कोविड को गए तीन साल हो चुके हैं। लेकिन इसके दीर्घ प्रभावों के बारे में अभी बहुत कुछ जानना वैज्ञानिक और चिकित्सकों का बाकी है। कोविड काल के हाहाकार और रूदन के दृश्य आज भी ताजा बने हुए हैं। उससे भी कहीं ज्यादा कोविड में मिली बीमारियों की देखरेख रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई हैं।
यदि लोगों के व्यक्तिगत अनुभवों की बात करें तो इन तीन वर्षों के अंदर, उन्हें कई तरह की बीमारियों ने घेर लिया है। या यूं कहे कि शरीर से वायरस और दिमाग से डर आज तक निकल ही नहीं पा रहा है। 11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत में भी इस महामारी ने लाखों परिवारों को तबाह बर्बाद कर दिया है लेकिन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए नए अध्ययन से पता चला है कि देश में कोविड संक्रमितों का वास्तविक आंकड़ा, आधिकारिक आंकड़ों से 22 गुणा तक ज्यादा हो सकता है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि देश में वास्तविक कोविड-19 संक्रमण, आधिकारिक आंकड़ों से 17 गुणा (13 से 22 गुना के बीच) ज्यादा हो सकता है। डाउन टू अर्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के कई अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों के साथ किए इस अध्ययन के नतीजे प्रतिष्ठित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित हुए हैं। गौरतलब है कि इस अध्ययन के प्रकाशित होने से पहले देश में कोरोना संक्रमितों का कुल आधिकारिक आंकड़ा 4.5 करोड़ दर्ज किया गया था। लेकिन बीएचयू के वैज्ञानिकों का मानना है कि वास्तविकता में संक्रमितों का यह आंकड़ा 58.1 से 98.3 करोड़ के बीच हो सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह आंकड़े केवल 14 जिलों के अध्ययन के निष्कर्ष के आधार पर निकाले गए हैं।
खास है कि बीएचयू से जुड़े वैज्ञानिकों के नेतृत्व में देश के छह राज्यों के 14 जिलों में कोविड संक्रमितों पर यह अध्ययन किया गया था। अध्ययन में देश के 34 संस्थानों के 88 वैज्ञानिक शामिल थे। अपने इस अध्ययन में बीएचयू में जूलॉजी विभाग के अनुवांशिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे के नेतृत्व में टीम ने सितंबर से दिसंबर 2020 के बीच 14 जिलों के शहरी क्षेत्रों में 2,301 लोगों के बीच सीरो सर्वे किया था। यह सर्वे देश में गुजरात के अहमदाबाद और बड़ोदा, उत्तरप्रदेश में वाराणसी, जौनपुर, गाज़ीपुर, मिर्जापुर, गोरखपुर, लखनऊ, झांसी, मध्य प्रदेश में सागर और सिंगरौली, छत्तीसगढ़ के रायपुर, पश्चिम बंगाल में कोलकाता और कर्नाटक के मंगलौर जिले में किए गए थे।
निष्कर्ष के मुताबिक जहां छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में एंटीबॉडी-पॉजिटिव लोगों का अनुपात सबसे कम करीब दो से पांच फीसदी के बीच, वहीं उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में सबसे ज्यादा करीब 47.7 (39.2 से 56.3) फीसदी पाया गया था।
26 से 35 आयु के युवाओं में सबसे ज्यादा थी बिना लक्षण वाले संक्रमितों की संख्या
प्रोफेसर चौबे के अनुसार इस अध्ययन का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह था कि भारतीय आबादी के एक बड़े हिस्से में संक्रमण के बावजूद कोविड-19 के लक्षण नहीं पाए गए थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक 26 से 35 आयु वर्ग के युवाओं में ऐसे बिना लक्षण वाले संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा थी। शोधकर्ताओं के अनुसार कोविड-19 की किसी भी लहर के बाद लोगों में एंटीबॉडी टेस्ट से संक्रमण की सही स्थिति का सटीक आकलन किया जा सकता है। ऐसे में शोधकर्ताओं ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों जिनमें ज्यादातर स्ट्रीट वेंडर्स थे उनके बीच शोध किया था, क्योंकि उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का जोखिम सबसे ज्यादा था।
शोधकर्ताओं ने केवल उन्हीं लोगों से नमूने लिए थे, जिन्होंने इस बात की स्वयं जानकारी दी थी कि उनमें कभी भी कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं पाए गए थे या जिनके आरटी पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव नहीं थे।
