लोकतंत्र बचाओ अभियान की चुनाव आयोग से मांग: लोकसभा चुनाव में MCC के लगातार उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई करें

Written by sabrang india | Published on: May 14, 2024
लोकतंत्र बचाओ अभियान 2024 ने आज राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिख कर आदर्श आचार संहिता के लगातार उल्लंघनों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई की मांग की है।


लोकतंत्र बचाओ अभियान 2024 के कार्यकर्ता: तस्वीर साभार- जनचौक


अभियान ने शिकायत की है कि 13 मई को झारखंड की चारों लोक सभाओं– सिंहभूम, खूंटी, लोहरदगा, पलामू में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आदर्श आचार संहिता का व्यापक उल्लंघन किया गया। मतदान के एक दिन पहले भी भाजपा द्वारा मतदाताओं को पार्टी चिह्न, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चुनावी नारे के साथ छपी हुई मतदाता पर्चियाँ बाँटी गईं। मतदान के दिन भी बूथ के ठीक सामने एवं 100 मीटर के अन्दर पार्टी कार्यकर्ता व एजेंटों द्वारा ऐसी पर्चियाँ बाँटी जा रही थीं।

अभियान ने कहा कि यह आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन है और मतदाताओं को भ्रमित करने का एक तरीक़ा है। कई बूथों से तुरंत ज़िला निर्वाचन पदाधिकारी व आपको शिकायत की गयी थी और फिर प्रशासन व पुलिस द्वारा उन बूथों पर इसे बंद करवाया गया। हालाँकि शिकायत कुछ गांवों से ही की गयी, लेकिन यह साफ़ है कि चारों लोक सभा क्षेत्रों में भाजपा द्वारा ऐसी पर्चियाँ बांटी गयी थीं। यह साफ़ दर्शाता है कि आदर्श आचार संहिता को पूर्ण रूप से लागू करवाने में एवं उसके उल्लंघनों की निगरानी में बहुत ढिलाई है।

अभियान ने यह भी शिकायत की है कि 13 मई 2024 को ही भाजपा द्वारा राज्य के सभी प्रमुख अख़बारों के चारों लोक सभा क्षेत्रों समेत सभी एडिशन के पहले पृष्ठ के आधे हिस्से में पार्टी का चिह्न व प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो के साथ चुनावी विज्ञापन छापा गया था। यह साफ़ रूप से चुनाव को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने की पहल है एवं आयोग की निष्पक्ष भूमिका पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।  

अभियान ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को फिर से याद दिलाया है कि भाजपा के स्टार प्रचारकों द्वारा लगातार अपने चुनावी भाषणों में मुसलमानों के विरुद्ध नफरत, झूठी बातों का प्रचार और धार्मिक ध्रुवीकरण कर वोट माँगा जा रहा है। 3-4 मई को प्रधान मंत्री मोदी ने अपनी तीनों सभाओं में नफरती भाषण दिया एवं आचार संहिता व लोक प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन किया था. इसके विरुद्ध आपको 6 मई 2024 को संलग्न शिकायत दी गयी थी। फिर से 10 मई को गृह मंत्री अमित शाह और 11 मई को प्रधान मंत्री मोदी ने अपने चुनावी भाषण में वही दोहराया। बहुत चिंताजनक है कि आचार संहिता व लोक प्रतिनिधित्व कानून के बार बार व घोर उल्लंघनों पर चुनाव आयोग मूकदर्शक बना बैठा है।

अभियान ने चुनाव आयोग से निम्न मांग की हैं:

1.     13 मई 2024 को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघनों के विरुद्ध न्यायसंगत कार्यवाई सुनिश्चित करें।

2.     राज्य में शेष तीन चरणों में होने वाले चुनाव में आदर्श आचार संहिता व लोक प्रतिनिधित्व कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।

3.     प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 3, 4 व 11 मई एवं गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 10 मई की सभाओं में दिए गए सांप्रदायिक भाषणों एवं आचार संहिता व लोक प्रतिनिधित्व कानून के उल्लंघन के विरुद्ध न्यायसंगत कार्यवाई करें।

4.     यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी नेता अपने चुनावी भाषण में इस प्रकार नफ़रत व साम्प्रदायिकता न फैलाये व धार्मिक ध्रुवीकरण कर वोट न मांगे।


अभियान ने चुनाव से पहले किया था धर्म के नाम पर वोट न डालने के लिए आगाह

बता दें कि अभियान के प्रतिनिधिमंडल 9 अप्रैल को झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार से मिलकर राज्य में निष्पक्ष व शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव करवाने की मांग करते हुए कहा था कि जब से भाजपा सत्ता में आई है तब से राजनैतिक दलों, खासकर भाजपा, द्वारा चुनाव में वोटरों को धर्म के नाम पर प्रभावित करने का रिवाज लगातार बढ़ रहा है। अपना राजनैतिक माहौल बनाने के लिए धार्मिक त्योहारों, नारों, झंडों और प्रतीकों का विशेष इस्तेमाल किया जा रहा है।

लोकतंत्र बचाओ अभियान ने तब मांग की थी कि आयोग सुनिश्चित करे कि चुनाव में धार्मिक हस्तक्षेप पर पूर्ण रोक हो। नफरती व सांप्रदायिक भाषण पर स्वत: कार्रवाई हो। साथ ही चुनाव के दौरान कोई भी धार्मिक अनुष्ठान/त्योहार/कार्यक्रम में सार्वजानिक स्थलों, रोड, बिजली पोल, सरकारी दफ्तरों, थाना, पुलिस व अर्धसैनिक बल कैंप आदि में लगाये गए धार्मिक झंडों व प्रतीकों को अनुष्ठान/त्योहार/कार्यक्रम ख़त्म होने के 48 घंटो के अन्दर हटाया जाए, क्योंकि इससे भी वोटरों को प्रभावित करने के प्रयास किये जा सकते हैं।

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