कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कहां-कहां हुई चूक?

Written by Mohd Zahid | Published on: May 10, 2020
आइए पहले 'कोरोना' का बिल्कुल ताज़ा अपडेट ले लेते हैं। अपडेट के आँकड़ों पर ध्यान दीजिएगा। भारत में कुल कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या है 62,808 जिसमें 2101 मृत्यु को प्राप्त हो गये और 19301 इलाज के बाद ठीक हो गये ,शेष का इलाज जारी है।



टर्की में कुल कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या है 137,115 जिसमें 3,739 मृत्यु को प्राप्त हो गये और 89,480 इलाज के बाद ठीक हो गये , शेष का इलाज जारी है। अमेरिका में कुल कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या है 1,347,309 जिसमें 80,037 मृत्यु को प्राप्त हो गये और 238,078 इलाज के बाद ठीक हो गये , शेष का इलाज जारी है।

इटली में कुल कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या 218,268 है जिसमें 30,395 लोग मृत्यु को प्राप्त हो गये और 103,031 इलाज के बाद ठीक हो गये , शेष का इलाज जारी है। विश्व भर में कुल कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या 4,100,788 है जिसमें 280,432 लोग मृत्यु को प्राप्त हो गये और 1,441,478 लोग इलाज के बाद ठीक हो गये , शेष का इलाज जारी है।

मेरी नज़र इन ठीक होने वालों पर है। जब कोरोना की कोई दवाई बनी ही नहीं तो यह लोग ठीक कैसे हो रहे हैं ? मतलब स्पष्ट है कि कोरोना संक्रमण का इलाज संभव है, हालात को डरावना अधिक बनाया गया है।

इसमें मृतक लोग भी पिछली विभिन्न बिमारियों से ही मरे होंगे जिनको कोरोना मृतक के खाते में जोड़ दिया गया है। इसके बावजूद विश्व भर में कोरोना से मृत्यु की दर करीब 7% है तो भारत में यह 3% है। फिर कोरोना को लेकर इतना डर क्युँ फैलाया गया ?

डर की बजाय जागरुकता और सावधानी की सलाह फैलाई गयी होती तो इतनी आर्थिक बर्बादी नहीं होती। सोचिएगा कि क्या हम इंटरनेशनल फ्लाइट फरवरी के पहले हफ्ते में रोक कर देश को सोशल डिस्टेन्सिंग के प्रति जागरूक करते तो आज यह स्थीति होती ? सोचिएगा कि नमस्ते ट्रंप ना करा कर हम देश को कोरोना से बचे रहने का तरीका बताते तो आज कहाँ होते ? सोचिएगा कि हम क्या तब लाकडाउन की जरूरत समझते ? जब 100 केस प्रतिदिन आ रहे थे , और जब 4500 केस प्रतिदिन आ रहे हैं तो हम लाकडाउन हटाने की बात कर रहे हैं ? सोचिएगा कि हमें तब लाकडाउन की आवश्यकता थी या अब ? कहीं हड़बड़ी में आदतन गलत फैसला तो नहीं हो गया ? तब जबकि कोरोना का इलाज संभव है।

कहीं ना कहीं हम चूक तो नहीं गये ? सोचिएगा ? इलाज तो है , तभी ठीक होनै वालों की संख्या अभी तक 40% है, शेष इलाज करा रहे हैं। सोचिएगा, बाकी हम सरकार के निर्णय और उसके लॉकडाउन के दिशा निर्देशों के साथ तो हैं ही।

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