लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का फैसलाः गरीब सवर्णों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

Published on: January 8, 2019
केंद्र की मोदी सरकार ने इस साल होने वाले आम चुनाव से पहले बड़ा दांव चला है। सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। सरकार की ओर से आरक्षण के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।



मोदी सरकार के इस फैसले के बाद राजनीतिक सरगर्मियां शुरु हो गई हैं। वहीं सोशल मीडिया पर इसको लेकर हंगामा मचा हुआ है।  समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, जिन लोगों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये सालाना से कम है उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही इसके लिए शहर में 1000 स्क्वेयर फीट से छोटे मकान और 5 एकड़ से कम की कृषि भूमि की होना जरूरी होगा।

इस फैसले के मुताबिक,  राजपूत, भूमिहार, बनिया, जाट, गुर्जर को इस श्रेणी में आरक्षण मिलेगा। आरक्षण शिक्षा (सरकार या प्राइवेट)  सार्वजनिक रोजगार में इसका लाभ मिलेगा। आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है।

लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण की मांग की जा रही थी। लिहाजा सूत्रों के मुताबिक आरक्षण का कोटा मौजूदा 49.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 59.5 प्रतिशत किया जाएगा। इसमें से 10 फीसदी कोटा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए होगा।

केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी कोटे का प्रस्ताव तो पास कर दिया है, लेकिन इसे लागू करवाने की राह अभी काफी मुश्किल है। सरकार को इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा। इसके लिए उसे संसद में अन्य दलों के समर्थन की भी जरूरत होगी।

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