‘मंत्री के घर पर पोंछा लगाती हूं इसलिए स्कूल नहीं जा पाती’

Published on: June 13, 2017
बच्चा देश का भविष्य होता है। अनिवार्य शिक्षा के तहत सरकार शिक्षा के अधिकार जैसा विधेयक ला चुकी और बच्चों को उनका हक देने की कोशिश की लेकिन आज भी कई ऐसे बच्चे हैं जो अपने इस बुनियादी हक से महरूम रह रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम विरोध दिवस पर एक कार्यक्रम में 11 वर्षीय एक बच्ची ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि मैं मंत्री के घर पर पोंछा लगाती हूं इसलिए मैं स्कूल नहीं जा पाती हूं। इस कार्यक्रम में शिक्षा एवं श्रम राज्यमंत्री दीपक जोशी भी मौजूद थें। बच्ची से शिक्षा मंत्री ने जब मंत्री का नाम पूछा तो बच्ची खामोश हो गई और कुछ नहीं बताया। जोशी ने वहां मौजूद बच्चों से पूछा कि कितने बच्चों के पिता शराब पीते हैं, सभी बच्चों ने ऊपर हाथ उठा दिया।




रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को स्थानीय विज्ञान केंद्र में हुए इस कार्यक्रम में शिक्षामंत्री दीपक जोशी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थें। बाल श्रम से जुड़े कुछ बच्चों ने अपने संबंध में मंत्री को बताया वे चौंक गए।

बच्चों की बातें सुनने के बाद जोशी ने कहा कि बाल श्रमिकों की तलाशी के लिए सरकार अब इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक कॉलेज एवं हायर सेकंडरी स्कूल के छात्रों से जासूसी कराएगी और सभी जिले में होने वाले सर्वे की रिपोर्ट श्रम विभाग को सौंपी जाएगी। जोशी ने कहा कि छात्र ये जानकारियां छुट्टियों के दिन जुटाएंगे और उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार मामले की जांच की जाएगी और संबंधित नियोक्ताओं पर कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि बचपन बचाने के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा।

कार्यक्रम में बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र ने संबोधित करते हुए कहा कि बाल श्रम के विरोध में करीब 5 हजार संगठनें काम कर रही हैं फिर भी यह समस्या बनी हुई है जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाई और बेहतर माहौल देने की पहली जिम्मेदारी माता-पिता की है।

इस दौरान बच्चों ने शिक्षा के अधिकार कानून का लाभ 18 साल तक के बच्चों को देने का भी सुझाव दिया ताकि कुछ बेहतर शिक्षा हासिल कर सके। ज्ञात हो कि अभी यह 6 से 14 साल तक के बच्चों के लिए है।

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