ग्वालियर से अगवा कर युवक के साथ अमानवीयता की गई और जब हालत बिगड़ी तो आरोपी फरार हो गए। SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।

साभार : द मूकनायक
मध्य प्रदेश के भिंड जिले से एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक दलित समुदाय के ड्राइवर ने तीन युवकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित के अनुसार, आरोपितों ने उसे बंधक बनाकर न केवल बेरहमी से पीटा, बल्कि उसे जबरन पेशाब पीने के लिए भी मजबूर किया।
मामले की सूचना मिलते ही पीड़ित को मंगलवार सुबह भिंड जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं एडिशनल एसपी संजीव पाठक और कलेक्टर करोड़ी लाल मीणा अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी ली।
लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित युवक ने पुलिस को बताया कि वह पेशे से ड्राइवर है। पहले वह दतावली गांव के निवासी सोनू बरुआ की बोलेरो गाड़ी चलाता था, लेकिन कुछ दिन पहले उसने यह काम छोड़ दिया था। इसके बाद वह ग्वालियर के दीनदयाल नगर स्थित अपने ससुराल में रहने लगा।
ड्राइवर के अनुसार, सोमवार रात सोनू बरुआ अपने दो साथियों — आलोक पाठक (दतावली निवासी) और छोटू ओझा (भिंड निवासी) — के साथ उसके ससुराल पहुंचा। तीनों ने जबरन उसे अपनी कार में बैठाया और अगवा कर भिंड के सुरपुरा गांव ले गए।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि सुरपुरा गांव लाने के बाद तीनों आरोपियों ने उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया। उसे बंधक बनाकर रखा गया, बेरहमी से पीटा गया और जबरन शराब पिलाई गई। पीड़ित का सबसे गंभीर आरोप यह है कि उसे जबरदस्ती पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया। मारपीट के चलते जब उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो आरोपी उसे वहीं छोड़कर फरार हो गए। इसके बाद पीड़ित ने किसी तरह अपने परिवार को फोन कर घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
एएसपी संजीव पाठक ने मीडिया को बताया कि पीड़ित ड्राइवर की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों के खिलाफ मारपीट, बंधक बनाने और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो मुख्य आरोपियों — सोनू बरुआ और आलोक पाठक — को हिरासत में ले लिया है, जबकि तीसरे आरोपी छोटू ओझा की तलाश जारी है। एएसपी ने बताया कि पीड़ित द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप, जिनमें जबरन पेशाब पिलाने का दावा भी शामिल है, की जांच की जा रही है। पुलिस मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात हो कि कुछ ही दिनों पहले मध्य प्रदेश के कटनी जिले के बहोरीबंद थाना क्षेत्र के ग्राम मटवारा में अवैध खनन के विरोध पर एक दलित युवक के साथ अमानवीय घटना सामने आई थी। गांव के दबंगों ने न केवल युवक की बेरहमी से पिटाई की, बल्कि उसके ऊपर पेशाब करने जैसी शर्मनाक हरकत भी की।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित राजकुमार चौधरी ने बताया कि उसने अपने खेत के पास हो रहे अवैध खनन का विरोध किया था। इससे गुस्साए गांव के सरपंच रामानुज पांडेय, उनके बेटे पवन पांडेय, भतीजे सतीश पांडेय और अन्य लोगों ने मिलकर उसे पकड़ लिया और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। बीच-बचाव करने आई पीड़ित की मां को भी बाल पकड़कर घसीटा गया और उसके साथ भी मारपीट की गई।
पीड़ित का आरोप था कि पिटाई के दौरान सरपंच के बेटे पवन पांडेय ने उसके ऊपर पेशाब कर दिया। आरोपियों ने जातिसूचक गालियां दीं और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी।
घायल युवक ने अपनी मां के साथ तीन दिन जिला अस्पताल में इलाज कराने के बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी दी।
पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उसे गांव वापस न आने की धमकी दी, जिसके कारण वह अब गांव लौटने से डर रहा था। दबंगों ने साफ कहा कि यदि वह वापस आया तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने इतनी बेरहमी से पिटाई की कि वह तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती रहा।
