोटे और सीमांत किसानों का ऋण माफ करने, उन्हें ब्याज मुक्त ऋण देने, गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन के अंदर करने और 2022 तक किसानों की कमाई दोगुना करने का वादा भी संकल्प पत्र में था। भूमिहीन किसान मजदूरों का दो लाख का निःशुल्क बीमा और उन्हें दुधारू पशु उपलब्ध कराने का भी वादा किया गया था। लेकिन हकीकत में करीब आधे किसानों का एक लाख रुपये तक का ही कर्ज माफ किया गया।

15 दिन में गन्ना भुगतान का आलम यह है कि पिछले पेराई सत्र का भी भुगतान अभी नहीं हुआ है। 24 घंटे बिजली के वादे को देखें तो बिजली इतनी महंगी कर दी गई है कि किसान हो या आम उपभोक्ता, सभी के पसीने छुड़ा दिए हैं। हालांकि, चुनाव घोषणा से ऐन पहले अब आकर योगी सरकार ने ट्यूबवेल की बिजली दरें घटाने का एलान किया है। आलू-प्याज और लहसुन को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP के अंतर्गत लाया जाएगा। सभी अनाज और सब्जी मंडियों को ई-मंडियों में बदला जाएगा। इस वादे पर भी आधा अधूरा ही अमल हुआ है।

नौजवानों के लिए सबसे बड़ा वादा 5 साल में 70 लाख रोजगार देने का था। इसके साथ ही 90% नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को आरक्षण देने, प्रदेश के सभी सरकारी रिक्त पदों पर सरकार बनने के 90 दिन के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने, सभी युवाओं को कॉलेज में दाखिला लेने पर मुफ्त लैपटॉप और हर महीने एक जीबी डेटा मुफ्त देने का भी वादा संकल्प पत्र में था। साथ ही पुलिस के डेढ़ लाख रिक्त पदों को एक साल के भीतर भरने की बात थी। चुनाव से ऐन पहले अब आकर सरकार ने लैपटॉप और टैबलेट बांटने की योजना शुरू की जिसे आचार संहिता लागू होते ही फिर से रोक देना पड़ा। जबकि एक जीबी डेटा मुफ्त देने की शुरुआत ही नहीं हो सकी है। इसके साथ ही सभी कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त वाईफाई देने का भी वादा सरकार ने किया था जो पूरी नहीं किया गया। सभी लड़कों को 12वीं तक की शिक्षा निशुल्क देना, साथ ही 50 फीसदी से अधिक के अंक लाने पर ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा देनी थी। सरकार का यह वादा भी अधूरा है।

यही नहीं व्यापारियों आदि का पलायन रोकने के लिए पुलिस की विशेष टीम बनाने, पुलिस हेल्प लाइन पर कॉल आने पर 15 मिनट के भीतर मदद पहुंचाने, एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स बनाने और भ्रष्टाचार के मामलों को तेजी से निपटाने का वादा भी शामिल था। लेकिन कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने की आड़ में धर्म व जाति विशेष का जो उत्पीड़न हुआ है वो जगजाहिर है। अपराधियों के एनकाउंटर आदि में पुलिस प्रशासन की मनमाना रवैया शुरू से सवालों के घेरे में है। या यूं कहें कि कानून व्यवस्था के नाम पर जहां अपनी छवि गढ़ने का काम हुआ तो वहीं, समुदाय विशेष की छवि खराब करने का ही काम किया गया।  

यही नहीं, 2017 चुनाव में भाजपा ने पलायन को बड़ा मुद्दा बनाया था। पश्चिमी यूपी में भाजपा का यह दांव काम भी आया और समर्थन भी मिला। सरकार का दावा है कि 5 साल में कोई दंगा नही हुआ, लेकिन NCRB के आंकड़ों में 2017 में 34 सांप्रदायिक दंगे हुए और बलवों को मिलाकर 8,990 घटनाएं हुईं। साल 2019 में दंगे और बलवे शामिल करके 5,714 घटनाएं हुईं। साल 2018 में दंगे और बलवे शामिल करके 8,908 घटनाएं हुईं। हालांकि, इन घटनाओं में किसी जिलाधिकारी को दोषी मानकर कार्रवाई नही हुई।

