जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) के लापता एमएससी (बायोटेक्नोलॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद को पांच महीने बाद भी ढूंढने में नाकाम रही दिल्ली पुलिस को हाईकोर्ट ने गुरुवार(16 मार्च) को जमकर फटकार लगाई।
नजीब के गुमशुदगी पर कोर्ट ने पुलिस को लताड़ते हुए कहा कि आप(पुलिस) सिर्फ पेपर वर्क पर ध्यान दे रहे हैं और जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हमें इस मामले में नतीजे चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
इससे पहले 15 मार्च को दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि वह 20 मार्च को फैसला करेगी कि नजीब अहमद से जुड़े मामले में लाई डिटेक्टर (झूठ पकड़ने वाली मशीन से) परीक्षण के लिए मंजूरी हेतु दिल्ली पुलिस जेएनयू के नौ छात्रों से पूछ सकती है या नहीं।
बता दें कि नजीब (27) गत वर्ष 14-15 अक्टूबर से ही कथित रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों के साथ हुई हाथापाई के बाद से लापता हैं। पांच महीने से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन अब तक नजीब का कोई अता-पता नहीं है। आखिर कहां गया नजीब? क्या हुआ उसके साथ?
इन सवालों के जवाब न तो दिल्ली पुलिस के पास हैं और न ही केंद्र सरकार के पास। जबकि दिल्ली में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के ऊपर है।
Courtesy: Janta Ka Reporter
नजीब के गुमशुदगी पर कोर्ट ने पुलिस को लताड़ते हुए कहा कि आप(पुलिस) सिर्फ पेपर वर्क पर ध्यान दे रहे हैं और जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हमें इस मामले में नतीजे चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
बता दें कि नजीब (27) गत वर्ष 14-15 अक्टूबर से ही कथित रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों के साथ हुई हाथापाई के बाद से लापता हैं। पांच महीने से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन अब तक नजीब का कोई अता-पता नहीं है। आखिर कहां गया नजीब? क्या हुआ उसके साथ?
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