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साभार : द मूकनायक
मध्य प्रदेश के भिंड जिले से एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक दलित समुदाय के ड्राइवर ने तीन युवकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित के अनुसार, आरोपितों ने उसे बंधक बनाकर न केवल बेरहमी से पीटा, बल्कि उसे जबरन पेशाब पीने के लिए भी मजबूर किया।
मामले की सूचना मिलते ही पीड़ित को मंगलवार सुबह भिंड जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं एडिशनल एसपी संजीव पाठक और कलेक्टर करोड़ी लाल मीणा अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी ली।
लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित युवक ने पुलिस को बताया कि वह पेशे से ड्राइवर है। पहले वह दतावली गांव के निवासी सोनू बरुआ की बोलेरो गाड़ी चलाता था, लेकिन कुछ दिन पहले उसने यह काम छोड़ दिया था। इसके बाद वह ग्वालियर के दीनदयाल नगर स्थित अपने ससुराल में रहने लगा।
ड्राइवर के अनुसार, सोमवार रात सोनू बरुआ अपने दो साथियों — आलोक पाठक (दतावली निवासी) और छोटू ओझा (भिंड निवासी) — के साथ उसके ससुराल पहुंचा। तीनों ने जबरन उसे अपनी कार में बैठाया और अगवा कर भिंड के सुरपुरा गांव ले गए।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि सुरपुरा गांव लाने के बाद तीनों आरोपियों ने उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया। उसे बंधक बनाकर रखा गया, बेरहमी से पीटा गया और जबरन शराब पिलाई गई। पीड़ित का सबसे गंभीर आरोप यह है कि उसे जबरदस्ती पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया। मारपीट के चलते जब उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो आरोपी उसे वहीं छोड़कर फरार हो गए। इसके बाद पीड़ित ने किसी तरह अपने परिवार को फोन कर घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
एएसपी संजीव पाठक ने मीडिया को बताया कि पीड़ित ड्राइवर की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों के खिलाफ मारपीट, बंधक बनाने और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो मुख्य आरोपियों — सोनू बरुआ और आलोक पाठक — को हिरासत में ले लिया है, जबकि तीसरे आरोपी छोटू ओझा की तलाश जारी है। एएसपी ने बताया कि पीड़ित द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप, जिनमें जबरन पेशाब पिलाने का दावा भी शामिल है, की जांच की जा रही है। पुलिस मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात हो कि कुछ ही दिनों पहले मध्य प्रदेश के कटनी जिले के बहोरीबंद थाना क्षेत्र के ग्राम मटवारा में अवैध खनन के विरोध पर एक दलित युवक के साथ अमानवीय घटना सामने आई थी। गांव के दबंगों ने न केवल युवक की बेरहमी से पिटाई की, बल्कि उसके ऊपर पेशाब करने जैसी शर्मनाक हरकत भी की।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित राजकुमार चौधरी ने बताया कि उसने अपने खेत के पास हो रहे अवैध खनन का विरोध किया था। इससे गुस्साए गांव के सरपंच रामानुज पांडेय, उनके बेटे पवन पांडेय, भतीजे सतीश पांडेय और अन्य लोगों ने मिलकर उसे पकड़ लिया और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। बीच-बचाव करने आई पीड़ित की मां को भी बाल पकड़कर घसीटा गया और उसके साथ भी मारपीट की गई।
पीड़ित का आरोप था कि पिटाई के दौरान सरपंच के बेटे पवन पांडेय ने उसके ऊपर पेशाब कर दिया। आरोपियों ने जातिसूचक गालियां दीं और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी।
घायल युवक ने अपनी मां के साथ तीन दिन जिला अस्पताल में इलाज कराने के बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी दी।
पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उसे गांव वापस न आने की धमकी दी, जिसके कारण वह अब गांव लौटने से डर रहा था। दबंगों ने साफ कहा कि यदि वह वापस आया तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने इतनी बेरहमी से पिटाई की कि वह तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती रहा।
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