महिला सुरक्षा की बात करें तो सुरक्षा के सवाल का सच उन्नाव से लेकर हाथरस तक में दिखा है। एंटी रोमियो स्क्वाड की कार्रवाई भी महिलाओं में सुरक्षा बोध कराने से ज्यादा, अन्य कारणों से चर्चा में रही है। एंटी रोमियो दल के गठन के साथ ही खबर आने लगी कि पार्कों में आपसी सहमति से बैठे जोड़ों का उत्पीड़न किया जा रहा है। इस वक्त स्क्वॉयड का हाल जानने के लिए आरटीआई में मिले जवाब को देखें तो पता चलता है कि 22 मार्च से 30 नवंबर के बीच 14,454 गिरफ्तारियां हुईं। औसत निकालें तो हर दिन 11 गिरफ्तारी हुई है। हर जिले में तीन महिला पुलिस स्टेशन बनाने का भी वादा था जिसका भी आधा अधूरा ही अनुपालन हुआ है। इसके साथ ही सरकार ने अपने संकल्प पत्र में 6 नए एम्स बनाने का दावा किया था, लेकिन अभी महज एक एम्स गोरखपुर में बनकर तैयार हुआ है। यहां ओपीडी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं।

इसके साथ एक बड़ी घोषणा कानपुर, झांसी, इलाहाबाद जैसे शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने का था। वहीं 6 छोटे शहरों में हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने का संकल्प था जो पूरा नहीं हुआ है। यह वादा भी अधूरा है। सिर्फ कानुपर शहर में ही मेट्रो सेवा शुरू हो पाई है। झांसी और इलाहाबाद में डीपीआर बनाने का काम अब शुरू हुआ है।

सामाजिक सुरक्षा आदि की बात करे तो हर घर में शौचालय और गैस कनेक्शन देने का वादा था जो अधूरा ही है। हालांकि सरकार ने यूपी के सभी 75 जिलों को ओडीएफ घोषित किया है। इस योजना के तहत कुल 2 करोड़ 18 लाख इज्जत घरों का निर्माण कराया गया है। UP में उज्ज्वला योजना के तहत करीब 1.47 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन दिया गया। गरीब परिवार में बेटी के जन्म पर 50 हजार रुपये का विकास बॉन्ड देने, कक्षा 6 में पहुंचने पर 3 हजार, कक्षा 8 में पहुंचने पर 5 हजार, कक्षा 10 में पहुंचने पर 7 हजार, 12 में पहुंचने पर 9 हजार और 21 साल का होने पर 2 लाख रुपये देने का वादा था। गरीब परिवारों के छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए 500 करोड़ के बाबा करोड़ के बाबा साहेब अम्बेडकर छात्रवृत्ति कोष की स्थापना का वादा है जिस पर पूर्णतः अमल तो दूर, दशमोत्तर में बड़ी संख्या में दलित व पिछड़े समुदाय के बच्चे, मेरिट आदि नियमों की आड़ में छात्रवृत्ति से वंचित कर दिए गए।

यही नहीं, भाजपा सरकार ने 2017 के संकल्प पत्र में अवैध स्लॉटरिंग बंद करने का वादा किया था लेकिन इससे मवेशी कत्लखाने बंद होने से एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई। यह समस्या आवारा पशुओं की है। आवारा पशुओं से किसान की फसलों का बड़ा नुकसान हो रहा है और यह इस चुनाव में विपक्ष का बड़ा हथियार है।

उधर, अब 2022 चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने पहले चरण के मतदान से ठीक पहले मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया है। जिसमें किसानों को मुफ्त बिजली, हर घर में नौकरी व महिलाओं को स्कूटी देने समेत कई लोकलुभावन वादे किए हैं। इस दौरान भाजपा ने चुनावी साॅग ‘भाजपा ने करके दिखाया है’ भी लॉन्च किया। भाजपा ने अपने इस चुनावी घोषणा पत्र को ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ नाम दिया है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लखनऊ में जारी घोषणापत्र में किसान, रोजगार, कानून-व्यवस्था, व्यवसाय, महिला सशक्तिकरण और युवाओं पर फोकस किया गया है तो वहीं, कई पुराने वादे भी दोहराए गए हैं।

