नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुद्धिजीवी एमएम कलबुर्गी हत्याकांड की जांच गौरी लंकेश मर्डर केस की जांच कर रही एसआइटी को सौंप दी है। खबरों के मुताबिक इस पूरी जांच की निगरानी कर्नाटक हाई कोर्ट करेगा।
इससे पहले कलबुर्गी की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच एसआइटी से कराने की मांग की थी। उमा देवी ने कर्नाटक पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह मामले की जांच ठीक से नहीं कर रही है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि “यह बेहद गंभीर मामला है और वह इसे सुनने के लिए तैयार है”
जाने माने कन्नड़ विद्वान और शोधकर्ता 77 साल के एमएम कलबुर्गी की धारवाड़ स्थित उनके घर में 30 अगस्त 2015 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जबकि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को घर के बाहर गोली मारकर हुई थी।
लंकेश हत्याकांड की जांच के दौरान राज्य की फोरेंसिक रिपोर्ट में उजागर हुए तथ्यों के अनुसार गौरी लंकेश और कलबुर्गी की हत्या एक ही पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था।
दिसंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सीबीआई से कहा था कि वो दोनों हत्याओं के आपसी संबंधों के बारे में पता लगाए। कोर्ट ने कहा था कि इससे दोनों हत्याओं की जांच एक ही एसआईटी को सौंपा जा सकेगी।
इससे पहले, कलबुर्गी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि अब तक जांच में कुछ नहीं हुआ और इस मामले की जांच में सरकार पूरी तरह से विफल रही है। नवंबर 2018 में कोर्ट ने राज्य सरकार को जांच पर प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था।
इससे पहले कलबुर्गी की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच एसआइटी से कराने की मांग की थी। उमा देवी ने कर्नाटक पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह मामले की जांच ठीक से नहीं कर रही है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि “यह बेहद गंभीर मामला है और वह इसे सुनने के लिए तैयार है”
जाने माने कन्नड़ विद्वान और शोधकर्ता 77 साल के एमएम कलबुर्गी की धारवाड़ स्थित उनके घर में 30 अगस्त 2015 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जबकि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को घर के बाहर गोली मारकर हुई थी।
लंकेश हत्याकांड की जांच के दौरान राज्य की फोरेंसिक रिपोर्ट में उजागर हुए तथ्यों के अनुसार गौरी लंकेश और कलबुर्गी की हत्या एक ही पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था।
दिसंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सीबीआई से कहा था कि वो दोनों हत्याओं के आपसी संबंधों के बारे में पता लगाए। कोर्ट ने कहा था कि इससे दोनों हत्याओं की जांच एक ही एसआईटी को सौंपा जा सकेगी।
इससे पहले, कलबुर्गी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि अब तक जांच में कुछ नहीं हुआ और इस मामले की जांच में सरकार पूरी तरह से विफल रही है। नवंबर 2018 में कोर्ट ने राज्य सरकार को जांच पर प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था।