"भय के माहौल" पर ये बोले जूलियो रिबेरो...

Written by sabrang india | Published on: December 19, 2019
जूलियो रिबेरो, जिन्हें मुंबई के सबसे निडर पुलिसकर्मियों में से एक के रूप में याद किया जाता है वे सेवानिवृत्त होने के बाद भी भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने और बचाव करने के लिए प्रतिबद्ध नजर आते हैं। ऐसे में वे सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) सहित विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए 'हम भारत के लोग' प्रोटेस्ट का समर्थन नहीं कर पाएंगे। इसके बारे में उन्होंने हमें यह लिखित संदेश भेजकर सही दिशा में लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया है।



जूलिया रिबेरो ने संदेश में लिखा है, " मुझे खेद है कि मैं एनआरसी में सीएए की मंशा के खिलाफ विरोध करने के लिए अगस्त क्रांति मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाऊंगा। वर्तमान में आधिकारिक तौर पर कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं लिखा गया है, लेकिन भय का माहौल नजर आता है। यह भय का माहौल हमारे नेताओं द्वारा यह कहकर कि किसी भारतीय मुस्लिम को डरने की जरुरत नहीं है पैदा किया गया है।   

उन्होंने आगे लिखा है. "भारतीय मुस्लिम" की परिभाषा को स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन इससे पहले ही यह स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है कि कौन सा मुसलमान एक भारतीय है। गरीब, अनपढ़ और हासिए के लोगों को इससे ज्यादा परेशानी होने वाली है क्योंकि उनके पास जन्म स्थान आदि के दस्तावेज ही नहीं होंगे।   
 
जन्म की तारीख और स्थान को साबित करने में यह अक्षमता उन सभी के लिए एक सामान्य अनुभव होगा जो भारतीय हैं, लेकिन जो स्कूल नहीं गए हैं? यदि वे हिंदू हैं तो सीएए उन्हें छूट देगा लेकिन उनके मुस्लिम भाइयों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा।
 
इस कवायद को अंजाम देने के लिए नौकरशाही और दस्तावेज नहीं दिखा पाने वाले लाखों गरीबों को खिलाने की लागत इतनी ज्यादा होगी कि मुझे लगता है कि यह अभ्यास एक पागलपन है।

मैं हजारों मुंबईकरों से जुड़ता हूं जो नफरत से पैदा हुए इस पागल कदम की निंदा करते हैं।''

बाकी ख़बरें