एक्जिट पोल के नतीजों के बाद पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित केंद्र के कुछ मंत्री, जिस प्रकार का आत्मविश्वास दिखा रहे हैं। वैसा ही आत्मविश्वास पार्टी के अन्य नेताओं में देखने को नहीं मिल रहा है। खबरों की मानें तो RSS, बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी के कुछ करीबियों तथा पार्टी के प्रचार में लगे नेताओं को एक्जिट पोल के नतीजों पर विश्वास नहीं हो रहा है।
मेरठ के एक बड़े बीजेपी नेता का कहना है कि 23 मई को नतीजे आने पर बीजेपी की सीटें एक्जिट पोल के मुकाबले कम होंगी। वहीं कई मंत्रालय के अफसर मतगणना शुरू होने से पहले ही सत्य को भांपने का प्रयास कर रहे हैं। बीजेपी के एक नेता ने कई केंद्रीय नेताओं और संघ के कुछ नेताओं से मंत्रणा की है। उनका मानना है कि एनडीए समेत बीजेपी को अधिकतम दिल्ली में 5, गुजरात में 21, मध्य प्रदेश में 18, छत्तीसगढ़ में 4, राजस्थान में 19, यूपी में 38, बिहार में 28, झारखंड में 5, पश्चिम बंगाल में 11, उड़ीसा में 8, कर्नाटक में 16, हिमाचल प्रदेश में 4, उत्तराखंड में 4, हरियाणा में 6, पंजाब में 4, महाराष्ट्र में 31, असम सहित पूर्वोत्तर में 17, तमिलनाडु में 4, गोवा में 2, जम्मू-कश्मीर में 2 और चंडीगढ़ की एक सीट मिलेगी। इस तरह से एनडीए को करीब 248 सीटें मिलने का अनुमान है। लगभग सभी नेताओं का मानना है कि एक्जिट पोल में सीटें काफी बढ़ाकर दिखाई जा रही हैं।
हालांकि लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही पत्र सूचना कार्यालय ने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की कवरेज के लिए तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रपति भवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वहां भी नई सरकार को शपथ दिलाने के लिए तैयारी चल रही है। इसके साथ-साथ केंद्र सरकार के वरिष्ठ आधिकारियों में नई सरकार को लेकर काफी उत्सुकता दिख रही है। मंत्रालय के सचिव ने चुनाव में ड्यूटी पर तैनात आईआईएस कॉडर के कुछ अफसरों को बुलाकर उनसे राज्यवार ब्यौरा तक मांगा।
कानून मंत्रालय के एक एडिशनल सेक्रेटरी को भी यह साफ लग रहा है कि एक्जिट पोल ने बीजेपी के सीटों की संख्या बहुत अधिक दिखाई है। गृहमंत्रालय के एक निदेशक स्तर के अधिकारी के मुताबिक 23 मई को आने वाले नतीजे में उलट-फेर मिल सकता है।
एक्जिट पोल के नतीजों पर बीजेपी नेता भले ही भरोसा नहीं कर पा रहे हों पर सभी का मानना है कि 23 मई को नतीजे आने के बाद केंद्र में सरकार बीजेपी की ही बनेगी। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे जबकि बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को बनाया जा सकता है। पार्टी के 10 में से 6-7 नेताओं का मानना है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का स्थान अमित शाह ले सकते हैं। वहीं राजनाथ सिंह को भी कोई और पोर्टफोलियो दिया जा सकता है।
बीजेपी मुख्यालय में 21 मई को हुई बैठक और पार्टी अध्यक्ष के रात्रिभोज के सवाल पर सभी नेताओं की राय एक समान है। यूपी के एक नेता का कहना है कि एक्जिट पोल के नतीजे चाहे जीतने सही हों पर केंद्र में बीजेपी के पक्ष में माहौल बन गया है। इस प्रकार की बैठक से मतगणना तक पार्टी के सभी सदस्यों में एकता बनी रहेगी। साथ ही एनडीए के कुनबे में दूसरे दलों को भी शामिल करना आसानी हो जाएगा।
वहीं लाल कृष्ण आडवाणी के पुराने सलाहकार का कहना है कि यह जरूरी भी है। इससे किसी तरह के सुगबुगाहट की गुंजाइश भी नहीं रहेगी। यह सत्ता पक्ष की मजबूती के लिए अच्छा है और इस तरह का प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह के राजनीतिक कौशल का परिचायक है।
बरहाल एक्जिट पोल के नतीजे सही साबित हो भी सकते हैं और नहीं भी। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में कभी एकसाथ एक्जिट पोल के नतीजों पर इतना अविश्वास देखने को नहीं मिला। एक ओर सत्ता पक्ष एक्जिट पोल के नतीजे में बीजेपी की सीट बढ़ा-चढ़कर दिखने का अनुमान लगा रहे हैं, वहीं विपक्ष के नेताओं ने नतीजे आने तक इंतेजार करने की बात कही है। काँग्रेस नेता शरद पवार ने एक्जिट पोल को नौटंकी करार दिया है। साथ ही मायावती और अखिलेश भी इस पर तंज कस रहे हैं।