बीजेपी घोषणापत्र के बड़े ऐलान इस प्रकार हैं।
- हर परिवार में कम से कम एक रोजगार या स्वरोजगार का अवसर देंगे
- प्रदेश की सभी विभागीय रिक्तियां भरने के लिए प्रतिबद्ध
- प्रतियोगी परीक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग
- 2 करोड़ टैबलेट या स्मार्टफोन बांटेंगे
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में जिम व खेल मैदान
- लाइफ सपोर्ट से लैस एंबुलेंस की संख्या दोगुना करेंगे
- प्रत्येक जिले में डायलिसिस केंद्र
- MBBS की सीटें दोगुना
- 6000 डॉक्टर और 10 हजार पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति
बीजेपी के घोषणापत्र में किसानों के लिए क्या
- किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली
- 5 हजार करोड़ की लागत से कृषि सिंचाई योजना
- 25 हजार करोड़ की लगात से सरदार पटेल एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन
- आलू, टमाटर, प्याज जैसी सभी फसलों का न्यूनतम मूल्य देने के लिए 1 हजार करोड़
- गन्ना किसानों को 14 दिन के अंदर भुगतान, देरी होने पर ब्याज सहित भुगतान
- निषादराज बोट सब्सिडी योजना
बीजेपी के घोषणापत्र में महिलाओं के लिए क्या
- कॉलेज जाने वाली हर महिला को मुफ्त स्कूटी
- उज्जवला के सभी लाभार्थी को होली और दीपावली में 2 मुफ्त एलपीजी सिलेंडर
- कन्या सुमंगला योजना को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार
- गरीब परिवार की बेटियों के विवाह के लिए 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद
- मिशन पिंक टॉयलेट के लिए 1000 करोड़
- हर विधवा और निराश्रित महिला को 1500 रुपये प्रति माह का पेंशन
- 3 नई महिला बटालियन
- सभी सार्वजनिक स्थानों और शैक्षणिक संस्थानों में CCTV कैमरे और 3000 पिंक पुलिस बूथ
- 5 हजार करोड़ की लागत से अवन्ति बाई लोधी स्वयं सहायता समूह मिशन की शुरुआत
- UPPSC समेत सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं की संख्या दोगुनी
- 1 करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1 लाख रुपय तक का न्यूनतम दर पर लोन
60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा
- महिला एथलीटों को 5 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद
बीजेपी के घोषणापत्र में छात्रों के लिए क्या
- हर मंडल में एक यूनिवर्सिटी
- अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, आजमगढ़ में महाराजा सुहेलदेव यूनिवर्सिटी, सहारनपुर में मां शाकुम्भरी देवी यूनिवर्सिटी, लखनऊ में यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ पुलिस एंड फॉरेंसिक साइंस, अयोध्या में आयुष शैक्षिणक संस्थान, गोरखपुर में गुरु गोरक्षनाथ आयुष यूनिवर्सिटी, प्रयागराज में डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और मेरठ में मेजर ध्यानचंद स्पोर्टस यूनिवर्सिटी का काम पूरा करेंगे

इसके साथ ही लव जेहाद पर 10 साल की जेल और 1 लाख जुर्माना का कानून बनाने
-सभी 18 मंडलों में एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन यूनिट स्थापित करेंगे। 
-मेरठ में कोतवाल धन सिंह गुर्जर अत्याधुनिक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर
-मेरठ, रामपुर, आजमगढ़, कानपुर और बहराइच में एंटी-टेररिस्ट कमांडो सेंटर बनाएंगे
- प्रत्येक पुलिस स्टेशन में साइबर हेल्प डेस्क
- 5 विश्व स्तरीय एक्जीबिशन और अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर बनाएंगे
- 3 अत्याधुनिक डाटा सेंटर पार्क
- कानपुर में मेगा लेदर पार्क
- 10 लाख रोजगार और स्वरोजगार के मौके दिए जाएंगे
- बाबूजी कल्याण सिंह ग्राम उन्नत योजना
- वाराणसी, मिर्जापुर और चित्रकूट में रोप-वे सेवा
- 2000 नई बसों के माध्यम से सभी गांवों में बस की सुविधा
- पूरे प्रदेश में अन्नपूर्णा कैंटिन
- काशी, मेरठ, गोरखपुर, बरेली, झांसी और प्रयागराज में मेट्रो
- मछुआरा समुदाय के लिए नदियों के पास लाइफ गार्ड की नियुक्ति
- राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय की स्थापना
- ईडब्लूएस कल्याण बोर्ड का गठन
- सभी निर्माण श्रमिकों को मुफ्त जीवन बीमा
- दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों का पेंशन 1500 रुपये प्रतिमाह
- महर्षि वाल्मीकि का चित्रकूट में, संत रविदास का बनारस में, निषादराज गुह्रा का श्रृंग्वेरपुर में और डॉ भीम राव अम्बेडकर की स्मृति में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना आदि प्रमुख हैं।

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