ऐसे में रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमितों के आधिकारिक आंकड़े और संभावित रूप से वास्तविक संक्रमण के बीच बड़ी संख्या में अंतर उन मामलों के कारण हो सकता है, जिनमें इसके कोई लक्षण नहीं पाए गए थे। वहीं यदि कोविड-19 के मौजूदा आंकड़ों पर गौर करें तो देश में अब तक करीब 4.5 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 98.8 फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्य हो चुके हैं। वहीं इस महामारी से मरने वालों का आंकड़ा अब तक 530,748 पर पहुंच गया है।
खतरा अभी तक टला नहीं
कोरोना महामारी के तीन साल के बाद भी महामारी का खतरा अब तक टला नहीं है। न केवल भारत बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अभी भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। जो दर्शाता है कि अभी भी इस तरह की आपदाओं के लिए मानव जाति तैयार नहीं है। ऐसे में प्रकृति के साथ होता खिलवाड़ कितना सही है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। आइए आंकड़ों से समझते हैं देश दुनिया में कोविड-19 की कैसी है स्थिति।
भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 3,406 के आसपास बनी हुई है। 10 मार्च 2023 की सुबह आठ बजे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 3,294 थी, जबकि 9 मार्च को ये संख्या 3,177 दर्ज की गई थी। वहीं केरल अभी भी सक्रिय मामलों के मामले में सबसे ऊपर है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 456 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 320 लोग कोविड-19 से उबरे। दैनिक पॉजीटिविटी रेट 0.08 प्रतिशत और साप्ताहिक पॉजीटिविटी रेट 0.08 प्रतिशत बताई गई है। देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 530,779 हो गई है। इससे पहले 10 मार्च को 440 नए मामले सामने आए थे, जबकि 09 मार्च को 379 नए मामले मिले थे, जबकि 1 नवंबर को 1,046 नए मामले सामने आए थे। सबसे अधिक सक्रिय मामले केरल में है, इसके बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में मामले सक्रिय हैं।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 9.9 करोड़ पर पहुंच गई हैं। जबकि अब तक 120,227 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन ने पिछले सात दिन के दौरान 79,475 लोगों में संक्रमण की सूचना दी है। वहीं यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो पिछले सात दिनों में कोरोना के 8.9 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं पिछले 7 दिनों में 5,389 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका में पिछले 7 दिन के दौरान 2.27 लाख नए संक्रमित सामने आए हैं। जबकि एक सप्ताह में 2,197 लोगों की जान कोरोना ने ली है।
भारत में केरल में 1,497 मामले सक्रिय हैं जबकि कर्नाटक में सक्रिय मामलों की संख्या 468 है। इसी तरह महाराष्ट्र में 405, ओडिशा में 75, हिमाचल प्रदेश में 43, तमिलनाडु में 214, हरियाणा में 43, पुडुचेरी में 38, तेलंगाना में 175, दिल्ली में 46 मामले सक्रिय हैं। आंकड़ों को देखें तो देश में अब सक्रिय मामलों की दर 0.01 प्रतिशत है, जबकि रिकवरी दर 98.8 फीसदी पर पहुंच चुकी है।
कहां किस राज्य में कुल कितने मामले
महाराष्ट्र में 8138222 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 7989393 ठीक हो चुके हैं। दूसरे नंबर पर केरल है जहां अब तक 6831446 मामले सामने आ चुके हैं। तीसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां अब तक 4074617 मामले सामने आ चुके हैं। तमिलनाडु में 3595159, आंध्रप्रदेश 2339096, उत्तरप्रदेश में 2128224, पश्चिम बंगाल में 2118862, दिल्ली में 2007634, ओडिशा में 1336719, राजस्थान में 1315647 जबकि गुजरात में भी अब तक संक्रमण के करीब 1277872 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि उनमें से 1266674 मरीज ठीक हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ में 1177804, हरियाणा में 1056778, मध्यप्रदेश में 1054986, बिहार में 851427, तेलंगाना में 841935, पंजाब 784500, इसके बाद असम 746100 का नंबर आता है। वहीं दूसरी ओर देश भर में 44155782 मरीज इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 11 मार्च 2023, सुबह 8:00 बजे तक जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में मामलों की संख्या बढ़कर 44689968 पर पहुंच चुकी है। इस संक्रमण से अब तक 530780 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि देश भर में 44155782 मरीज ठीक हो चुके हैं। भारत में प्रति दस लाख लोगों पर करीब 653,628 टेस्ट किये गए हैं। इसके साथ ही देश में अब तक वैक्सीन के 220.64 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं।
