अखबार के स्पष्टीकरण और माफीनामे के बावजूद नजीब के संबंध में फर्जी खबर लिखने वाले टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्टर राजशेखर झा को अब तक नहीं हटाया गया है। बुधवार को सोशल मीडिया पर झा को बरखास्त करने की मांग ने ज़ोर पकड़ा। पत्रकारों को तो छोड़ दें, यहां तक कि फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी ट्वीट कर के राजशेखर झा को बरखास्त करने की मांग उठाई है।
झा ने टाइम्स ऑफ इंडिया में 21 मार्च को दिल्ली पुलिस के हवाले से खबर लिखी थी कि नजीब गूगल और यू-ट्यूब पर इस्लामिक स्टेट से जुड़ी सामग्री खोजता था। खबर के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि जिस सुबह जेएनयू का छात्र नजीब गायब हुआ उससे एक रात पहले 14 अक्टूबर को वह आइएस के एक नेता का भाषण सुन रहा था जिस दौरान एबीवीपी के छात्रों ने उसका दरवाजा खटखटाया और उसकी झड़प हुई।
इस खबर के संबंध में दिल्ली पुलिस के पीआरओ और डीसीपी मधुर वर्मा की ओर से जारी एक स्पष्टीकरण में साफ़ कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की जांच में अब तक नजीब और आइएस के बीच का कोई संबंध नहीं मिला है, न ही पुलिस ने अब तक यूट्यूब और गूगल से नजीब की सर्च हिस्ट्री की कोई रिपोर्ट हासिल की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने पुलिस का यह स्पष्टीकरण पांचवें पन्ने पर छापा लेकिन 21 तारीख वाली झा की खबर को पहले पन्ने पर छापा था। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि अपना बचाव करने के लिए नजीब उपलब्ध नहीं है और कोर्ट के निर्देश के बावजूद पुलिस अब तक उसका पता नहीं लगा सकी है।
बुधवार 22 मार्च की शाम इंडिया रेजिस्ट नामक वेबसाइट पर टीओआइ के रिपोर्टर राजशेखर झा को हटाने की मांग को लेकर एक खबर चली। इसके बाद झा ने वेबसाइट को ट्विटर पर पूरी बेशर्मी से ब्लॉक कर दिया। इस घटना की सोशल मीडिया में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है और झा को नौकरी से हटाने की मांग जोर पकड़ चुकी है।
Courtesy: Media Vigil
झा ने टाइम्स ऑफ इंडिया में 21 मार्च को दिल्ली पुलिस के हवाले से खबर लिखी थी कि नजीब गूगल और यू-ट्यूब पर इस्लामिक स्टेट से जुड़ी सामग्री खोजता था। खबर के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि जिस सुबह जेएनयू का छात्र नजीब गायब हुआ उससे एक रात पहले 14 अक्टूबर को वह आइएस के एक नेता का भाषण सुन रहा था जिस दौरान एबीवीपी के छात्रों ने उसका दरवाजा खटखटाया और उसकी झड़प हुई।
इस खबर के संबंध में दिल्ली पुलिस के पीआरओ और डीसीपी मधुर वर्मा की ओर से जारी एक स्पष्टीकरण में साफ़ कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की जांच में अब तक नजीब और आइएस के बीच का कोई संबंध नहीं मिला है, न ही पुलिस ने अब तक यूट्यूब और गूगल से नजीब की सर्च हिस्ट्री की कोई रिपोर्ट हासिल की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने पुलिस का यह स्पष्टीकरण पांचवें पन्ने पर छापा लेकिन 21 तारीख वाली झा की खबर को पहले पन्ने पर छापा था। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि अपना बचाव करने के लिए नजीब उपलब्ध नहीं है और कोर्ट के निर्देश के बावजूद पुलिस अब तक उसका पता नहीं लगा सकी है।
बुधवार 22 मार्च की शाम इंडिया रेजिस्ट नामक वेबसाइट पर टीओआइ के रिपोर्टर राजशेखर झा को हटाने की मांग को लेकर एक खबर चली। इसके बाद झा ने वेबसाइट को ट्विटर पर पूरी बेशर्मी से ब्लॉक कर दिया। इस घटना की सोशल मीडिया में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है और झा को नौकरी से हटाने की मांग जोर पकड़ चुकी है।
Courtesy: Media Vigil