फिलहाल बीजेपी के अधिकांश नेताओं में बाबत परेशानी के भाव दिख रहे हैं। यह छटपटाहट विपक्ष के नेताओं से काफी अलग दिखाई दी। इन हालातों में आयकर विभाग के एक कमिश्नर ने चुस्की लेते हुए कहा कि नतीजा चाहे जो आए लेकिन शेयर बाजार में अभी तो बहार है।
मेरठ के एक बड़े बीजेपी नेता का कहना है कि 23 मई को नतीजे आने पर बीजेपी की सीटें एक्जिट पोल के मुकाबले कम होंगी। वहीं कई मंत्रालय के अफसर मतगणना शुरू होने से पहले ही सत्य को भांपने का प्रयास कर रहे हैं। बीजेपी के एक नेता ने कई केंद्रीय नेताओं और संघ के कुछ नेताओं से मंत्रणा की है। उनका मानना है कि एनडीए समेत बीजेपी को अधिकतम दिल्ली में 5, गुजरात में 21, मध्य प्रदेश में 18, छत्तीसगढ़ में 4, राजस्थान में 19, यूपी में 38, बिहार में 28, झारखंड में 5, पश्चिम बंगाल में 11, उड़ीसा में 8, कर्नाटक में 16, हिमाचल प्रदेश में 4, उत्तराखंड में 4, हरियाणा में 6, पंजाब में 4, महाराष्ट्र में 31, असम सहित पूर्वोत्तर में 17, तमिलनाडु में 4, गोवा में 2, जम्मू-कश्मीर में 2 और चंडीगढ़ की एक सीट मिलेगी। इस तरह से एनडीए को करीब 248 सीटें मिलने का अनुमान है। लगभग सभी नेताओं का मानना है कि एक्जिट पोल में सीटें काफी बढ़ाकर दिखाई जा रही हैं।
हालांकि लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही पत्र सूचना कार्यालय ने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की कवरेज के लिए तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रपति भवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वहां भी नई सरकार को शपथ दिलाने के लिए तैयारी चल रही है। इसके साथ-साथ केंद्र सरकार के वरिष्ठ आधिकारियों में नई सरकार को लेकर काफी उत्सुकता दिख रही है। मंत्रालय के सचिव ने चुनाव में ड्यूटी पर तैनात आईआईएस कॉडर के कुछ अफसरों को बुलाकर उनसे राज्यवार ब्यौरा तक मांगा।
कानून मंत्रालय के एक एडिशनल सेक्रेटरी को भी यह साफ लग रहा है कि एक्जिट पोल ने बीजेपी के सीटों की संख्या बहुत अधिक दिखाई है। गृहमंत्रालय के एक निदेशक स्तर के अधिकारी के मुताबिक 23 मई को आने वाले नतीजे में उलट-फेर मिल सकता है।
एक्जिट पोल के नतीजों पर बीजेपी नेता भले ही भरोसा नहीं कर पा रहे हों पर सभी का मानना है कि 23 मई को नतीजे आने के बाद केंद्र में सरकार बीजेपी की ही बनेगी। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे जबकि बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को बनाया जा सकता है। पार्टी के 10 में से 6-7 नेताओं का मानना है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का स्थान अमित शाह ले सकते हैं। वहीं राजनाथ सिंह को भी कोई और पोर्टफोलियो दिया जा सकता है।
बीजेपी मुख्यालय में 21 मई को हुई बैठक और पार्टी अध्यक्ष के रात्रिभोज के सवाल पर सभी नेताओं की राय एक समान है। यूपी के एक नेता का कहना है कि एक्जिट पोल के नतीजे चाहे जीतने सही हों पर केंद्र में बीजेपी के पक्ष में माहौल बन गया है। इस प्रकार की बैठक से मतगणना तक पार्टी के सभी सदस्यों में एकता बनी रहेगी। साथ ही एनडीए के कुनबे में दूसरे दलों को भी शामिल करना आसानी हो जाएगा।
वहीं लाल कृष्ण आडवाणी के पुराने सलाहकार का कहना है कि यह जरूरी भी है। इससे किसी तरह के सुगबुगाहट की गुंजाइश भी नहीं रहेगी। यह सत्ता पक्ष की मजबूती के लिए अच्छा है और इस तरह का प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह के राजनीतिक कौशल का परिचायक है।
बरहाल एक्जिट पोल के नतीजे सही साबित हो भी सकते हैं और नहीं भी। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में कभी एकसाथ एक्जिट पोल के नतीजों पर इतना अविश्वास देखने को नहीं मिला। एक ओर सत्ता पक्ष एक्जिट पोल के नतीजे में बीजेपी की सीट बढ़ा-चढ़कर दिखने का अनुमान लगा रहे हैं, वहीं विपक्ष के नेताओं ने नतीजे आने तक इंतेजार करने की बात कही है। काँग्रेस नेता शरद पवार ने एक्जिट पोल को नौटंकी करार दिया है। साथ ही मायावती और अखिलेश भी इस पर तंज कस रहे हैं।
फिलहाल बीजेपी के अधिकांश नेताओं में बाबत परेशानी के भाव दिख रहे हैं। यह छटपटाहट विपक्ष के नेताओं से काफी अलग दिखाई दी। इन हालातों में आयकर विभाग के एक कमिश्नर ने चुस्की लेते हुए कहा कि नतीजा चाहे जो आए लेकिन शेयर बाजार में अभी तो बहार है।