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यदि लोगों के व्यक्तिगत अनुभवों की बात करें तो इन तीन वर्षों के अंदर, उन्हें कई तरह की बीमारियों ने घेर लिया है। या यूं कहे कि शरीर से वायरस और दिमाग से डर आज तक निकल ही नहीं पा रहा है। 11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी घोषित किया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत में भी इस महामारी ने लाखों परिवारों को तबाह बर्बाद कर दिया है लेकिन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए नए अध्ययन से पता चला है कि देश में कोविड संक्रमितों का वास्तविक आंकड़ा, आधिकारिक आंकड़ों से 22 गुणा तक ज्यादा हो सकता है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि देश में वास्तविक कोविड-19 संक्रमण, आधिकारिक आंकड़ों से 17 गुणा (13 से 22 गुना के बीच) ज्यादा हो सकता है। डाउन टू अर्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के कई अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों के साथ किए इस अध्ययन के नतीजे प्रतिष्ठित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित हुए हैं। गौरतलब है कि इस अध्ययन के प्रकाशित होने से पहले देश में कोरोना संक्रमितों का कुल आधिकारिक आंकड़ा 4.5 करोड़ दर्ज किया गया था। लेकिन बीएचयू के वैज्ञानिकों का मानना है कि वास्तविकता में संक्रमितों का यह आंकड़ा 58.1 से 98.3 करोड़ के बीच हो सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह आंकड़े केवल 14 जिलों के अध्ययन के निष्कर्ष के आधार पर निकाले गए हैं।
खास है कि बीएचयू से जुड़े वैज्ञानिकों के नेतृत्व में देश के छह राज्यों के 14 जिलों में कोविड संक्रमितों पर यह अध्ययन किया गया था। अध्ययन में देश के 34 संस्थानों के 88 वैज्ञानिक शामिल थे। अपने इस अध्ययन में बीएचयू में जूलॉजी विभाग के अनुवांशिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे के नेतृत्व में टीम ने सितंबर से दिसंबर 2020 के बीच 14 जिलों के शहरी क्षेत्रों में 2,301 लोगों के बीच सीरो सर्वे किया था। यह सर्वे देश में गुजरात के अहमदाबाद और बड़ोदा, उत्तरप्रदेश में वाराणसी, जौनपुर, गाज़ीपुर, मिर्जापुर, गोरखपुर, लखनऊ, झांसी, मध्य प्रदेश में सागर और सिंगरौली, छत्तीसगढ़ के रायपुर, पश्चिम बंगाल में कोलकाता और कर्नाटक के मंगलौर जिले में किए गए थे।
निष्कर्ष के मुताबिक जहां छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में एंटीबॉडी-पॉजिटिव लोगों का अनुपात सबसे कम करीब दो से पांच फीसदी के बीच, वहीं उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में सबसे ज्यादा करीब 47.7 (39.2 से 56.3) फीसदी पाया गया था।
26 से 35 आयु के युवाओं में सबसे ज्यादा थी बिना लक्षण वाले संक्रमितों की संख्या
प्रोफेसर चौबे के अनुसार इस अध्ययन का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह था कि भारतीय आबादी के एक बड़े हिस्से में संक्रमण के बावजूद कोविड-19 के लक्षण नहीं पाए गए थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक 26 से 35 आयु वर्ग के युवाओं में ऐसे बिना लक्षण वाले संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा थी। शोधकर्ताओं के अनुसार कोविड-19 की किसी भी लहर के बाद लोगों में एंटीबॉडी टेस्ट से संक्रमण की सही स्थिति का सटीक आकलन किया जा सकता है। ऐसे में शोधकर्ताओं ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों जिनमें ज्यादातर स्ट्रीट वेंडर्स थे उनके बीच शोध किया था, क्योंकि उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का जोखिम सबसे ज्यादा था।
शोधकर्ताओं ने केवल उन्हीं लोगों से नमूने लिए थे, जिन्होंने इस बात की स्वयं जानकारी दी थी कि उनमें कभी भी कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं पाए गए थे या जिनके आरटी पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव नहीं थे।
ऐसे में रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमितों के आधिकारिक आंकड़े और संभावित रूप से वास्तविक संक्रमण के बीच बड़ी संख्या में अंतर उन मामलों के कारण हो सकता है, जिनमें इसके कोई लक्षण नहीं पाए गए थे। वहीं यदि कोविड-19 के मौजूदा आंकड़ों पर गौर करें तो देश में अब तक करीब 4.5 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 98.8 फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्य हो चुके हैं। वहीं इस महामारी से मरने वालों का आंकड़ा अब तक 530,748 पर पहुंच गया है।
