पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार रात को दावा किया कि भाजपा ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकांश ईवीएम में पहले से ही अपने हिसाब से प्रोग्रामिंग की थी। उन्होंने सभी विपक्षी दलों से सच उजागर करने के लिए तथ्यान्वेषी टीम बनाने का अनुरोध किया।
ममता बनर्जी ने कहा, ''हम कांग्रेस से इस बारे में बात कर चुके हैं। जरूरत पड़ी तो हम अदालत जाएंगे और इस चुनावी धांधली को चुनौती देंगे। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि भाजपा के नेता चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले ही लगभग वास्तविक आंकड़ों का अनुमान कैसे लगा सकते हैं। वे कैसे कह रहे थे कि देश में उन्हें 300 से ज्यादा सीटें मिलेंगी और बंगाल में 23। अंतिम परिणाम उनके आकलन के करीब ही थे। बनर्जी ने एक बांग्ला समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में यह दावा किया। बनर्जी ने वाम दलों के समर्थकों से भी भाजपा में शामिल होने से बचने को कहा।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा खत्म करने के तरीकों पर चर्चा के लिए राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी की ओर से गुरुवार (13 जून) को बुलायी गई थी। बनर्जी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,’ ‘वे (राज्यपाल) भाजपा के प्रवक्ता की तरह हैं। भाजपा ने उन्हें सर्वदलीय बैठक कराने के लिए कहा और उन्होंने ऐसा किया।
ममता ने कहा कि उन्होंने (त्रिपाठी ने) मुझे भी बुलाया था। लेकिन, मैंने कहा कि मैं नहीं जा सकती क्योंकि आप राज्यपाल हैं और मैं निर्वाचित सरकार हूं। कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है। यह आपका विषय नहीं है।’तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि राज्यपाल एक कप चाय या शांति बैठक के लिए लोगों को बुला सकते हैं। यही कारण है कि मैं वहां पार्टी प्रतिनिधि भेज रही हूं। वह जाएंगे और चाय पीकर आ जाएंगे।
ममता बनर्जी ने कहा, ''हम कांग्रेस से इस बारे में बात कर चुके हैं। जरूरत पड़ी तो हम अदालत जाएंगे और इस चुनावी धांधली को चुनौती देंगे। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि भाजपा के नेता चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले ही लगभग वास्तविक आंकड़ों का अनुमान कैसे लगा सकते हैं। वे कैसे कह रहे थे कि देश में उन्हें 300 से ज्यादा सीटें मिलेंगी और बंगाल में 23। अंतिम परिणाम उनके आकलन के करीब ही थे। बनर्जी ने एक बांग्ला समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में यह दावा किया। बनर्जी ने वाम दलों के समर्थकों से भी भाजपा में शामिल होने से बचने को कहा।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा खत्म करने के तरीकों पर चर्चा के लिए राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी की ओर से गुरुवार (13 जून) को बुलायी गई थी। बनर्जी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,’ ‘वे (राज्यपाल) भाजपा के प्रवक्ता की तरह हैं। भाजपा ने उन्हें सर्वदलीय बैठक कराने के लिए कहा और उन्होंने ऐसा किया।
ममता ने कहा कि उन्होंने (त्रिपाठी ने) मुझे भी बुलाया था। लेकिन, मैंने कहा कि मैं नहीं जा सकती क्योंकि आप राज्यपाल हैं और मैं निर्वाचित सरकार हूं। कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है। यह आपका विषय नहीं है।’तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि राज्यपाल एक कप चाय या शांति बैठक के लिए लोगों को बुला सकते हैं। यही कारण है कि मैं वहां पार्टी प्रतिनिधि भेज रही हूं। वह जाएंगे और चाय पीकर आ जाएंगे।