नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ की घटनाओं के आरोपों के बीच मुख्य विपक्षी दल आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे। ये पार्टियां आज दोपहर 2.30 बजे राष्ट्रपति भवन में मुलाकात करेंगे और राष्ट्रपति के सामने यह मुद्दा उठाएंगे। 16 विपक्षी दलों ने सोमवार को चुनाव आयोग से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी और पुरानी तरीके बैलेट पेपर से ही मतदान कराने की मांग की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग पहुंचने वालों में विपक्षी दल में कांग्रेस, बसपा, डीएमके, टीएमसी और वामदलों के नेता शामिल थे। इसी मुद्दे को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 13 अप्रैल को सुनवाई करेगा। हाल ही में उपचुनावों के दौरान ईवीएम में कथित गड़बड़ी के हवाले से आधा चुनाव ईवीएम से और आधा मतपत्र से कराने की मांग उठाई है।
विपक्षी दल एकजुट होकर भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मद्देजनर मशीन के बजाय मतपत्र के इस्तेमाल पर जोर दे रही है। एक नेता ने कहा, इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक किसी भी बुनियादी सिद्धांत के उल्लंघन पर तत्काल एवं गंभीरता के साथ कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।
आपको बता दें कि 11 मार्च को नतीजे आने के बाद ही बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे। इसके बाद चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर इन आरोपों का खंडन किया। कई जगह वोटिंग में गड़बड़ी के बाद अन्य पार्टियों ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए। इसके बाद अब 16 विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर ईवीएम पर सवाल उठा रही हैं।
संपादन- भवेंद्र प्रकाश
Courtesy: National Dastak
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग पहुंचने वालों में विपक्षी दल में कांग्रेस, बसपा, डीएमके, टीएमसी और वामदलों के नेता शामिल थे। इसी मुद्दे को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 13 अप्रैल को सुनवाई करेगा। हाल ही में उपचुनावों के दौरान ईवीएम में कथित गड़बड़ी के हवाले से आधा चुनाव ईवीएम से और आधा मतपत्र से कराने की मांग उठाई है।
विपक्षी दल एकजुट होकर भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मद्देजनर मशीन के बजाय मतपत्र के इस्तेमाल पर जोर दे रही है। एक नेता ने कहा, इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक किसी भी बुनियादी सिद्धांत के उल्लंघन पर तत्काल एवं गंभीरता के साथ कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।
आपको बता दें कि 11 मार्च को नतीजे आने के बाद ही बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे। इसके बाद चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर इन आरोपों का खंडन किया। कई जगह वोटिंग में गड़बड़ी के बाद अन्य पार्टियों ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए। इसके बाद अब 16 विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर ईवीएम पर सवाल उठा रही हैं।
संपादन- भवेंद्र प्रकाश
Courtesy: National Dastak