खतरा अभी तक टला नहीं
कोरोना महामारी के तीन साल के बाद भी महामारी का खतरा अब तक टला नहीं है। न केवल भारत बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अभी भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। जो दर्शाता है कि अभी भी इस तरह की आपदाओं के लिए मानव जाति तैयार नहीं है। ऐसे में प्रकृति के साथ होता खिलवाड़ कितना सही है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। आइए आंकड़ों से समझते हैं देश दुनिया में कोविड-19 की कैसी है स्थिति।
भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 3,406 के आसपास बनी हुई है। 10 मार्च 2023 की सुबह आठ बजे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 3,294 थी, जबकि 9 मार्च को ये संख्या 3,177 दर्ज की गई थी। वहीं केरल अभी भी सक्रिय मामलों के मामले में सबसे ऊपर है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 456 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 320 लोग कोविड-19 से उबरे। दैनिक पॉजीटिविटी रेट 0.08 प्रतिशत और साप्ताहिक पॉजीटिविटी रेट 0.08 प्रतिशत बताई गई है। देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 530,779 हो गई है। इससे पहले 10 मार्च को 440 नए मामले सामने आए थे, जबकि 09 मार्च को 379 नए मामले मिले थे, जबकि 1 नवंबर को 1,046 नए मामले सामने आए थे। सबसे अधिक सक्रिय मामले केरल में है, इसके बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में मामले सक्रिय हैं।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 9.9 करोड़ पर पहुंच गई हैं। जबकि अब तक 120,227 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन ने पिछले सात दिन के दौरान 79,475 लोगों में संक्रमण की सूचना दी है। वहीं यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो पिछले सात दिनों में कोरोना के 8.9 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं पिछले 7 दिनों में 5,389 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका में पिछले 7 दिन के दौरान 2.27 लाख नए संक्रमित सामने आए हैं। जबकि एक सप्ताह में 2,197 लोगों की जान कोरोना ने ली है।
भारत में केरल में 1,497 मामले सक्रिय हैं जबकि कर्नाटक में सक्रिय मामलों की संख्या 468 है। इसी तरह महाराष्ट्र में 405, ओडिशा में 75, हिमाचल प्रदेश में 43, तमिलनाडु में 214, हरियाणा में 43, पुडुचेरी में 38, तेलंगाना में 175, दिल्ली में 46 मामले सक्रिय हैं। आंकड़ों को देखें तो देश में अब सक्रिय मामलों की दर 0.01 प्रतिशत है, जबकि रिकवरी दर 98.8 फीसदी पर पहुंच चुकी है।
कहां किस राज्य में कुल कितने मामले
महाराष्ट्र में 8138222 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 7989393 ठीक हो चुके हैं। दूसरे नंबर पर केरल है जहां अब तक 6831446 मामले सामने आ चुके हैं। तीसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां अब तक 4074617 मामले सामने आ चुके हैं। तमिलनाडु में 3595159, आंध्रप्रदेश 2339096, उत्तरप्रदेश में 2128224, पश्चिम बंगाल में 2118862, दिल्ली में 2007634, ओडिशा में 1336719, राजस्थान में 1315647 जबकि गुजरात में भी अब तक संक्रमण के करीब 1277872 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि उनमें से 1266674 मरीज ठीक हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ में 1177804, हरियाणा में 1056778, मध्यप्रदेश में 1054986, बिहार में 851427, तेलंगाना में 841935, पंजाब 784500, इसके बाद असम 746100 का नंबर आता है। वहीं दूसरी ओर देश भर में 44155782 मरीज इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 11 मार्च 2023, सुबह 8:00 बजे तक जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में मामलों की संख्या बढ़कर 44689968 पर पहुंच चुकी है। इस संक्रमण से अब तक 530780 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि देश भर में 44155782 मरीज ठीक हो चुके हैं। भारत में प्रति दस लाख लोगों पर करीब 653,628 टेस्ट किये गए हैं। इसके साथ ही देश में अब तक वैक्सीन के 220.64 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं।
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