नजीब की मां का प्रधानमंत्री मोदी से सवाल- अगर आप चौकीदार हैं तो मेरा बेटा कहां है?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 18, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब रविवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल का नाम बदलकर 'चौकीदार नरेंद्र मोदी' किया तो देश-दुनिया की मीडिया की सुर्खियों में छा गए। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने जमकर निशाना साधा. प्रधानमंत्री मोदी के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी अपने नाम के आगे 'चौकीदार' जोड़ दिया है. इस बीच तकरीबन दो साल से जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की मां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि अगर आप चौकीदार हैं तो मेरा बेटा कहां है?


ट्विटर पर नजीब की मां फ़ातिमा नफ़ीस ने किया कि ‘अगर आप चौकीदार हैं तो बताइए मेरा बेटा नजीब कहा हैं? एबीवीपी के गुंडे क्यों नहीं गिरफ़्तार किए गए? क्यों तीन बड़ी एजेंसियां मेरे बेटे को खोजने में असफल रहीं?’

इससे पहले अपने ट्विटर अकाउंट के नाम बदलकर ट्वीट किया था कि, ‘आपका चौकीदार दृढ़ खड़ा है और देश की सेवा कर रहा है. लेकिन मैं अकेले नहीं हूं, जो भी भ्रष्टाचार, गंदगी और सामाजिक बुराइयों के ख़िलाफ़ लड़ रहा है, वो चौकीदार है. जो भी भारत की तरक्की के लिए कठिन परिश्रम कर रहा है, वो चौकीदार है. आज हर भारतीय कह रहा है #MainBhiChowkidar.’ फ़ातिमा नफ़ीस ने इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री से अपने बेटे को लेकर सवाल किया.

बता दें कि नजीब जेएनयू के माही मांडवी छात्रावास से 15 अक्टूबर 2016 को अचानक से गायब हो गया था. इस घटना से एक रात पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कुछ छात्रों के साथ उसका कथित तौर पर झगड़ा हुआ था. इसे लेकर जेएनयू समेत दिल्ली के कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए और जांच की मांग की गई. इसके बाद ये मामला सीबीआई के पास गया. हालांकि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई भी नजीब को नहीं ढूंढ पाई है.

बीते साल आठ अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू छात्र नजीब के गुमशुदगी मामले में सीबीआई को क्लोज़र रिपोर्ट सौंपने की अनुमति दे दी थी. कोर्ट ने नजीब की मां फ़ातिमा नफ़ीस द्वारा दायर किए गए इस मामले में याचिका को ख़त्म कर दिया. हाईकोर्ट की पीठ ने कहा था कि नजीब की मां निचली अदालत में अपनी बात रख सकती हैं, जहां रिपोर्ट दायर की गई है.

फ़ातिमा नफ़ीस ने हाईकोर्ट में अर्ज़ी देकर अनुरोध किया था कि उनके बेटे का पता लगाने के लिए अदालत पुलिस को निर्देश दे. दरअसल पिछले साल सितंबर महीने में सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि अब तक उसकी जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो दिखाए कि कोई अपराध हुआ है. न ही उसे ऐसी कोई सामग्री मिली है जिसके आधार पर वह उन नौ छात्रों को गिरफ्तार करे या कोई कार्रवाई करे, जिन पर नजीब के परिवार को शक है कि उन्होंने ही उसे गायब किया है.

इसके साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हाईकोर्ट को बताया था कि वह नजीब अहमद के गायब होने के मामले की जांच बंद कर सकता है क्योंकि उसे इस मामले में कोई सबूत हाथ नहीं लगा है. इसी के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले में क्लोज़र रिपोर्ट दाख़िल करने की अनुमति दे दी थी.

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