अली अनवर को राजद से मिले टिकट, पसमांदा मुस्लिम समाज ने जारी की ऑनलाइन पिटीशन

Written by sabrang india | Published on: March 27, 2019
बिहार में पसमांदा मुस्लिम समाज राजनीतिक पार्टियों द्वारा टिकट वितरण में नज़रंदाज़ किये जाने पर बेहद नाराज़ है। इस सन्दर्भ में समाजशास्त्री प्रो खालिद अनीस अंसारी ने 23 मार्च को change.org पर एक ऑनलाइन पिटीशन शुरू की है जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पार्टी से पसमांदा समाज को रिप्रजेंट करने वाले अली अनवर अंसारी के लिए मधुबनी लोक सभा सीट देने की मांग की गयी है। पिटीशन में आरोप लगाया गया है कि राजद ने हमेशा अगड़े मुसलमानों को टिकट वितरण में तरजीह दी है। इसके साथ ही  राजद लीडरशिप को सचेत किया गया है कि इस लोक सभा चुनाव में टिकट वितरण में पसमांदा (दलित और पिछड़े) मुसलमान—जो कि बिहारी मुसलमानों की कुल आबादी का लगभग 85 फीसद होते हैं—को उनकी उचित हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए। पिटीशन के मुताबिक, अली अनवर “सेकुलरिज्म और सामाजिक न्याय के ज़मीनी योद्धा हैं और पसमांदा मुसलमानों की शान हैं। अगर उनको टिकट मिलता है तो पूरे पसमांदा समाज की हौसला अफजाई होगी और सामाजिक न्याय की राजनीति मज़बूत होगी”। 


गौरतलब है कि इस मांग को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। पसमांदा मुसलमानों के अतिरिक्त कई बुद्धिजीवियों और सोशल एक्टिविस्ट्स ने ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान में भागीदारी की है। पिटीशन के समर्थन में उतरे कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं: प्रो चौथी राम यादव (बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी), डॉ हिलाल अहमद (सीएसडीएस दिल्ली), दिलीप सी। मंडल (सीनियर पत्रकार एवं चिंतक), डॉ रतन लाल (हिन्दू कॉलेज), डॉ सुमित महास्कर (ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी), कुफ्फीर नाल्गुन्द्वार (एडिटर राउंड टेबल इंडिया), शादान फ़रासत (अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट), अशोक चौधरी (सोशल एक्टिविस्ट), डॉ संतोष कुमार राय (दिल्ली यूनिवर्सिटी), एस। अनवर (सोशल फिल्ममेकर, चेन्नई), समरेन्द्र दास (सोशल एक्टिविस्ट, यूनाइटेड किंगडम), प्रो निशात कैसर (जामिया मिल्लिया इस्लामिया), दिव्या कान्दुक्करी (पत्रकार), अनु रामदास (लेखिका, अमेरिका), नोएल दिडला (सोशल एक्टिविस्ट, अमेरिका)। 

हाजी निसार अहमद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पसमांदा मुस्लिम महाज़ का कहना है कि उन्होंने पिटीशन की कॉपी राजद की शीर्ष लीडरशिप—ख़ास तौर पर तेजस्वी प्रसाद यादव और प्रो मनोज कुमार झा तक पहुंचा दी है और वह उचित निर्णय का इंतज़ार कर रहे हैं। वहीं नाहीद अकील, जो कि पसमांदा मुस्लिम महाज़ की महिला विंग की अध्यक्ष हैं, कहती हैं: “अगर अली अनवर साहब को राजद मधुबनी से टिकट नहीं देती है तो यह पसमांदा समुदाय के साथ छल होगा। तेजस्वी यादव को यह ख़याल रखना चाहिए कि जब नीतीश कुमार ने पलटी मार के भाजपा का हाथ थामा था तो  सबसे पहले अली अनवर ही थे जिन्होंने जदयू के अन्दर से प्रतिरोध की आवाज़ बुलंद की थी और उसकी कीमत भी उन्होंने राज्य सभा से निष्काषन के रूप में चुकाई”। पसमांदा एक्टिविस्ट नाज़ खैर का मानना है: ‘अली अनवर और शरद यादव दोनों ने जेडीयू छोड़ा और राज्य सभा की कुर्बानी दी। फिर सिर्फ अली अनवर के साथ राजद का अलग व्यवहार क्यों? यह जातिवाद नहीं तो क्या है? यह कैसा सामाजिक न्याय है?”

कुछ स्रोतों से पता चला है कि राजद अली अनवर को मधुबनी से टिकट देने का मन बना रही है और इस सन्दर्भ में तेजस्वी यादव ने अली अनवर से फ़ोन पर बात-चीत भी की है। हालाँकि युवा पसमांदा एक्टिविस्ट अब्दुल्लाह मंसूर (लेनिन मौदूदी) का कहना है कि ‘राजनीति में कुछ भी हो सकता है इस लिए हम लोग लगातार दबाव बनाए हुए हैं। कई युवा सोशल मीडिया एक्टिविस्ट लगातार व्हाट्सएप्प, फेसबुक, ट्विटर पर सक्रिय हैं और विडियो अपील भी जारी कर रहे हैं। एक-दो दिन में अगर कुछ नहीं होता तो जल्दी ही एक डेलीगेशन पटना जा कर तेजस्वी यादव से मिलेगा और प्रेस कांफ्रेंस करेगा”।

(अभिजीत आनंद द्वारा जारी)

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